मोरक्को ने अर्जेंटीना को चौंकाया
2024 पेरिस ओलंपिक में फुटबॉल टूर्नामेंट की शुरुआत में ही मोरक्को ने अर्जेंटीना को 2-1 से हरा दिया, जिससे कई लोगों की उम्मीदों पर पानी फिर गया। अर्जेंटीना के कोच जावियर माशेरानो की टीम की यह उम्मीद थी कि वे गोल्ड मेडल जीतकर वापसी करेंगे, लेकिन मैदान पर असलियत कुछ और ही साबित हुई।
खेल का रोमांचक आरंभ
पहले हाफ के अंत में मोरक्को के कप्तान अचरफ हकीमी ने सोफियाने रहिमी को एक शानदार पास देकर गोल का मौका दिया। रहिमी ने इस मौके को हाथ से जाने नहीं दिया और पहला गोल दाग दिया। दूसरे हाफ में, एक विवादास्पद पेनाल्टी के जरिए रहिमी ने एक और गोल किया और मोरक्को को 2-0 से आगे कर दिया।
अर्जेंटीना की वापसी की कोशिश
अर्जेंटीना ने इसके बाद अपनी पूरी कोशिश की और गोल करने के लिए कई मौके बनाए। गिउलियानो सिमियोन और क्रिस्टियन मेदीना ने आखिरकार दो गोल करके स्कोर 2-2 से बराबर कर दिया। हालांकि, मैच के अंत में मोरक्को की आक्रमण पंक्ति ने एक और मौक़ा बनाते हुए अंतिम स्कोर 2-1 कर दिया।
प्रशंसकों का हंगामा
इस रोमांचक मुकाबले के दौरान फ़ील्ड पर एक अप्रत्याशित मोड़ आया जब प्रशंसकों ने मैदान पर हंगामा शुरू कर दिया। इससे मैच की गति पर असर पड़ा और खिलाड़ियों को थोड़ी देर के लिए खेल रोकना पड़ा। ये घटना वास्तव में मैच की विवादास्पद छवि को और बढ़ा गया।
स्पेन की जीत
दूसरे मैच में स्पेन की टीम उज़्बेकिस्तान से भिड़ी और उन्होंने 2-1 से जीत दर्ज की। स्पेन ने मारक प्यूबिल के गोल से शुरुआत की। उज़्बेकिस्तान के एल्डोर शोमुरोदोव ने पेनाल्टी के जरिए स्कोर बराबर कर दिया। हांलांकि, सर्जियो गोमेज ने स्पेन के लिए निर्णायक गोल कर जीत पक्की कर दी।
मुश्किलें और योजनाएं
अर्जेंटीना के कोच जावियर माशेरानो ने इस टूर्नामेंट के लिए लिओनेल मेसी को टीम में शामिल करने की उम्मीद की थी, लेकिन वे इस प्रयास में विफल रहे। यह भी एक बड़ा कारण माना जा रहा है कि अर्जेंटीना की टीम में वह धार नहीं दिखी जिसकी उम्मीद की जा रही थी।
निष्कर्ष
कुल मिलाकर, 2024 पेरिस ओलंपिक में फुटबॉल टूर्नामेंट की शुरुआत बेहद ही रोमांचक और विवादास्पद रही। मोरक्को की जीत ने दर्शाया है कि आने वाले मुकाबलों में कौन सी टीम किस तरह का प्रदर्शन करेगी ये कहना मुश्किल है। प्रशंसकों की इस हंगामे के बाद क्या कदम उठाए जाएंगे यह देखना भी रोचक होगा।
MAYANK PRAKASH
जुलाई 25, 2024 AT 02:41वाह, मोरक्को ने अर्जेंटीना को हराया? ये तो बड़ी बात है! अर्जेंटीना की टीम में मेसी नहीं थे, लेकिन फिर भी ऐसा नतीजा अच्छा नहीं लगा। मोरक्को के खिलाड़ियों ने असली जुनून दिखाया।
कभी-कभी टीम का नाम नहीं, बल्कि उसका दिल जीतता है।
Akash Mackwan
जुलाई 25, 2024 AT 15:43हंगामा करने वाले प्रशंसकों को बर्बर कहना कम है! ओलंपिक मैदान पर भीड़ घुस गई और खिलाड़ियों को डरा दिया। ये नहीं होना चाहिए था।
अर्जेंटीना के लिए ये शर्म की बात है - बिना मेसी के भी ऐसा खेल नहीं खेलना चाहिए था।
Amar Sirohi
जुलाई 26, 2024 AT 04:15इस मैच को सिर्फ एक फुटबॉल मैच नहीं कहना चाहिए - ये तो एक सांस्कृतिक टकराव है। मोरक्को की टीम ने अपनी जड़ों की गर्व से खेला, जबकि अर्जेंटीना एक अतीत के छायाचित्र में फंसी हुई थी।
मेसी की अनुपस्थिति सिर्फ एक खिलाड़ी की कमी नहीं, बल्कि एक भावनात्मक आधार की कमी थी।
जब एक टीम अपने इतिहास के बोझ के साथ खेलती है, तो वह भविष्य की ओर नहीं देख पाती।
