जब भारत महिला क्रिकेट टीम ने इंग्लैंड महिला क्रिकेट टीम को दूसरा T20I में 24 रन से हराया, तो ब्रीस्टल के County Ground में तम्बू के नीचे शौक़ीन दर्शकों ने इतिहास का एक नया पन्ना देखा। यह जीत, 1 जुलाई 2025 को हुई, ने भारत को पाँच‑मैच वाली श्रृंखला में 2‑0 की बढ़त दिला दी, जिससे वे इंग्लैंड की धरती पर पहले से ही एक जीत दूर थे। इस परिणाम का मूल कारण दो युवा तारों – जेमिमाह रोड्रिगेज (63 रन) और अमनजोत कौर (63* रन) – की साझेदारी थी, जिसने टीम को 31/3 के खतरे से बाहर निकाला।
भारत ने पहले ही मैच में 97 रन से बड़ा अंतर बनाकर जीत हासिल की थी, जिससे उनके आत्मविश्वास की लहर सीरीज़ के दूसरे खेल में भी जारी रही। इँडियन ने शुरुआती ओवरों में तेज़ गति के साथ शॉट्स नहीं लगाए, बल्कि लर्न बेली और अन्य इंग्लिश बॉलर्स ने 6 ओवर में 31 रन देकर शुरुआती पावरप्ले को मोड़ा। इस निचले दबाव को दूर करने के लिए दो लम्बी साझेदारियों की जरूरत थी – और यहाँ से कहानी बदल गई।
जेमिमाह ने 41 गेंदों में तेज़ी से 63 रन बनाए, जिसमें नौ बॉन्ड्री और एक छक्का शामिल था। उसका इंटेंस लेकिन सटीक खेल ने गेंदबाज़ी को बिगाड़ दिया। वहीं, अमनजोत कौर ने 40 गेंदों में 63* अनबंटेड रखी, नौ बॉन्ड्री और कई हाई‑टेम्पो स्कूप मारकर पूरे मैदान को हिलाकर रख दिया। इस 93‑रन की साझेदारी को 55 गेंदों में पूरा किया गया, जिससे भारत ने 181/4 का भारी स्कोर चढ़ाया – जो इंग्लैंड में खेले गए भारतीय टीम के सबसे बड़े T20I लक्ष्यों में से एक है।
इंग्लैंड ने 157/7 पर जवाब दिया, जिसके पीछे टैमी बेउटन का 54‑रन पावरफुल इन्फ़ॉर्मेशन था, साथ में सोफी इकल्स्टोन (35) और एमी जॉन्स (32) के योगदान रहे। लेकिन भारतीय गेंदबाजों ने लगातार दबाव बनाए रखा। श्री चारानी ने 2 विकेट 28 रन पर लिए, जबकि अमनजोत ने 1 विकेट 28 रन पर लीं। लर्न बेली ने 2 विकेट 17 रन देकर भी टीम को बचाने की कोशिश की, पर अंत में भारत ने 24‑रन से जीत पक्की कर ली।
अमनजोत की कहानी सिर्फ इस मैच तक सीमित नहीं है। मोहाल्ली, पंजाब की रहने वाली वह, एक कारपेंटर के घर से आती हैं। उन्होंने एपीजे स्मार्ट स्कूल, चंडीगढ़ से शिक्षा ली और फिर गुरु गोबिंद सिंह कॉलेज फॉर वूमेन से स्नातक किया। 2025 में उन्होंने वुमेन्स ODI चैलेंजर ट्रॉफी में पुनः प्रवेश किया, जहां उनका ऑल‑राउंड प्रदर्शन विशेष रहा। इसी वर्ष के WPL में उन्होंने 10 मैचों में 42 औसत से बैटिंग की और 5 विकेट लिए, जिससे उन्हें भारतीय टीम का “पहला‑चुना” ऑल‑राउंडर कहा गया।
