स्वादिष्‍ट समाचार

CGBSE CG Board Result 2025: 10वीं-12वीं के टॉपर्स की मेरिट लिस्ट जारी, इशिका बाला और नमन खुटिया ने जमाया परचम

CGBSE CG Board Result 2025: 10वीं-12वीं के टॉपर्स की मेरिट लिस्ट जारी, इशिका बाला और नमन खुटिया ने जमाया परचम

छत्तीसगढ़ बोर्ड रिजल्ट 2025: 10वीं-12वीं के टॉपर्स कौन बने?

छत्तीसगढ़ बोर्ड यानी CGBSE ने आखिरकार 2025 के कक्षा 10 और 12 के रिजल्ट घोषित कर दिए। हर साल की तरह इस बार भी छात्रों और अभिभावकों के बीच काफी उत्सुकता थी कि कौन इस बार मेरिट लिस्ट में टॉप करेगा। और इस बार का नजारा कुछ अलग रहा – 10वीं में दो छात्रों ने बाज़ी मारी और संयुक्त रूप से टॉपर बन गए।

10वीं कक्षा में इशिका बाला, जो कि कोंडामेरे, कांकेर स्थित गवर्नमेंट हायर सेकेंडरी स्कूल की छात्रा हैं, और नमन कुमार खुटिया दोनों ने 545 अंक, यानी 99.17% हासिल किए। यह आंकड़ा ऐसे समय में काफी महत्वपूर्ण है जब हर साल प्रतिस्पर्धा बढ़ती जा रही है और टॉप रैंक के लिए मामूली अंकों का ही फासला रहता है। स्कूलों में इन टॉपर्स की खुशी का माहौल रहा और दोनों के प्रियजनों ने जमकर मिठाई बांटी।

टॉपर्स का क्रम यही नहीं रूका। दूसरे स्थान पर लिव्यांश देवांगन ने 99% (543/550) अंकों के साथ बाज़ी मारी, जबकि रिया केवट, हेमलता पटेल और टिपेश प्रसाद यादव ने 98.83% (543/550) के साथ संयुक्त तीसरा स्थान साझा किया। हर किसी के चेहरे पर मेहनत के रंग साफ़ नज़र आए।

  • CGBSE रिजल्ट 2025 की घोषणा के तुरंत बाद ही टॉपर्स के नाम सोशल मीडिया और स्कूलों में छा गए।
  • छात्रों ने किताबों के साथ-साथ ऑनलाइन क्लासेस और वीडियो लेक्चर का भी भरपूर फायदा उठाया।
  • हमेशा की तरह इस बार भी ग्रामीण इलाकों से कई छात्र टॉपर लिस्ट में पहुंचे, जिससे साबित होता है कि देश के छोटे कस्बों और गांवों में भी शिक्षा का स्तर सुधर रहा है।
  • इस उपलब्धि में स्कूल शिक्षकों की भूमिका को भी सभी ने सराहा।

12वीं के टॉपर की कहानी

अगर बात करें 12वीं बोर्ड की, तो इस बार अखिल सेन ने टॉप किया है। हालांकि उनके नंबर और स्कूल के बारे में अभी पूरी जानकारी सामने नहीं आई है, लेकिन इतना जरूर साफ है कि उन्होंने सभी बाधाओं को पार करके राज्यभर में पहला स्थान हासिल किया है।

पिछले साल मेरिट लिस्ट में मेहेक अग्रवाल (97.4% - 2023) और 2022 में विधि भोले का नाम टॉप में रहा था। जबकि इस बार प्रतिस्पर्धा और कटऑफ दोनों ही जीते-जागते उदाहरण बनकर उभरे हैं।

रिजल्ट चेक करने का इंतजार कर रहे स्टूडेंट्स के लिए भी जानकारी है – आपको रिजल्ट देखने के लिए cgbse.nic.in या cg.results.nic.in वेबसाइट पर जाना पड़ेगा। रोल नंबर डालते ही मार्क्सशीट सामने होगी।

