स्वादिष्‍ट समाचार

DC vs SRH: विशाखापट्टनम के ACA-VDCA स्टेडियम के पिच रिकॉर्ड्स और आईपीएल 2025 के लिए जरूरी आँकड़े

DC vs SRH: विशाखापट्टनम के ACA-VDCA स्टेडियम के पिच रिकॉर्ड्स और आईपीएल 2025 के लिए जरूरी आँकड़े

दिल्ली कैपिटल्स और सनराइजर्स हैदराबाद के बीच आईपीएल 2025 का 10वां मुकाबला, रविवार, 30 मार्च 2025 को विशाखापट्टनम के डॉ. वाई.एस. राजशेखर रेड्डी एसीए-वीडीसीए क्रिकेट स्टेडियम में खेला जाएगा। यह मैच न सिर्फ दोनों टीमों के लिए टूर्नामेंट में अपनी रणनीति का निर्णय लेने का मौका है, बल्कि इस स्टेडियम के पिच के रिकॉर्ड्स को भी नए आँकड़ों से अपडेट करने का भी अवसर है। यह मैच एक ऐसे मैदान पर हो रहा है, जहां बल्लेबाजी और गेंदबाजी के बीच संतुलन बरकरार है — लेकिन अगर आपको लगता है कि यह एक साधारण बैटिंग पिच है, तो आप गलत हैं।

स्टेडियम का इतिहास और आँकड़ों का अनुभव

डॉ. वाई.एस. राजशेखर रेड्डी एसीए-वीडीसीए क्रिकेट स्टेडियम का नाम आंध्र प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. वाई.एस. राजशेखर रेड्डी के सम्मान में रखा गया है, जिनकी 2009 में हेलीकॉप्टर दुर्घटना में मृत्यु हो गई थी। यह स्टेडियम 2016 के बाद से आईपीएल का हिस्सा है, और अब तक इस पर केवल 16 मैच खेले गए हैं। लेकिन इन 16 मैचों में बल्लेबाजी पहले करने वाली टीम और दूसरे नंबर पर बल्लेबाजी करने वाली टीम दोनों ने बराबर 8 जीत दर्ज की हैं। यह एक अद्भुत संतुलन है — जैसे कोई दरवाजा ठीक बीच में खुला हो, और कोई भी टीम अपनी रणनीति के हिसाब से जीत सकती है।

पिच का व्यवहार: बल्लेबाजों का दोस्त, गेंदबाजों का चुनौतीपूर्ण साथी

इस स्टेडियम पर औसत पहली पारी का स्कोर 168 रन है, जबकि दूसरी पारी का औसत 158 रन है। लेकिन यहां का असली रहस्य वह समय है जब पिच बदलती है। पावरप्ले में गेंद बल्लेबाज के लिए आसान होती है — नए बॉल पर कोई बहुत ज्यादा रिवर्स या स्विंग नहीं होता। लेकिन बीच के ओवर्स में, जब पिच सूखती है, तो स्पिनर्स के लिए यह जंगल बन जाता है। एडम ज़म्पा ने यहां 3 मैचों में 10 विकेट लिए, जिसमें 6/19 का शानदार आँकड़ा भी शामिल है। यह एक ऐसा आँकड़ा है जो अभी तक किसी और ने नहीं तोड़ा।

दूसरी ओर, बल्लेबाजी के लिए यहां का सबसे बड़ा आँकड़ा है — शिखर धवन के 294 रन। उन्होंने इस स्टेडियम पर सिर्फ 7 पारियों में ये रन बनाए हैं, जिसका स्ट्राइक रेट 146.19 है। यह उनकी निरंतरता और इस मैदान के प्रति उनकी बुद्धिमत्ता का प्रमाण है। अगर आप देखें तो धवन ने दिल्ली और सनराइजर्स दोनों टीमों के लिए यहां खेला है — यह दर्शाता है कि यह पिच किसी एक टीम के लिए नहीं, बल्कि किसी भी अच्छे बल्लेबाज के लिए अनुकूल है।

सबसे बड़े रिकॉर्ड्स और अनोखे आँकड़े

इस स्टेडियम पर सबसे ऊंचा टीम स्कोर 272 रन है — कोलकाता नाइट राइडर्स ने 2024 में दिल्ली कैपिटल्स के खिलाफ बनाया। लेकिन सबसे रोमांचक रिकॉर्ड वह है जब दिल्ली कैपिटल्स ने 210 रनों का लक्ष्य पूरा किया। उस मैच में अशुतोष शर्मा ने अपने बल्ले से जीत दिलाई। यह आज तक का सबसे बड़ा सफल चेज़ है।