इंग्लैंड टूर के बाद वह ODI स्क्वाड में शामिल नहीं हो पाईं, और ऑस्ट्रेलिया सीरीज से भी खुद को हटाया। उनका कारण – “मैं 100% फिट नहीं रहूँगी तो नहीं खेलूँगी” – था। उन्होंने कहा: “मेरे शरीर को थोड़ा आराम चाहिए था, वर्ल्ड कप के लिए ताज़ा रहना चाहता हूँ।” इस रणनीतिक ब्रेक ने उन्हें 2025 की वर्ल्ड कप में शानदार प्रदर्शन करने का मौका दिया, जहाँ उन्होंने गुआहती में भी अपने क्लासिक शॉट्स दिखाए।
तीसरा T20I 4 जुलाई 2025 को लंदन के The Kia Oval में रात के मैच के रूप में खेला जाएगा। अगर भारत जीतता रहा, तो उन्हें अंग्रेज़ी धरती पर पहली बार T20I श्रृंखला जीत का ख़ास मुकाम हासिल होगा। इस जीत के बाद, भारतीय कप्तान (अभी तक आधिकारिक रूप से घोषित नहीं) का एक नया लीडरशिप मॉडल और महिला क्रिकेट के विकास में नई दुविधाएँ उत्पन्न होंगी। विशेषज्ञों का मानना है कि यह जीत महिलाओं के खेल को आगे बढ़ाने के लिए एक बड़ा प्रोत्साहन होगी।
इतिहास में पहली बार इंग्लैंड में श्रृंखला जीतने से युवा लड़कियों में खेल की आकर्षण बढ़ेगा, प्रायोजकों की रुचि बढ़ेगी और बुनियादी ढाँचे में निवेश तेज़ होगा। बोर्ड अब अधिक घरेलू टूर्नामेंट और बेसिक सुविधाएँ देने पर ध्यान देगा।
अमनजोत ने 63* अनबटेन बनाकर मैच‑का‑मुख्य खिलाड़ी का खिताब जीता, साथ ही 1 विकेट 28 रन से गेंदबाज़ी में भी योगदान दिया। उनका बैट‑बॉल दोनों पहलू से प्रदर्शन टीम को 31/3 से उबार कर 181 की लकीर पर ले आया।
इंग्लैंड के कोच ने कहा कि बॉलिंग योजना बेहतर होनी चाहिए थी और शुरुआती पावरप्ले में रफ़्तार कम रही। उन्होंने टीम को अगले मैचों के लिए “बेहतर रणनीति और ज़्यादा फ़ील्डिंग” का वादा किया।
यदि भारत जीतता रहा, तो उन्हें इंग्लैंड में पहली बार T20I श्रृंखला जीत का मुकाम मिल जाएगा। इंग्लैंड के लिए यह एक बड़ा झटका होगा, इसलिए उनका बैटिंग क्रम और मो़समी बदलावों पर विशेष ध्यान रहेगा।
जेमिमाह ने 41 गेंदों में 63 रन बनाए, 9 बॉन्ड्री और 1 छक्का मारते हुए खेल को संतुलित किया। उनके मार्मिक शॉट्स ने बॉलर्स को लाइनों से बाहर फेंका और बाद में अमनजोत की आक्रमण के लिए जगह बनाई।
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Vibhor Jain
अक्तूबर 1, 2025 AT 18:43लगता है कि इंग्लैंड की पिच पर दो विदेशी बॉलर की रणनीति को सिर्फ दो भारतीय बल्लेबाज़ों ने ही नष्ट कर दिया।
Rashi Nirmaan
अक्तूबर 1, 2025 AT 19:00भारत की महिला टीम ने इस जीत के द्वारा राष्ट्रीय गौरव को नई ऊंचाइयों पर पहुंचाया यह उपलब्धि न केवल खेले गए आँकड़ों से बल्कि युवा पीढ़ी के आत्मविश्वास में भी परिलक्षित होती है
Ashutosh Kumar Gupta
अक्तूबर 1, 2025 AT 19:16ऐसे देखो, इस मैच में दो युवा सितारों का परफॉर्मेंस पुरानी पीढ़ी को चुप करवा दिया। जेमिमाह की तेज़ी और अमनजोत की शांति ने बॉलरों को अस्तबल की तरह घेर दिया। यह कारवाई सिर्फ खेल नहीं, बल्कि सामाजिक बदलाव का प्रतीक है। दर्शक इन दो के कारण ही ताली बजाते रहे।