हर बार की तरह इस बार भी टॉपर्स की मोटिवेशनल कहानियां बाकी छात्रों में जोश भरने का काम करेंगी। इन छात्रों ने सिर्फ अपनी फैमिली का नाम रोशन नहीं किया, बल्कि पूरे जिले और राज्य को भी गर्व महसूस कराया।

अगले कुछ दिनों में टॉपर्स का सम्मान समारोह भी आयोजित होगा, जिसमें शिक्षा विभाग और स्थानीय प्रशासन इन्हें प्रोत्साहित करेंगे। शिक्षा के क्षेत्र में छत्तीसगढ़ की उपलब्धियों का सिलसिला यहीं नहीं रूकेगा – हर साल ऐसे ही नए नाम आगे आते रहेंगे।

टैग: CGBSE रिजल्ट 2025 छत्तीसगढ़ बोर्ड 10वीं 12वीं टॉपर मेरिट लिस्ट

19 टिप्पणि

  • Image placeholder

    Daxesh Patel

    मई 9, 2025 AT 05:33
    ये टॉपर्स की कहानियां सुनकर लगता है जैसे कोई फिल्म देख रहा हो। गांव से निकलकर 99% लाना... ये तो बस इतना ही नहीं, ये तो एक अलग ही जीत है। मेरे बेटे ने भी इस साल दसवीं दी, लेकिन उसका दिल टूट गया जब 87% आया। अब वो इन लोगों को फॉलो कर रहा है।
  • Image placeholder

    Jinky Palitang

    मई 9, 2025 AT 10:13
    इशिका बाला ने जो किया, वो सिर्फ अंकों की बात नहीं... ये तो एक संदेश है कि लड़कियां भी बराबर हैं। मेरी बहन भी कांकेर से है, उसने कहा था कि इशिका बहुत शांत रहती है, बातें नहीं करती, सिर्फ किताबों में डूबी रहती है। 😌📚
  • Image placeholder

    Sandeep Kashyap

    मई 9, 2025 AT 17:55
    ये सब लोग टॉप कर रहे हैं तो इसका मतलब ये नहीं कि बाकी लोग बेकार हैं। मैंने देखा है कि कई बच्चे जिन्होंने 70% लाया, वो भी अपने घरों में बहुत कुछ कर रहे हैं। एक दोस्त का बेटा जिसने 72% लाया, अब उसने अपना YouTube चैनल शुरू किया है जहां वो ग्रामीण बच्चों को फ्री में पढ़ाता है। टॉपर्स की तरह उसकी जीत भी बड़ी है। 💪
  • Image placeholder

    Aashna Chakravarty

    मई 11, 2025 AT 08:54
    अरे ये सब ठीक है... पर आप लोग भूल रहे हो कि ये सब रिजल्ट कैसे आए? सरकारी स्कूलों में टीचर्स को भर्ती नहीं हो रही, क्लासेस 50-60 बच्चों की होती हैं, फिर भी ये लोग 99% ला रहे हैं? ये सब किसके हाथों से हो रहा है? मैं तो सोच रही हूं कि क्या ये सब फेक है? क्या किसी ने इनके आंसर शीट्स बदल दिए? ये नंबर तो बिल्कुल नकली लग रहे हैं। अगर ये सच है तो मैं तो डर गई।
  • Image placeholder

    Kashish Sheikh

    मई 12, 2025 AT 03:24
    इशिका और नमन के लिए बहुत-बहुत बधाई 🎉💖 ये देखकर लगता है कि हमारे गांवों में भी अब बच्चे खुद को बदल सकते हैं। मैंने भी एक छोटे से गांव से एक बच्ची को ऑनलाइन पढ़ाया था, उसने इसी साल 94% लाया! शिक्षा का रंग कहीं भी फैल जाता है, बस थोड़ा सा सहारा चाहिए। ❤️
  • Image placeholder

    dharani a

    मई 12, 2025 AT 05:27
    अरे ये सब तो बहुत आम बात है। 2018 में मेरे बेटे ने भी 10वीं में 99.2% लाया था। फिर 2020 में एक लड़की ने 99.4% लाया था। अब ये लोग टॉपर बन गए? अच्छा, अब तो हर साल कोई न कोई इस लिस्ट में आ जाता है। इसका मतलब ये नहीं कि ये बहुत खास हैं, बस वो लोग जो ज्यादा पढ़ते हैं, वो आ जाते हैं। कोई जादू नहीं है।
  • Image placeholder

