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हरीयाली तीज 2024: तिथि, समय, महत्व, रीति-रिवाज, व्रत नियम, और पूजा विधि

हरीयाली तीज 2024: तिथि, समय, महत्व, रीति-रिवाज, व्रत नियम, और पूजा विधि

हरीयाली तीज 2024: तिथि और समय

हरीयाली तीज 2024 का त्यौहार 7 अगस्त को मनाया जाएगा। इस त्यौहार का आरम्भ 6 अगस्त को सायं 07:52 बजे से होगा और इसका समापन 7 अगस्त को रात 10:05 बजे पर होगा। इस तिथि को शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि भी कहा जाता है। यह त्यौहार सावन मास में मोनसून के समय मनाया जाता है, जब चारों ओर हरियाली छा जाती है।

महत्व और पौराणिक कथा

हरीयाली तीज को भगवान शिव और देवी पार्वती के मिलन का प्रतीक माना जाता है। पौराणिक कथाओं के अनुसार, देवी पार्वती ने भगवान शिव को अपने पति के रूप में प्राप्त करने के लिए कठोर तपस्या की थी। उनकी तपस्या से प्रसन्न होकर भगवान शिव ने उन्हें अपनी अर्धांगिनी के रूप में स्वीकार किया। इस महत्वपूर्ण अवसर को मनाने के लिए प्रत्येक वर्ष हरीयाली तीज का त्यौहार धूमधाम से मनाया जाता है।

व्रत और पूजन विधि

हरीयाली तीज के दिन महिलाएं व्रत रखती हैं और भगवान शिव तथा देवी पार्वती की पूजा करती हैं। विवाहित महिलाएं अपने वैवाहिक जीवन की सुख-समृद्धि के लिए व्रत करती हैं, जबकि कुंवारी लड़कियां भगवान शिव से मनोवांछित वर की प्राप्ति के लिए व्रत करती हैं। महिलाएं इस दिन 'सोलह श्रृंगार' करती हैं, जिसमें सिंदूर, हरे चूड़े, पायल, बिछिया, और सोने के आभूषण पहने जाते हैं।

वारी-प्रथा और रीति-रिवाज

वारी-प्रथा और रीति-रिवाज

इस दिन महिलाएं अपने मायके जाती हैं और वहां अपने परिवार के साथ उत्सव मनाती हैं। उन्हें नए वस्त्र, गहने और अन्य उपहार भेंट किये जाते हैं। हरीयाली तीज के दिन महिलाएं अपने पति के पैरों को छूकर आशीर्वाद लेती हैं और फिर अपना व्रत खोलती हैं। पूजा के अंत में 'सर्व मंगला मांगल्ये शिवे सर्वार्थ साधिके, शरण्य त्र्यम्बके गौरी नारायणी नमोस्तुते' मंत्र का उच्चारण किया जाता है।

वृक्षारोपण और पर्यावरणीय महत्व

हरीयाली तीज का एक और महत्वपूर्ण पहलू है वृक्षारोपण। इस दिन कई लोग पर्यावरण की सुरक्षा के लिए पौधारोपण करते हैं। मोनसून के दौरान यह पर्यावरण को हरा-भरा बनाने का उत्तम समय होता है। इस प्रकार, हरीयाली तीज केवल धार्मिक और सांस्कृतिक त्यौहार नहीं है, बल्कि यह हमारे पर्यावरण को स्वस्थ और समृद्ध बनाने का भी एक अवसर है।

सामाजिक और सांस्कृतिक महत्वपूर्णता

हरीयाली तीज समुदाय और समाज के बीच सामंजस्य और सौहार्द का प्रतीक है। यह त्यौहार विशेषकर महिलाओं के लिए होता है, जो एक-दूसरे के साथ अपनी भावनाएँ और अनुभव साझा करती हैं। इसमें गीत, नृत्य, और पारंपरिक खेल का आयोजन किया जाता है, जो इस त्यौहार को और भी जीवंत बनाते हैं।

नये जमाने की हरीयाली तीज

नये जमाने की हरीयाली तीज

आज के दौर में भी हरीयाली तीज की प्रासंगिकता बनी हुई है। हालाँकि युवाओं में इस त्यौहार का तरीका बदल सकता है, लेकिन इसकी महत्ता और सम्मान में कोई कमी नहीं आई है। महिलाएं अब भी इस दिन बड़ी श्रद्धा और भक्ति के साथ व्रत और पूजा करती हैं। सोशल मीडिया और डिजिटल प्लेटफॉम के माध्यम से भी लोग अपने अनुभव साझा करते हैं और त्यौहार की खुशी को बाँटते हैं।

टैग: हरीयाली तीज शिव पार्वती तीज व्रत सावन त्योहार

16 टिप्पणि

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    PRATIKHYA SWAIN

    अगस्त 7, 2024 AT 23:28
    बहुत अच्छा लगा। ये त्योहार तो हर साल बेस्ट होता है।
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    Deepti Chadda

