अंतिम नवंबर 2023 में एक 19 मिनट और 34 सेकंड का वीडियो इंस्टाग्राम और अन्य सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर वायरल हो गया, जिसमें एक युवा भारतीय जोड़े को अश्लील स्थिति में दिखाया गया। लेकिन जो बात सच थी, वह थी इस वीडियो के आसपास फैली गलत जानकारी की एक बड़ी लहर। कुछ लोगों ने दावा किया कि इस वीडियो की असली महिला ने शर्म से आत्महत्या कर ली, लेकिन यह पूरी तरह से झूठ निकला। ज़ी न्यूज़, न्यूज़18 और न्यूटीवी जैसे स्रोतों ने पुष्टि की कि मृत्यु का वीडियो और वायरल वीडियो दोनों अलग-अलग व्यक्तियों से जुड़े थे। यह गलत संबंध बनाने वाले इंस्टाग्राम क्रिएटर्स की एक अंधी खोज थी — जिन्हें वायरल होने के लिए कुछ भी करना था।
गलत पहचान का खेल: सुवेत जन्नत का आवाज
इस वायरल वीडियो के साथ जुड़ने वाली पहली और सबसे ज्यादा नाम लिया जाने वाली व्यक्ति इंस्टाग्राम इन्फ्लुएंसर सुवेत जन्नत (इंस्टाग्राम हैंडल: sweet_zannat) थीं। उन्होंने एक स्पष्ट वीडियो में अपनी पहचान नकारते हुए कहा: "हेलो गुड्स, पहले मुझे अच्छी तरह से देखो... अब उसे देखो... क्या वह मेरी तरह लगती है? कमेंट में बताओ, नहीं न? फिर सब मुझे कमेंट कर रहे हैं '19 मिनट'? किसी का गड़बड़ बन रहा है मेरे ऊपर..."
उन्होंने और भी स्पष्ट किया: "वीडियो में लड़की अंग्रेजी बोल रही है, और मैं अंग्रेजी नहीं बोलती।" उनका टोन नाराजगी से भरा था, लेकिन एक तरह से हास्य भी — जैसे कोई अपनी जिंदगी के बारे में चिंता कर रहा हो, लेकिन उसकी बात को सुनने वाला कोई न हो। उन्होंने अपने फॉलोअर्स को चुनौती दी: "तुम मुझे फ्री में वायरल कर रहे हो? ठीक है, चलो जाओ, मुझे क्या फर्क पड़ता है? मुझे तो अच्छे फॉलोअर्स भी मिल रहे हैं!"
AI ने बनाया 'सीजन 2' और 'सीजन 3'
जब लोगों को असली वीडियो नहीं मिल रहा था, तो AI एक्सपर्ट्स ने उसके आगे के भाग बनाना शुरू कर दिए। फ्री प्रेस जर्नल की रिपोर्ट के मुताबिक, इंटरनेट पर 'सीजन 2' और 'सीजन 3' के नाम से फेक वीडियो फैलने लगे। ये वीडियो असली वीडियो के आधार पर बनाए गए थे — चेहरे, आवाज़, बॉडी लैंग्वेज को AI ने जोड़कर नए दृश्य बना दिए। इस तरह, एक अज्ञात वीडियो ने एक पूरा डिजिटल बाजार बना दिया।
इसके साथ ही कई अन्य महिलाएं भी गलत तरीके से पहचानी गईं। उन्हें टिप्पणियों में अश्लील टिप्पणियां मिलने लगीं। कुछ ने उनके घर का पता ढूंढ निकाला, कुछ ने उनके फैमिली मेंबर्स को फोन किया। यह सिर्फ एक वीडियो नहीं, एक डिजिटल हमला था।
क्या वास्तव में कोई आत्महत्या हुई?
एक अलग वीडियो — जिसमें पुलिस एक महिला के शव की जांच कर रही है — इस वायरल वीडियो के साथ जोड़ दिया गया। लोगों ने दावा किया कि यही वह महिला है जिसने शर्म से आत्महत्या कर ली। लेकिन ज़ी न्यूज़ और हिंदुस्तान टाइम्स ने जांच की और पाया कि यह शव एक अलग व्यक्ति का था, जिसकी मृत्यु अलग कारणों से हुई थी। यह जानकारी गलत तरीके से जोड़ी गई थी — ताकि एक असली त्रासदी को एक वायरल ड्रामे में बदल दिया जा सके।
यही बात न्यूटीवी ने भी कही: "किसी भी समाचार संस्थान ने इस वीडियो की पुष्टि नहीं की है।" अभी तक यह भी अज्ञात है कि वीडियो किसने बनाया, कैसे लीक हुआ, या क्या यह पूरी तरह AI जनित है।
साइबर ठगी और गैरकानूनी लिंक्स
जब लोग वीडियो देखने के लिए बेचैन हो गए, तो ऑनलाइन ठगों ने इसका फायदा उठाया। उन्होंने फेक लिंक्स बनाए, जिन पर क्लिक करने से फोन या बैंक डिटेल्स चुरा ली जाती थीं। कुछ ईमेल्स में लिखा जाता था: "19 मिनट का वीडियो अभी डाउनलोड करें — यह आखिरी मौका है!"