मोरक्को के खिलाड़ियों ने अपने घर की धूल से बना हुआ एक नया सपना दिखाया - जो किसी बड़े नाम के आगे नहीं झुका।
हंगामा करने वाले प्रशंसक भी इसी भावना के विकृत रूप थे - अपनी निराशा को आवाज देने के लिए।
हम जब खेल को एक अभिमान का साधन बना लेते हैं, तो वह खेल नहीं रह जाता, बल्कि एक युद्ध बन जाता है।
और युद्ध में कोई विजेता नहीं होता, सिर्फ घायल होते हैं।
मोरक्को की जीत ने हमें याद दिलाया कि असली शक्ति नाम नहीं, बल्कि दिल से आती है।
ये मैच अर्जेंटीना के लिए एक चेतावनी है - अतीत के आभास से निकलकर अपने वर्तमान को खोजो।
और प्रशंसकों के लिए? शायद अब तुम्हें भी अपने गुस्से को खेल के बाहर रखना सीखना होगा।
खेल तो खेल है, लेकिन इंसानियत तो हम सबकी है।
Nagesh Yerunkar
जुलाई 27, 2024 AT 12:53अर्जेंटीना के लिए ये शर्मनाक है 😔। मेसी के बिना भी इतना बुरा खेलना अनुचित है।
प्रशंसकों का मैदान में घुसना? ये तो अपराध है 🚨।
क्या ओलंपिक कमेटी इसे अनदेखा कर रही है? 😳
मोरक्को की जीत कोई चमत्कार नहीं - ये तो अर्जेंटीना की लापरवाही है।
अब तो फिर से बहस शुरू हो जाएगी कि क्या ओलंपिक अभी भी वैध है? 🤔
Daxesh Patel
जुलाई 28, 2024 AT 07:37गोल का स्कोर 2-1 है ना? लेकिन टेक्स्ट में लिखा है कि अर्जेंटीना ने 2-2 कर दिया, फिर मोरक्को ने 2-1 किया - ये गलत है।
अगर अर्जेंटीना ने 2-2 किया तो अंतिम स्कोर 2-2 होना चाहिए, या फिर मोरक्को ने 3-2 किया होगा।
कृपया डेटा चेक कर लें।
और जावियर माशेरानो के बारे में लिखा है - लेकिन वो तो अर्जेंटीना के युवा टीम के कोच हैं, न कि सीनियर टीम के।
ये गलती बड़ी है।
क्या लेखक ने फुटबॉल का इतिहास भूल दिया? 😅
Jinky Palitang
जुलाई 29, 2024 AT 09:37मोरक्को के खिलाड़ियों का जोश देखकर मन भर गया 😊
हंगामा तो बहुत बुरा लगा, लेकिन खेल तो बेहतरीन था।
मैं तो अर्जेंटीना के लिए दुखी हूँ, लेकिन मोरक्को की जीत पर तालियाँ बजाना चाहती हूँ 🙌
Sandeep Kashyap
जुलाई 29, 2024 AT 20:04अर्जेंटीना के लिए ये एक शिक्षा है - जब तक तुम अपने अतीत के साथ लिपटे रहोगे, तब तक तुम भविष्य को नहीं छू पाओगे।
मोरक्को के खिलाड़ियों ने दिखाया कि जुनून, टीमवर्क और निडरता से क्या हो सकता है।
हर एक बच्चे को ये देखना चाहिए - नाम नहीं, दिल से खेलो।
मोरक्को की टीम को अगले मैच के लिए बहुत बहुत शुभकामनाएँ! 💪❤️
हम तुम्हारे साथ हैं!
Aashna Chakravarty
जुलाई 31, 2024 AT 01:27ये सब अमेरिका और यूरोप की साजिश है! मोरक्को की जीत बिल्कुल भी असली नहीं है।
प्रशंसकों का हंगामा तो बस एक ढोंग है - वो सब फेक न्यूज़ वाले हैं जो इसे फैला रहे हैं।
मेसी को टीम में नहीं डालने का असली कारण? वो अमेरिकी लॉबी ने उसे बाहर कर दिया - वो चाहते थे कि अर्जेंटीना हारे।
मोरक्को के खिलाड़ियों के पास अमेरिकी फार्मेसी के ड्रग्स होंगे - वो नहीं खेल सकते थे, वो दवाओं से खेल रहे थे।
अगर तुम्हें लगता है ये असली है, तो तुम भी उनके साथ हो।
मैं इसे रिपोर्ट कर दूंगी - ये एक वैश्विक षड्यंत्र है। 🕵️♀️
Kashish Sheikh
अगस्त 1, 2024 AT 03:08मोरक्को की टीम का खेल देखकर मेरा दिल भर गया ❤️
अर्जेंटीना के लिए दुख हुआ, लेकिन खेल का जादू तो वहीं था जहाँ दिल ने जीता।
मोरक्को के खिलाड़ियों के लिए बहुत बधाई - तुमने दुनिया को दिखा दिया कि छोटे देश भी बड़े सपने देख सकते हैं।
प्रशंसकों के हंगामे के लिए दुख है, लेकिन खेल का मनोबल तो बरकरार है।
इस जीत के साथ मोरक्को की फुटबॉल संस्कृति भी दुनिया के नक्शे पर आ गई। 🌍⚽
अगले मैच में भी ऐसा ही जोश दिखाओ!