वहीं, सबसे कम स्कोर का रिकॉर्ड एक अस्पष्टता से घिरा हुआ है। कुछ स्रोत कहते हैं 76 रन, जबकि बिजनेस-स्टैंडर्ड के अनुसार 92 रन (मुंबई इंडियंस के खिलाफ 2016 में)। यह बताता है कि यहां के आँकड़े अभी भी विवादास्पद हैं।

स्टेडियम के बाउंड्री भी बड़े हैं — वर्गीय बाउंड्री 62-68 मीटर और सीधी बाउंड्री 73-79 मीटर तक है। इसका मतलब है कि यहां छक्के मारना आसान नहीं। इसलिए यहां अधिकतर रन फोर्स और रन आउट्स से बनते हैं। अब तक यहां 388 फोर्स और सिर्फ 228 छक्के लगे हैं।

डिस्मिसल्स और ड्यू का रहस्य

इस स्टेडियम पर 141 बल्लेबाज कैच लगे हैं — यह सबसे ज्यादा डिस्मिसल है। बॉल्ड, लबवी और स्टंप आउट तो बहुत कम हैं। यह बताता है कि यहां बल्लेबाज ज्यादा खेलते हैं, और गेंदबाज उन्हें एक बार बाहर करने के लिए बार-बार लाइन और लेंथ पर खेलते हैं।

लेकिन यहां का सबसे बड़ा चुनौतीपूर्ण पहलू है — ड्यू। जब टीम दूसरे नंबर पर बल्लेबाजी करती है, तो शाम के समय ड्यू की नमी पिच पर जम जाती है। यह स्पिनर्स के लिए बहुत बुरा होता है। गेंद नहीं घूमती, और बल्लेबाज आसानी से फ्री हिट्स लगा देते हैं। इसलिए जो टीम दूसरे नंबर पर बल्लेबाजी करेगी, उसे शुरुआत में ही रन बनाने की जरूरत होगी।

दिल्ली कैपिटल्स की रणनीति: जीत का नया तरीका

दिल्ली कैपिटल्स की रणनीति: जीत का नया तरीका

दिल्ली कैपिटल्स ने इस स्टेडियम पर 50% जीत दर्ज की है। उन्होंने पहले ही यहां लखनऊ सुपर जायंट्स के खिलाफ 1 विकेट से जीत दर्ज की थी। अब वे इसी रणनीति को दोहराने की कोशिश करेंगे — शुरुआत में बल्लेबाजी करके, फिर दूसरी पारी में तेज़ शुरुआत से जीत का रास्ता बनाना। अशुतोष शर्मा की भूमिका फिर से फैसलेबनाने वाली हो सकती है।

सनराइजर्स हैदराबाद की चुनौती

सनराइजर्स के लिए यहां का रिकॉर्ड अधिक अस्थिर है। उन्होंने अपने दूसरे मैच में लखनऊ के खिलाफ 5 विकेट से हार दी। लेकिन उनके लिए एक अच्छी खबर है — डेविड वॉर्नर ने 2015 में यहां 91 रन बनाए थे। वह अब टीम के कोच बन चुके हैं। अगर वह अपने पुराने अनुभव को टीम के बल्लेबाजों के साथ साझा करते हैं, तो यह मैच उनके लिए टर्निंग पॉइंट बन सकता है।

अगला कदम: आईपीएल 2025 के लिए जो देखना है

अगले कुछ दिनों में देखना यह होगा कि क्या दिल्ली कैपिटल्स अपने चेज़ की रणनीति को दोहराते हैं। क्या एडम ज़म्पा के जैसे स्पिनर्स फिर से इस पिच का फायदा उठाएंगे? और क्या ड्यू के कारण सनराइजर्स अपने बल्लेबाजों को शुरुआत में ही बाहर कर देंगे?

यह मैच सिर्फ एक बल्लेबाजी फिल्म नहीं है — यह एक रणनीतिक युद्ध है, जहां पिच का व्यवहार, ड्यू का प्रभाव और टीमों की निर्णय लेने की क्षमता फैसला करेगी।

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न

ACA-VDCA स्टेडियम पर बल्लेबाजी पहले करने वाली टीम के लिए फायदेमंद है या दूसरे नंबर पर बल्लेबाजी करने वाली टीम के लिए?

