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अजिम प्रेंजी फाउंडेशन ने आर्थिक रूप से कमजोर लड़कियों के लिए नई छात्रवृत्ति योजना लॉन्च की

अजिम प्रेंजी फाउंडेशन ने आर्थिक रूप से कमजोर लड़कियों के लिए नई छात्रवृत्ति योजना लॉन्च की

विवरण और लक्ष्य

अजिम प्रेंजी फाउंडेशन ने एक व्यापक छात्रवृत्ति योजना के तहत उन लड़कियों को आर्थिक मदद प्रदान करने का बीड़ा उठाया है जो सरकारी स्कूलों से क्लास 10 और 12 पास कर चुकी हैं, परन्तु आगे पढ़ाई के लिए पैसों की कमी झेली रहती है। इस योजना में प्रत्येक चयनित छात्रा को प्रति वर्ष ₹30,000 सीधे उसकी बैंक खाते में ट्रांसफर किया जाएगा। मदद तब तक जारी रहेगी जब तक वह अपनी पहली स्नातक डिग्री या डिप्लोमा कोर्स पूरा नहीं ले लेती—जो भी 2 से 5 साल के बीच हो सकता है।

फाउंडेशन ने इस कदम को भारत के 19 राज्य और केंद्र शासित क्षेत्रों में लागू करने का निर्णय लिया है, जिनमें अरुणाचल प्रदेश, असम, बिहार, मध्य प्रदेश, कर्नाटक, उत्तर प्रदेश आदि शामिल हैं। कुल लक्ष्य 2.5 लाख छात्राओं तक पहुँच बनाना है, ताकि वे बिना आर्थिक बोझ के अपनी पढ़ाई जारी रख सकें।

कैसे करें आवेदन

कैसे करें आवेदन

यात्रा आसान रखने के लिए फाउंडेशन ने ऑनलाइन पोर्टल (azimpremjifoundation.org) पर एक सरल आवेदन प्रक्रिया तैयार की है। आवेदन के मुख्य चरण इस प्रकार हैं:

  1. आधिकारिक वेबसाइट पर जाकर आवेदन फॉर्म डाउनलोड या सीधे ऑनलाइन भरें।
  2. समान्य रूप से सरकारी स्कूल से क्लास 10 और 12 के प्रमाणपत्र, तथा मान्यता प्राप्त विश्वविद्यालय या कॉलेज में पहले साल का एडमीशन लेटर अपलोड करें।
  3. फ़ॉर्म जमा करने के बाद, चयन समिति द्वारा योग्यता की जाँच होगी और योग्य उम्मीदवारों को ई‑मेल या एसएमएस द्वारा सूचना भेजी जाएगी।
  4. स्वीकृत होने के बाद, छात्रा को दो किस्तों में ₹15,000‑₹15,000 मिलेंगे; पहला ट्रांसफ़र कोर्स शुरू होने के तुरंत बाद और दूसरा अकादमिक साल के अंत में।
  5. यदि छात्रा कोर्स पूरा नहीं करती या बीच में छोड़ देती है, तो फाउंडेशन अगले साल के लिए पुन: मूल्यांकन करके पुनः सहायता प्रदान करने का विकल्प रखता है।

आवेदन की अंतिम तिथि 30 सितंबर 2025 निर्धारित की गई है, इसलिए इच्छुक छात्राओं को देरी नहीं करनी चाहिए। फॉर्म भरते समय सभी दस्तावेज़ स्पष्ट और स्कैन किए हुए होने चाहिए, ताकि प्रक्रिया में कोई अड़चन न आए।

फाउंडेशन का मानना है कि शिक्षा के रास्ते में आर्थिक बाधाएं सबसे बड़ी रुकावट होती हैं, ख़ासकर ग्रामीण और पिछड़े क्षेत्रों में। इस छात्रवृत्ति के माध्यम से न केवल व्यक्तिगत भविष्य संवारने की उम्मीद है, बल्कि सामाजिक स्तर पर भी समानता की दिशा में एक ठोस कदम माना जा रहा है।

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