    अगस्त 9, 2024 AT 04:16
    भारत की संस्कृति का ये तो जबरदस्त अंश है 😍🌿👑
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    Anjali Sati

    अगस्त 10, 2024 AT 19:38
    सोलह श्रृंगार? अब तो सिर्फ इंस्टाग्राम के लिए करती हैं लोग। असली भक्ति कहाँ है?
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    Preeti Bathla

    अगस्त 12, 2024 AT 08:47
    मैंने इस दिन व्रत रखा था और अपने पति के लिए बहुत ज़ोर से प्रार्थना की। अगले हफ्ते उसने मुझे नया ब्रासलेट दिया। शिव ने सुन लिया 😭❤️
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    Aayush ladha

    अगस्त 13, 2024 AT 02:33
    शिव-पार्वती की कहानी? ये सब अंधविश्वास है। आधुनिक युग में ऐसी बातें क्यों चलती हैं?
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    Rahul Rock

    अगस्त 13, 2024 AT 11:31
    इस त्योहार का असली मकसद तो ये है कि महिलाएं एक दूसरे से जुड़ें। वो अकेले न रहें। ये तो बहुत खूबसूरत है।
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    Annapurna Bhongir

    अगस्त 13, 2024 AT 16:46
    वृक्षारोपण का जिक्र है तो अच्छा है। पर अधिकांश लोग एक पौधा लगाकर फोटो खींच लेते हैं। बाकी भूल जाते हैं।
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    Amar Sirohi

    अगस्त 14, 2024 AT 02:42
    देखो ये सब तो एक विश्वास की लड़ाई है। हम जो भी करते हैं वो अपने अंदर के डर को दूर करने की कोशिश है। शिव को पाने के लिए पार्वती ने तपस्या की, लेकिन आज हम अपने आप को क्या दे रहे हैं? क्या हम भी अपने आंतरिक शिव को खोज रहे हैं? या सिर्फ चूड़ियाँ पहन रहे हैं?
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    Nagesh Yerunkar

    अगस्त 15, 2024 AT 16:31
    ये त्योहार बिल्कुल भारतीय है। बाकी देशों में ऐसा कुछ नहीं है। अगर आप इसे नहीं मानते तो आप भारतीय नहीं हैं 🇮🇳👑
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    Daxesh Patel

    अगस्त 16, 2024 AT 16:17
    सायं 7:52 से शुरू होता है? मुझे लगता है ये टाइम गलत है। मैंने पंचांग देखा तो 7:48 लिखा था। शायद टाइपो हो गया।
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    Jinky Palitang

    अगस्त 17, 2024 AT 04:27
    मैंने इस बार अपनी बहन के साथ गांव जाकर व्रत रखा। बहुत अच्छा लगा। गीत गाते गाते रात भर बिता दिया 😌🎶
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    Sandeep Kashyap

    अगस्त 18, 2024 AT 15:06
    अगर आप इस त्योहार को अपने दिल से मनाते हैं, तो ये आपकी जिंदगी बदल सकता है। ये सिर्फ एक दिन नहीं, ये एक अनुभव है। आज ही अपने घर में एक दीपक जलाएं।
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    Aashna Chakravarty

    अगस्त 20, 2024 AT 07:01
    इस त्योहार के पीछे एक बड़ा षड्यंत्र है। महिलाओं को व्रत रखने के लिए मजबूर किया जाता है ताकि वो घर में रहें। ये तो पुरानी सोच है। सोशल मीडिया पर जो लोग इसे फैला रहे हैं, वो सब किसी के आदेश पर काम कर रहे हैं।
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    Kashish Sheikh

    अगस्त 22, 2024 AT 06:46
    मैंने इस बार अपनी बहनों के साथ एक छोटा सा समूह बनाया। हर कोई अपनी तरह से व्रत रख रहा था। कुछ ने शाकाहारी खाना खाया, कुछ ने फल खाए। बहुत खूबसूरत था। ❤️🌺
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    sunil kumar

    अगस्त 22, 2024 AT 20:48
    अन्नपूर्णा जी ने जो टिप्पणी की, वह बिल्कुल सही है। वृक्षारोपण का जिक्र तो अच्छा है, लेकिन व्यावहारिक रूप से ये कितने लोग करते हैं? एक अध्ययन के अनुसार, केवल 12% लोग ही इस दिन पौधे लगाते हैं। बाकी सिर्फ फोटो खींचते हैं।
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    Annapurna Bhongir

    अगस्त 23, 2024 AT 00:59
    हां। ये बात बिल्कुल सच है। बहुत से लोग तो व्रत भी नहीं रखते। बस फोटो डाल देते हैं।

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