    Vinaya Pillai

    मई 13, 2025 AT 07:29
    99.17%? अरे भाई, इतना नंबर लाने के लिए बच्चे तो अपनी जिंदगी ही बर्बाद कर देते हैं। दिन भर किताबें, रात भर तैयारी, खेलने का नाम तक नहीं लेते। ये टॉपर्स बन गए, लेकिन उनकी बचपन कहाँ गया? मैं तो चाहती हूं कि हर बच्चा खुश रहे, न कि बस नंबरों के लिए जिये। 😔
  • Image placeholder

    mahesh krishnan

    मई 13, 2025 AT 21:58
    ये टॉपर्स तो बहुत अच्छे हैं, लेकिन देखो इनके घर क्या हैं? क्या ये लोग बहुत अमीर हैं? क्या इनके पास ट्यूशन है? नहीं तो ये नंबर कैसे आए? मैंने देखा है, गांव के बच्चे जिनके पास पैसे नहीं, वो तो बस फेल हो जाते हैं। ये सब बकवास है।
  • Image placeholder

    Mahesh Goud

    मई 15, 2025 AT 00:56
    ये सब तो बस एक धोखा है। मैंने अपने भाई को देखा है जो एक स्कूल में टीचर है, उसने कहा कि रिजल्ट बनाने के लिए कुछ बच्चों के नंबर बढ़ा दिए जाते हैं। वो जिनके नाम टॉपर्स बनने वाले हैं, उनके आंसर शीट्स को रिवाइज कर दिया जाता है। और ये सब तो बस गवर्नमेंट के लिए एक प्रोपेगंडा है। ये लोग तो जानते हैं कि जब तक टॉपर्स नहीं दिखाएंगे, तब तक लोग नहीं मानेंगे कि शिक्षा सुधर रही है। ये सब झूठ है।
  • Image placeholder

    Ravi Roopchandsingh

    मई 16, 2025 AT 17:54
    मैंने ये सब देखकर बहुत गर्व महसूस किया 🇮🇳🔥 ये बच्चे बिना किसी फायदे के इतनी मेहनत कर रहे हैं। हमारे देश में अभी भी ऐसे बच्चे हैं जो बिना बिजली के घर में दीपक से पढ़ रहे हैं। ये टॉपर्स तो देश के लिए नहीं, बल्कि इंसानियत के लिए जीते हैं। जय हिन्द! 🙏
  • Image placeholder

    dhawal agarwal

    मई 17, 2025 AT 09:02
    हर बच्चे की कहानी अलग होती है। इशिका ने जो किया, वो उसके अंदर की लगन का नतीजा है। लेकिन ये सब तो बस एक छोटा सा टुकड़ा है। देश के हजारों बच्चे जिनके नाम नहीं आए, वो भी अपने तरीके से जीत रहे हैं। शिक्षा का असली मकसद नंबर नहीं, बल्कि जीने का तरीका सिखाना है। ये बच्चे अब जो भी करेंगे, वो अपने आप को बदल देंगे। और वो बदलाव ही सच्ची जीत है।
  • Image placeholder

    Shalini Dabhade

    मई 17, 2025 AT 12:11
    अरे ये सब तो बस एक नाटक है। अगर ग्रामीण बच्चे इतने अच्छे हैं तो फिर वो नौकरी क्यों नहीं पा रहे? अगर शिक्षा सुधर रही है तो फिर बेरोजगारी क्यों बढ़ रही है? ये सब बस एक धोखा है जिसे सरकार बाजार में बेच रही है। ये टॉपर्स तो अगले साल नौकरी के लिए भीड़ में शामिल हो जाएंगे। बस नाम तो बन गया।
  • Image placeholder