दोनों के लिए बराबर अवसर हैं। 16 मैचों में 8-8 जीत हुई हैं। लेकिन दूसरे नंबर पर बल्लेबाजी करने वाली टीम को ड्यू का फायदा मिलता है, जो शाम के समय स्पिनर्स के लिए मुश्किल बन जाता है। इसलिए अगर आपको टॉस जीतना है, तो बल्लेबाजी करना ही बेहतर हो सकता है।

शिखर धवन और एडम ज़म्पा के रिकॉर्ड्स क्यों इतने अहम हैं?

शिखर धवन ने सिर्फ 7 पारियों में 294 रन बनाए — यह औसत 42 रन प्रति पारी है, जो एक ओपनर के लिए बहुत अच्छा है। ज़म्पा ने 3 मैचों में 10 विकेट लिए, जिसमें 6/19 जैसा अद्भुत आँकड़ा भी शामिल है। ये रिकॉर्ड दर्शाते हैं कि यह स्टेडियम अनुभवी खिलाड़ियों के लिए आदर्श है।

ड्यू कैसे मैच का फैसला करता है?

ड्यू रात के समय पिच पर नमी जमा कर लेता है, जिससे स्पिनर्स की गेंद घूमती नहीं। इसके अलावा, बल्लेबाजों के लिए गेंद आसानी से दिखाई देती है। इसलिए दूसरे नंबर पर बल्लेबाजी करने वाली टीमें शुरुआत में ही तेज़ स्कोर बनाने की कोशिश करती हैं।

इस स्टेडियम पर क्यों इतने कम छक्के लगते हैं?

यहां के बाउंड्री 73-79 मीटर तक हैं, जो आईपीएल के अन्य स्टेडियम्स की तुलना में बहुत बड़े हैं। इसलिए बल्लेबाजों को अधिकतर रन फोर्स और रन आउट्स से बनाने पड़ते हैं। छक्के मारने के लिए बहुत ज्यादा शक्ति और सही टाइमिंग की जरूरत होती है।

दिल्ली कैपिटल्स और सनराइजर्स हैदराबाद में से किस टीम की जीत की उम्मीद है?

दिल्ली कैपिटल्स ने इस स्टेडियम पर 50% जीत दर्ज की है और पिछले मैच में 210 रनों का चेज़ सफलतापूर्वक पूरा किया है। सनराइजर्स की टीम अभी अस्थिर है। इसलिए दिल्ली कैपिटल्स की जीत की संभावना थोड़ी अधिक है, खासकर अगर वे टॉस जीत जाएं।

क्या यह स्टेडियम भविष्य में भी आईपीएल के लिए अच्छा रहेगा?

हां। यह स्टेडियम आईपीएल के लिए एक बहुत ही अच्छा विकल्प है। यहां का संतुलित पिच, बड़े बाउंड्री और ड्यू का प्रभाव टीमों को अलग-अलग रणनीतियां अपनाने के लिए मजबूर करता है। इसलिए यह भविष्य में भी एक लोकप्रिय और रोमांचक मैच स्थल बना रहेगा।

टैग: आईपीएल 2025 दिल्ली कैपिटल्स सनराइजर्स हैदराबाद ACA-VDCA स्टेडियम पिच रिकॉर्ड्स

17 टिप्पणि

  • Image placeholder

    Supreet Grover

    अक्तूबर 30, 2025 AT 14:02

    पिच का व्यवहार बिल्कुल सिम्युलेशन-बेस्ड मॉडल जैसा है - न्यूट्रल बैलेंस के साथ, लेकिन डायनामिक रूटिंग के साथ। पावरप्ले में फास्ट बॉल्स का इफेक्ट लिमिटेड है, जबकि मिडल ओवर्स में स्पिनर्स के फ्लिप्स और ड्रॉप शॉट्स का रिस्पॉन्स एक्सपोनेंशियलली इंक्रीज होता है। यह एक क्लासिक फीडबैक लूप है - बल्लेबाजी के लिए एक डिफरेंशियल एडवांटेज, गेंदबाजी के लिए एक नॉन-लिनियर डिस्ट्रिब्यूशन।

  • Image placeholder

    Saurabh Jain

    नवंबर 1, 2025 AT 12:24

    इस स्टेडियम की एक बात तो बहुत अच्छी है - यहां कोई भी टीम नहीं बनती, बल्कि खिलाड़ी बनते हैं। शिखर धवन का रिकॉर्ड सिर्फ आंकड़ा नहीं, एक अनुभव है। यहां कोई भी बल्लेबाज अपनी टेक्निक दिखा सकता है, बस उसे धैर्य चाहिए।

  • Image placeholder

    Suman Sourav Prasad

    नवंबर 1, 2025 AT 22:21

    ये बाउंड्री 79 मीटर? भाई, ये तो बाहर निकलने के लिए जेट पैक लगाना पड़ेगा! और फिर भी 388 फोर्स? ये तो बल्लेबाज बार-बार बाउंड्री के पास जा रहे हैं, लेकिन अंदर ही रह गए! और ये ड्यू वाली बात? ओह भगवान, ये तो वो है जब टीम जीतने के लिए रात को भी नहीं सो पाती!

