28 जून की सुबह दिल्ली और राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) में मूसलाधार बारिश ने जनजीवन को अस्त-व्यस्त कर दिया। तीन घंटे में 148.5 मिमी बारिश होने से सड़कों पर जलजमाव हो गया और यातायात में भारी दिक्कतें आईं। इस मानसूनी झड़ी ने दिल्ली के कई हिस्सों को पानी में डूबा दिया और लोगों का जीवन कठिन कर दिया।
दिल्ली एयरपोर्ट के टर्मिनल 1 (T1) की छत गिरने का हादसा हुआ जिसमें एक व्यक्ति की मौत हो गई और छह अन्य घायल हो गए। इस हादसे ने प्रशासन के होश उड़ा दिए और तत्काल प्रभाव से टर्मिनल को बंद करना पड़ा। नागरिक उड्डयन मंत्री राम मोहन नायडू और अन्य मंत्रालय अधिकारियों ने दुर्घटनास्थल का दौरा किया और टर्मिनल भवन की तत्काल जांच के आदेश दिए। उन्होंने कहा कि टर्मिनल 1 को विभिन्न सुरक्षा प्रक्रियाएं पूरी करने के बाद ही फिर से खोला जाएगा, जो अगले दिन तक संभव है।
दिल्ली सरकार ने जलजमाव से निपटने के लिए दोपहर 2 बजे एक आपात बैठक बुलाई। इस बैठक में सभी मंत्री और संबंधित विभाग के अधिकारी शामिल हुए। जलजमाव के कारण दिल्ली के कई हिस्सों में सामान्य जनजीवन प्रभावित हुआ। मिंटो ब्रिज, जिसे दो साल बाद फिर से जलमग्न देखा गया, और मथुरा रोड पर पेड़ गिरने से यातायात संबंधी समस्याएं सामने आईं। सतकेत मेट्रो स्टेशन से निकलने वाले यात्रियों को भी भारी बारिश के कारण असुविधा का सामना करना पड़ा।
भाजपा पार्षद रविंदर सिंह नेगी ने दिल्ली सरकार की जलजमाव से निपटने की कार्ययोजना पर विरोध जताया। उन्होंने NH9 क्षेत्र में भरी हुई सड़क पर एक inflatable नाव चलाकर जलजमाव की स्थिति का मुआयना किया। यह दृश्य सोशल मीडिया पर काफी वायरल हुआ और लोगों का रोष और चिंता सरकार की अपर्याप्त तैयारी पर दर्शाता है।
भारी बारिश के कारण एनसीआर में कई प्रमुख सड़कें पानी में डूब गईं, जिससे सामान्य यातायात संचालन बाधित हो गया। NH9 और अन्य क्षेत्रों में कारें पानी में फंसी रहीं। यह समस्या केवल सड़कों तक सीमित नहीं रही, बल्कि मेट्रो सेवाओं पर भी असर पड़ा। सतकेट मेट्रो स्टेशन से निकलते समय यात्रियों को भारी बारिश और जलजमाव के कारण काफी कठिनाइयों का सामना करना पड़ा।
इस भारी बारिश ने दिल्ली और एनसीआर की जल निकासी प्रणाली की कमजोरियों को उजागर कर दिया है। सरकार और प्रशासन को तुरंत तत्पर और अधिक प्रभावी तरीकों से जलजमाव की समस्याओं को निपटाना चाहिए। इसके अलावा, भविष्य में ऐसी घटनाओं से बचने के लिए दीर्घकालिक योजनाएं और उपाय भी आवश्यक हैं।
भारी बारिश के कारण हुई समस्याओं ने एक बार फिर से दिखाया है कि हमें बेहतर शहरी योजना और आपदा प्रबंधन की कितनी जरूरत है। यह समय है कि जिम्मेदार अधिकारी सतर्क रहें और तात्कालिक और दीर्घावधि समाधान पर गंभीरता से विचार करें।
इस प्राकृतिक आपदा में सबसे महत्वपूर्ण है लोगों की सुरक्षा सुनिश्चित करना। प्रशासन और राज्य सरकार को मिलकर काम करना होगा ताकि जलजमाव और अन्य समस्याओं से निपटा जा सके और लोगों को सही जानकारी और सहायता प्रदान की जा सके।
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