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भारत में मंकीपॉक्स का एक अलग मामला, वैश्विक स्वास्थ्य संकट के बीच पुष्टि की गई

भारत में मंकीपॉक्स का एक अलग मामला, वैश्विक स्वास्थ्य संकट के बीच पुष्टि की गई

भारत में मंकीपॉक्स का मामला: क्या है ताजा स्थिति?

स्वास्थ्य मंत्रालय ने सोमवार को भारत में मंकीपॉक्स के एक मामले की पुष्टि की। यह घटना पूरे विश्व में बढ़ती स्वास्थ्य चिंताओं के बीच आई है, खासकर तब जब विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने मंकीपॉक्स को अंतरराष्ट्रीय सार्वजनिक स्वास्थ्य आपातकाल घोषित किया है। मरीज, जो हाल ही में एक ऐसे देश से यात्रा कर आया था जहां मंकीपॉक्स का प्रसार हो रहा था, उसकी पहचान कर ली गई है और उसे आइसोलेशन में रखा गया है।

क्या है मंकीपॉक्स?

मंकीपॉक्स एक वायरस जनित रोग है जो शरीर के तरल पदार्थों के सीधे संपर्क, घाव के मटेरियल, या संक्रमित कपड़े और लिनेन के जरिये फैलता है। WHO के अनुसार, इस बीमारी का सबसे प्रमुख लक्षण चेचक जैसे फफोलों का उभरना है। इसके साथ ही बुखार, सिरदर्द, मांसपेशियों में दर्द और लिम्फ नोड्स का सूजना सामान्य लक्षणों में शामिल हैं।

भारत में अब तक की स्थिति

स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार, भारत में 2022 से अब तक मंकीपॉक्स के कुल 30 मामले सामने आए हैं। इन मामलों में से अंतिम मामला इस वर्ष मार्च में रिपोर्ट किया गया था। मंत्रालय ने यह भी सुनिश्चित किया है कि मंकीपॉक्स के फैलने का बड़ा खतरा देश में नहीं है।

फिर भी, एहतियाती कदम उठाए जा रहे हैं। स्वास्थ्य मंत्रालय ने हवाई अड्डों, समुद्री बंदरगाहों, और जमीनी क्रॉसिंग्स पर स्वास्थ्य इकाइयों को संवेदनशील बनाने का काम किया है। यह इकाइयाँ किसी भी संभावित मामले का पता लगाने, आइसोलेशन और प्रबंधन करने के लिए तैयार हैं।

भारतीय स्वास्थ्य मंत्री, जगत प्रकाश नड्डा, स्थिति की निरंतर निगरानी कर रहे हैं और सभी आवश्यक सावधानियाँ अपनाई जा रही हैं। मंत्रालय ने बार-बार यह स्पष्ट किया है कि इस अलगावित मामले के कारण कोई विशेष चिंता की बात नहीं है और देश पूरी तरह से तैयार है।

वैश्विक स्थिति और सलाह

विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने यात्रा पर निषेध की सलाह दिए बिना ही देशों को मंकीपॉक्स के प्रति सतर्क किया है। भारत इस दिशा में सक्रियता से काम कर रहा है और किसी भी संभावित जोखिम को कम करने के उपाय कर रहा है।

मंकीपॉक्स के प्रसार को रोकने के लिए, विशेषज्ञों का सुझाव है कि लोगों को संक्रमण स्रोतों से बचना चाहिए, हाथ को साफ रखना चाहिए और संदिग्ध मामलों की तुरंत रिपोर्ट करनी चाहिए।

क्या कहते हैं विशेषज्ञ?

डॉ. अमित कुमार, जो एक प्रसिद्ध वायरोलॉजिस्ट हैं, का कहना है कि मंकीपॉक्स का झटका निश्चय ही स्वास्थ्य तंत्र को गंभीरता से लेने की जरूरत है। हालांकि, उन्होंने बताया कि यह वायरस चिकनपॉक्स या अन्य आम वायरस की तरह तेजी से नहीं फैलता, और इसलिए इसका बड़े पैमाने पर महामारी बनने का खतरा कम है।

मंकीपॉक्स के मामले विश्व स्तर पर विभिन्न देशों में छिटपुट रूप से सामने आ रहे हैं, जिनकी पुष्टि के बाद उन देशों द्वारा त्वरित कदम उठाए जा रहे हैं। स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक, यह अलगावित मामला है और देश में अब तक संक्रमण के मामले स्थिर हैं।

स्वास्थ्य संगठनों और विशेषज्ञों का मानना है कि मंकीपॉक्स के संक्रमण को नियंत्रित किया जा सकता है, बशर्ते सावधानियों का पालन किया जाए और जल्द से जल्द उपचार प्राप्त करें। इस तरह के वायरस को फैलने से रोकने के लिए अंतरराष्ट्रीय सहयोग और सूचनाओं के आदान-प्रदान की आवश्यकता है।