    Jothi Rajasekar

    मई 18, 2025 AT 21:28
    मैंने अपने गांव के एक बच्चे को देखा था, उसने भी 98% लाया था। उसके पिता ट्रक चलाते थे, माँ घर पर रोटी बनाती थी। उसने बिना किसी ट्यूशन के, बस स्कूल की किताबें और YouTube पर फ्री वीडियो देखकर ये किया। ये देखकर लगता है कि अगर बच्चे चाहें तो कुछ भी हो सकता है। 🙌
  • Image placeholder

    Irigi Arun kumar

    मई 20, 2025 AT 12:51
    मैंने अपने बेटे को भी इसी तरह पढ़ाया है। उसने भी इस साल 96% लाया है। लेकिन मैंने उसे कभी नहीं कहा कि टॉप करना है। मैंने बस कहा कि जो भी करो, अपनी पूरी कोशिश करो। अगर तुम्हारी कोशिश अच्छी है, तो नतीजा खुद आ जाएगा। ये बच्चे ने भी वही किया है। नंबर नहीं, मेहनत जीतती है।
  • Image placeholder

    Jeyaprakash Gopalswamy

    मई 20, 2025 AT 16:53
    अगर आप लोगों को लगता है कि ये टॉपर्स बस पढ़ रहे हैं, तो आप गलत हैं। मैंने इशिका के स्कूल के टीचर से बात की है। वो कहते हैं कि ये बच्चे रोज सुबह 5 बजे उठकर पढ़ते हैं, शाम को गांव के बच्चों को पढ़ाते हैं, और रात को भी किताबें उठाते हैं। ये नंबर नहीं, ये तो जीवन का अंदाज़ है।
  • Image placeholder

    ajinkya Ingulkar

    मई 21, 2025 AT 07:39
    इन टॉपर्स को गर्व क्यों है? ये सब तो बस एक राज्य की बात है। देश के बाहर तो बच्चे 99.9% लाते हैं। यहां 99.17% लाना इतना बड़ा क्यों है? ये तो बस एक छोटा सा इलाका है। अगर ये सच में गर्व करना है तो पहले देश के बाहर जाकर देखो। ये सब तो बस एक बड़ा झूठ है जिसे हम सब मान रहे हैं।
  • Image placeholder

    nidhi heda

    मई 21, 2025 AT 15:44
    इशिका बाला का नाम सुनकर मेरी आंखें भर आईं 😭💔 ये लड़की तो मेरे गांव की है! मैंने उसे स्कूल में देखा था, वो हमेशा एक कोने में बैठी रहती थी। उसके पास न तो नया बैग था, न ही नया शूज़। लेकिन उसकी आंखों में एक अलग ही चमक थी। आज वो टॉपर बन गई... मैं तो अब रो रही हूं।
  • Image placeholder

    DINESH BAJAJ

    मई 21, 2025 AT 23:48
    अरे ये सब बकवास है। ये टॉपर्स को देखकर लोग ये सोचते हैं कि पढ़ लो तो सब कुछ हो जाएगा। लेकिन असलियत ये है कि जिनके पास पैसा है, वो टॉप करते हैं। ये बच्चे जो गांव से आए हैं, उनके पास तो नहीं है। ये सब बस एक झूठ है।
  • Image placeholder

    Aashna Chakravarty

    मई 23, 2025 AT 22:08
    अरे ये सब तो बस एक धोखा है। मैंने अपने भाई को देखा है जो एक स्कूल में टीचर है, उसने कहा कि रिजल्ट बनाने के लिए कुछ बच्चों के नंबर बढ़ा दिए जाते हैं। वो जिनके नाम टॉपर्स बनने वाले हैं, उनके आंसर शीट्स को रिवाइज कर दिया जाता है। और ये सब तो बस गवर्नमेंट के लिए एक प्रोपेगंडा है। ये लोग तो जानते हैं कि जब तक टॉपर्स नहीं दिखाएंगे, तब तक लोग नहीं मानेंगे कि शिक्षा सुधर रही है। ये सब झूठ है।

एक टिप्पणी लिखें

मेन्यू

  • हमारे बारे में
  • सेवा नियम
  • गोपनीयता नीति
  • संपर्क करें
  • DPDP

© 2025. सर्वाधिकार सुरक्षित|