  • Image placeholder

    Nupur Anand

    नवंबर 3, 2025 AT 13:10

    तुम सब यहां बल्लेबाजी और गेंदबाजी के बारे में बात कर रहे हो, लेकिन क्या तुमने कभी इस फिलॉसफी को समझा है? यह पिच एक मेटाफिजिकल मेटाफोर है - जीवन का संतुलन। न तो बल्लेबाज को जीत मिलती है, न गेंदबाज को। बल्कि वह जो इस अस्थिरता के बीच अपनी आत्मा को शांत करता है, वही जीतता है। एडम ज़म्पा ने जो किया, वह एक योगी का काम था - नहीं, एक बल्लेबाज का नहीं, एक दर्शनशास्त्री का।

    और ड्यू? वो तो भारत की प्राचीन जादू की रात है। जब चाँद नमी लेकर आता है, तो बल्लेबाज की आत्मा भी बदल जाती है। ये नहीं कि गेंद घूमती है - ये तो ये है कि आपका दिल घूम जाता है।

    आप लोग रिकॉर्ड्स की बात करते हो, लेकिन शिखर धवन ने तो इस पिच के साथ एक अद्वितीय अनुबंध बनाया है। वो नहीं खेलता, वो बात करता है। और पिच सुनती है।

    तुम लोगों को लगता है ये एक स्टेडियम है? नहीं। ये एक मंदिर है - जहां गेंद नहीं, भावनाएं चलती हैं।

  • Image placeholder

    Vivek Pujari

    नवंबर 4, 2025 AT 16:47

    मैंने देखा कि यहां छक्के कम हैं - लेकिन क्या आपने कभी सोचा कि ये लोग अपनी बाइक लेकर भी यहां आते हैं? 😎 बाउंड्री 79 मीटर? भाई, ये तो टीम इंडिया के लिए एक नया चैलेंज है! अब तो बल्लेबाजों को अपने घर के बाहर भी बैठकर छक्के मारने की प्रैक्टिस करनी पड़ेगी! 🤣

  • Image placeholder

    Ajay baindara

    नवंबर 6, 2025 AT 08:10

    ये सब बकवास है। जो बल्लेबाज यहां नहीं खेल पाया, वो बस अपनी तकनीक नहीं समझता। शिखर धवन को देखो - वो नहीं खेलता, वो तो बस बाउंड्री को नजरअंदाज कर देता है। बाकी सब बस बहाने बना रहे हैं।

  • Image placeholder

    mohd Fidz09

    नवंबर 7, 2025 AT 05:13

    इस पिच का रहस्य? ये तो भारत के राष्ट्रीय आत्मा का प्रतीक है! यहां कोई भी टीम नहीं जीतती - यहां वो जीतती है जिसके दिल में देश की भावना है! ड्यू नहीं, ये तो वो नमी है जो हमारे पूर्वजों की आत्मा से आती है! और ज़म्पा? वो तो एक ब्रिटिश राज का शेष है - लेकिन उसने भारतीय मिट्टी में अपना नाम छोड़ दिया! ये तो जाति नहीं, ये भारतीयता है!

  • Image placeholder

    Rupesh Nandha

    नवंबर 7, 2025 AT 08:15

    इस पिच का सबसे बड़ा संदेश ये है - संतुलन नहीं बरकरार रखना, बल्कि उसे समझना। जब तुम बल्लेबाजी करते हो, तो तुम्हें ये जानना होगा कि अगले ओवर में क्या होगा। जब तुम गेंदबाजी करते हो, तो तुम्हें ये जानना होगा कि कब नमी आएगी। ये एक खेल नहीं, एक अनुभव है। और ये अनुभव तभी समझा जा सकता है जब तुम खेल के बाहर बैठकर भी इसकी गति को महसूस करो।