निष्कर्ष

निष्कर्ष

स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा मंकीपॉक्स के इस मामले की पुष्टि निस्संदेह महत्वपूर्ण है, लेकिन इससे अत्यधिक चिंता की आवश्यकता नहीं है। उचित सावधानियों और त्वरित प्रतिक्रिया के साथ, मंकीपॉक्स के प्रसार को नियंत्रित और प्रबंधित किया जा सकता है। स्वास्थ्य मंत्रालय पूरी तरह से सतर्क है और हर संभव एहतियाती कदम उठा रहा है। आम जनता को भी सतर्क रहने और किसी भी संदिग्ध लक्षणों की शक्यना रिपोर्ट करने की आवश्यकता है।

टैग: मंकीपॉक्स स्वास्थ्य मंत्रालय भारत वैश्विक स्वास्थ्य संकट

10 टिप्पणि

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    sunil kumar

    सितंबर 11, 2024 AT 10:30
    मंकीपॉक्स के बारे में जानकारी बहुत स्पष्ट है, लेकिन क्या हम इसके लिए टीकाकरण की तैयारी कर रहे हैं? चिकनपॉक्स के टीके का उपयोग किया जा सकता है क्या? वैश्विक स्तर पर इसकी अनुमति दी गई है या नहीं?
    हमें अपने स्वास्थ्य नीतियों को अपडेट करने की जरूरत है।
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    Deepti Chadda

    सितंबर 11, 2024 AT 19:09
    अरे भाई ये सब डरावनी कहानियाँ क्यों फैलाई जा रही हैं? हमारे देश में तो ये बीमारी नहीं फैल सकती 🇮🇳🔥 अगर विदेशी आ रहे हैं तो उन्हें रोको नहीं तो भारत का नाम बर्बाद हो जाएगा 😤
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    Anjali Sati

    सितंबर 12, 2024 AT 00:26
    फिर से एक ऐसा मामला जहाँ हम अंतरराष्ट्रीय दबाव में आ गए। सरकार का रिपोर्टिंग तो बहुत अच्छा है, लेकिन जब तक हम अपने स्वास्थ्य बुनियादी ढांचे को मजबूत नहीं करते, तब तक ये सब नाटक है। बस इस तरह के मामलों को दिखाने के लिए एक बड़ा शो चल रहा है।
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    Preeti Bathla

    सितंबर 13, 2024 AT 00:38
    ये सब बकवास है! लोग अपने घरों में बैठे डर रहे हैं जबकि हमारे डॉक्टर और स्वास्थ्य कर्मचारी लगातार काम कर रहे हैं। आप लोग तो बस टिप्पणी करते हैं, लेकिन असली काम तो हमारे अनजान नर्स और डॉक्टर कर रहे हैं 😔🩺
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    Aayush ladha

    सितंबर 13, 2024 AT 14:16
    ये सब विश्व स्वास्थ्य संगठन का फर्जी डरावना नाटक है। हमारे देश में कोई भी वायरस बड़े पैमाने पर नहीं फैल सकता। अगर ये खतरा इतना बड़ा है तो फिर विदेशी यात्रियों को एंट्री क्यों दी जा रही है? ये नीति तो बिल्कुल गलत है।
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    Rahul Rock

    सितंबर 15, 2024 AT 08:30
    हम सब अपने डर को बाहर निकालने की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन असली सवाल ये है कि हम एक दूसरे के साथ कैसे रहते हैं? एक वायरस के बारे में इतनी चर्चा हो रही है, लेकिन हम अपने आसपास के लोगों के साथ सहानुभूति क्यों नहीं दिखाते?
    मंकीपॉक्स नहीं, हमारी अकेलापन और भय की महामारी अधिक खतरनाक है।
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    Annapurna Bhongir

    सितंबर 17, 2024 AT 00:48
    इस तरह के मामलों में सरकार का रिपोर्टिंग तो ठीक है लेकिन लोगों को जागरूक करने के लिए कुछ नहीं किया जा रहा। बस एक नोटिस डाल दिया और चला गया।
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    PRATIKHYA SWAIN

    सितंबर 17, 2024 AT 21:22
    सब कुछ ठीक है। हम तैयार हैं। धीरे-धीरे सब ठीक हो जाएगा।
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    MAYANK PRAKASH

    सितंबर 18, 2024 AT 23:07
    मैंने अपने दोस्त के बारे में सुना जो दुबई से लौटा था। उसने कहा कि वहाँ भी बहुत सारे मामले हैं। लेकिन जब वो हवाई अड्डे पर आया तो कोई स्क्रीनिंग नहीं हुई। ये नीति तो बहुत ढीली है।
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    Akash Mackwan

    सितंबर 20, 2024 AT 15:19
    ये सब एक बड़ा धोखा है। विश्व स्वास्थ्य संगठन और सरकार दोनों इसे बढ़ा-चढ़ाकर दिखा रहे हैं ताकि लोग डरें और उनकी नीतियों को स्वीकार कर लें। असल में ये वायरस बहुत कम खतरनाक है। लोगों को शांत रहना चाहिए। अगर कोई बीमार है तो उसे आइसोलेट कर दो, बाकी सब अपने काम में लगे रहो।

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