fatima blakemore
अक्तूबर 1, 2025 AT 19:33अरे वाकई, कभी सोचा नहीं था कि क्रिकेट में भी दार्शनिक बातें मिलेंगी। जीवन की तरह ही, जब दो लोग साथ आए तो हर बाधा टूट जाती है।
vikash kumar
अक्तूबर 1, 2025 AT 19:50यह प्रदर्शन क्रिकेट की तकनीकी सूक्ष्मताओं को उजागर करता है, विशेषतः शॉट चयन और गेंद की गति के बीच संतुलन का अद्वितीय उदाहरण।
Anurag Narayan Rai
अक्तूबर 1, 2025 AT 20:06इस जीत की परिप्रेक्ष्य में कई पहलू उजागर होते हैं।
पहला, टीम ने दबाव में शांत रहकर टैक्टिकल विकल्प चुने।
दूसरा, जेमिमाह की आक्रमण शैली ने गेंदबाजों को असहज बना दिया।
तीसरा, अमनजोत की स्थिरता ने मध्य क्रम को सुरक्षित किया।
चौथा, भारतीय गेंदबाज़ी ने लगातार लाइन में रहकर रन रिटर्न कम किया।
पाँचवा, इंग्लैंड की पावरप्ले में कमी ने भारत को शुरुआती लाभ दिलाया।
छठा, टीम की फील्डिंग में सुधार ने महत्वपूर्ण कैच ली।
सातवाँ, कोचिंग स्टाफ ने मैनेजमेंट के तहत खिलाड़ियों को सही भूमिका प्रदान करवाई।
आठवाँ, इस जीत से युवा महिलाओं को प्रेरणा मिलेगी।
नौवाँ, भारत की क्रिकेट बोर्ड को अब शर्तों पर और निवेश करना चाहिए।
दसवाँ, मीडिया कवरेज ने इस मैच को राष्ट्रीय चर्चा बना दिया।
बारहवाँ, भविष्य की रणनीति में स्पिन बैलेंसर को अधिक उपयोग किया जा सकता है।
तेरहवाँ, समान परिस्थितियों में इस तरह की सफलता को दोहराने के लिए फिटनेस पर ध्यान देना जरूरी है।
चौदहवाँ, इस सीज़न में लगातार प्रदर्शन करना टीम के मनोबल को बढ़ाएगा।
अंत में, इसे सिर्फ एक जीत नहीं, बल्कि भारतीय महिला क्रिकेट के उत्थान का एक कदम माना जा सकता है।
Sandhya Mohan
अक्तूबर 1, 2025 AT 20:23बिलकुल सही कहा, खेल में दिल की ताकत अक्सर आँकड़ों से ज्यादा असर करती है।
Prakash Dwivedi
अक्तूबर 1, 2025 AT 20:40इस जीत में छिपी हुई दुःख की कहानियों को देखना अक्सर भूल जाते हैं, जैसे उन बल्लेबाज़ों की थकान जो मैदान पर अपना सब कुछ लगा देते हैं।
Rajbir Singh
अक्तूबर 1, 2025 AT 20:56वाकई, खेल के पीछे की मेहनत अनदेखी नहीं होनी चाहिए।
Swetha Brungi
अक्तूबर 1, 2025 AT 21:13टीम को इस प्रकार की जीत की जरूरत तभी मिलती है जब कोचिंग स्टाफ और खिलाड़ियों के बीच भरोसा मजबूत हो। आगे के मैचों में इस भरोसे को बरकरार रखना सबसे बड़ा हथियार रहेगा। युवा खिलाड़ियों को यह दिखाना चाहिए कि निरंतर अभ्यास और टीम स्पिरिट से क्या हासिल किया जा सकता है। इस जीत को एक प्रेरणा के रूप में इस्तेमाल करके हम आगे के चुनौतियों को भी सहजता से सामना कर सकते हैं।