    शिखर धवन ने इसे समझा। एडम ज़म्पा ने इसे जीवित किया। और अशुतोष शर्मा ने इसे जीत दिलाई।

  • Image placeholder

    suraj rangankar

    नवंबर 9, 2025 AT 05:17

    ये स्टेडियम तो एक ट्रेनिंग ग्राउंड है जहां बल्लेबाज बनते हैं, न कि बस खेलते हैं! अगर तुम यहां नहीं खेल पाए, तो तुम्हें बस अपनी टेक्निक अपग्रेड करनी होगी। ड्यू? वो तो तुम्हारी टीम के लिए एक चेतावनी है - शुरुआत जल्दी करो, फिर बाकी सब अपने आप हो जाएगा! दिल्ली कैपिटल्स ने ये सब सीख लिया है - अब बाकी टीमें भी अपनी गर्दन उठाओ!

  • Image placeholder

    Nadeem Ahmad

    नवंबर 10, 2025 AT 03:31

    बस देख रहा हूं।

  • Image placeholder

    Aravinda Arkaje

    नवंबर 11, 2025 AT 20:53

    ये जो ड्यू की बात है, वो तो बहुत अच्छी है! लेकिन याद रखो - जब तुम दूसरे नंबर पर बल्लेबाजी कर रहे हो, तो शुरुआत में ही रन बनाओ। जल्दी से दो ओवर में 20 रन बनाओ, फिर देखो कौन डरता है! ये टीम जो शुरुआत नहीं करती, वो खेल खो देती है। आप सब लोग बस अपनी टीम को ये समझाओ - शुरुआत ही जीत है!

  • Image placeholder

    kunal Dutta

    नवंबर 13, 2025 AT 11:34

    क्या आपने कभी सोचा कि ये पिच इतनी बड़ी बाउंड्री के साथ इसलिए है कि बल्लेबाजों को बेहतर फुटवर्क सीखना पड़े? ये तो एक इंटेलिजेंट डिज़ाइन है - छक्के मारने के लिए नहीं, बल्कि रन बनाने के लिए। और ड्यू? ये तो एक फिजिकल रियलिटी है, न कि एक ड्रामा। अगर तुम्हारी टीम इसे नहीं समझती, तो वो खेल में फंस जाएगी।

  • Image placeholder

    Yogita Bhat

    नवंबर 13, 2025 AT 15:38

    ओह भाई, ये ड्यू का रहस्य? तुम लोगों को लगता है ये कोई नया आविष्कार है? ये तो आंध्र की जमीन का गुप्त रहस्य है - जो हमारे दादा-दादी जानते थे! और ज़म्पा? वो तो एक ब्रिटिश गेंदबाज है, लेकिन उसने भारतीय मिट्टी को अपना बना लिया! अब तो तुम लोग बस ये बताओ - क्या तुम्हारी टीम इसे जीतने के लिए तैयार है? या फिर तुम भी उसी ड्यू में फंस जाओगे?

  • Image placeholder

    Tanya Srivastava

    नवंबर 15, 2025 AT 08:51

    ये सब बकवास है! ड्यू नहीं होता, ये सब फेक न्यूज़ है! असल में तो पिच पर नमी नहीं होती - ये सब आईपीएल के लिए बनाया गया ड्रामा है! और शिखर धवन? वो तो बस लक्ष्य बनाने के लिए बनाया गया एक आइकॉन है! ये सब एक बड़ा धोखा है! 🤫

  • Image placeholder

    Ankur Mittal

    नवंबर 16, 2025 AT 11:32

    ड्यू का असर वास्तविक है। गेंद घूमती नहीं। बल्लेबाज को शुरुआत में रन बनाने होंगे।

  • Image placeholder

    Diksha Sharma

    नवंबर 17, 2025 AT 09:41

    ये सब तो सरकार ने बनाया है ताकि लोगों को ये लगे कि ये पिच खास है! असल में तो सब जगह एक जैसी होती है! और ज़म्पा? वो तो बस एक ऑस्ट्रेलियाई है - उसके विकेट तो भारत के बल्लेबाजों के गलत शॉट्स के कारण लगे! ये सब बस न्यूज़ वालों का फेक स्टोरी है!

  • Image placeholder

    Akshat goyal

    नवंबर 18, 2025 AT 21:21

    अच्छी जानकारी।

एक टिप्पणी लिखें

मेन्यू

  • हमारे बारे में
  • सेवा नियम
  • गोपनीयता नीति
  • संपर्क करें
  • DPDP

© 2025. सर्वाधिकार सुरक्षित|