इसके अलावा, भारतीय कानून के तहत, ऐसी सामग्री को शेयर करना एक अपराध है। सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम, 2000 की धारा 67 के तहत, ऐसा करने पर तीन साल तक की सजा और पांच लाख रुपये तक का जुर्माना हो सकता है। लेकिन यह कानून तब तक असरदार नहीं हो पा रहा जब तक लोग इसे समझते नहीं।
क्यों ये बात इतनी खतरनाक है?
इस घटना की सबसे बड़ी चिंता यह है कि यह सिर्फ एक वीडियो का मामला नहीं है — यह एक डिजिटल अपराध का नमूना है। महिलाओं को बिना किसी सबूत के अश्लील सामग्री से जोड़ना एक नियमित अभ्यास बन गया है। और जब यह वायरल हो जाता है, तो उनकी जिंदगी बर्बाद हो जाती है।
सुवेत जन्नत के मामले में यह देखने को मिला कि एक महिला ने अपनी आवाज़ उठाई और लोगों को चुनौती दी — और उसका वीडियो लाखों बार देखा गया। लेकिन ऐसी कितनी महिलाएं होंगी जिनके पास इतना साहस नहीं है? कितनी महिलाएं अपने फोन बंद कर देती हैं, अपने अकाउंट डिलीट कर देती हैं, या फिर अपनी जिंदगी बदल देती हैं?
अगला कदम क्या होगा?
सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स को अब फेक कंटेंट को रोकने के लिए AI टूल्स बढ़ाने की जरूरत है। लेकिन यह सिर्फ तकनीकी समस्या नहीं है — यह सामाजिक समस्या है। हमें अपने बच्चों को सिखाना होगा कि वायरल होने के लिए कुछ भी शेयर करना ठीक नहीं है।
कुछ राज्यों ने पहले ही जांच शुरू कर दी है। गुजरात, बिहार, उत्तर प्रदेश, दिल्ली और महाराष्ट्र से सबसे ज्यादा सर्च आ रहे थे — यह बताता है कि यह मुद्दा शहरी और ग्रामीण दोनों इलाकों में फैला हुआ है।
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
19 मिनट के वीडियो में कौन है?
अभी तक किसी भी समाचार संस्थान ने वीडियो में दिखाई गई महिला की पहचान नहीं की है। जांच जारी है, लेकिन इसके बारे में कोई आधिकारिक जानकारी नहीं है। यह वीडियो शायद AI द्वारा बनाया गया हो सकता है, या फिर किसी अज्ञात व्यक्ति द्वारा लीक किया गया है।
क्या वायरल वीडियो के बाद किसी ने आत्महत्या की?
नहीं, यह झूठ है। जो वीडियो मृत्यु के साथ जोड़ा गया, वह पूरी तरह अलग व्यक्ति से संबंधित था। इसे गलत तरीके से जोड़कर लोगों को भ्रमित किया गया। ज़ी न्यूज़ और हिंदुस्तान टाइम्स ने इसे स्पष्ट रूप से खंडन किया है।
सुवेत जन्नत वायरल वीडियो में हैं?
नहीं, सुवेत जन्नत ने खुद एक वीडियो में इसे खंडन किया है। उन्होंने स्पष्ट किया कि वीडियो में लड़की अंग्रेजी बोल रही है, जबकि वह नहीं बोल सकतीं। उन्हें गलत तरीके से जोड़ा गया था और उन पर अश्लील टिप्पणियां की गईं।
ऐसे वीडियो शेयर करना कानूनी है?
नहीं, यह अपराध है। भारतीय सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम, 2000 की धारा 67 के तहत, ऐसी सामग्री को शेयर करने पर तीन साल तक की कैद और पांच लाख रुपये तक का जुर्माना हो सकता है। यह न केवल अश्लीलता का मामला है, बल्कि व्यक्ति की गोपनीयता का उल्लंघन भी है।
AI ने इस वायरल वीडियो में क्या भूमिका निभाई?
AI ने वायरल वीडियो के आधार पर 'सीजन 2' और 'सीजन 3' जैसे फेक वीडियो बनाए, जिनमें चेहरे, आवाज़ और बॉडी लैंग्वेज को बदलकर नए दृश्य बनाए गए। यह वीडियो असली नहीं थे, लेकिन इतने वास्तविक लगते थे कि लोग उन्हें सच मानने लगे।
इस घटना से हमें क्या सीख मिलती है?
हमें सीखना होगा कि वायरल होने के लिए कुछ भी शेयर न करें। अगर कोई वीडियो अश्लील या अज्ञात है, तो उसे आगे न भेजें। और अगर कोई महिला गलत तरीके से जुड़ी हो, तो उसके खिलाफ टिप्पणी न करें — उसे समर्थन दें। डिजिटल दुनिया में हर एक क्लिक का असर होता है।