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हेमंत सोरेन का बयान: 'बीजेपी के ताबूत में आखिरी कील ठोकने का समय', विधानसभा चुनावों में होगी पार्टी की सफाई

हेमंत सोरेन का बयान: 'बीजेपी के ताबूत में आखिरी कील ठोकने का समय', विधानसभा चुनावों में होगी पार्टी की सफाई

हेमंत सोरेन का जयवर्धन: 'बीजेपी के ताबूत में आखिरी कील'

पूर्व झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन, जो हाल ही में बिरसा मुंडा जेल से रिहा हुए, ने रांची में एक सार्वजनिक सभा को संबोधित किया और अपने संकल्प को पुनः व्यक्त किया। सोरेन ने अपने भाषण में कहा कि अब समय आ गया है जब 'बीजेपी के ताबूत में आखिरी कील ठोकने' की जरुरत है और आगामी विधानसभा चुनावों के बाद पार्टी का झारखंड से सफाया हो जाएगा।

सोरेन, जो झारखंड मुक्ति मोर्चा (जेएमएम) के नेता हैं, ने बीजेपी पर आरोप लगाया कि वह राज्य के विधानसभा चुनावों में जीतने का 'दिवास्वप्न' देख रही है। उन्होंने यह भी दावा किया कि बीजेपी विभिन्न राज्यों में आदिवासियों को मुख्यमंत्री तो बना रही है, लेकिन वे सिर्फ 'रबर स्टैंप' हैं और उनके पास असली शक्ति नहीं है।

आदिवासियों को ताकत दी लोकसभा चुनावों के परिणाम

हेमंत सोरेन ने अपने समर्थकों को आश्वस्त किया कि हाल ही में संपन्न लोकसभा चुनावों के परिणामों ने झारखंड के मूल निवासियों और आदिवासियों को ताकत दी है। उन्होंने कहा कि आदिवासी और झारखंड के लोग अब पूरी तरह से तैयार हैं आने वाले विधानसभा चुनावों के लिए, जो शायद जल्द ही आयोजित किए जा सकते हैं। उनके इस बयान ने पार्टी कार्यकर्ताओं और समर्थकों में नई उम्मीदें जगा दी हैं।

साजिशकर्ताओं को देंगे करारा जवाब

साजिशकर्ताओं को देंगे करारा जवाब

हेमंत सोरेन ने अपने भाषण में, किसी का नाम लिए बिना, कहा कि जो लोग उनके खिलाफ साजिशें रच रहे थे, उन्हें उचित जवाब मिलेगा। उन्होंने स्पष्ट किया कि उनके खिलाफ चल रहे मामलों में वह निर्दोष हैं। सोरेन को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने 31 जनवरी को गिरफ्तार किया था, भूमि घोटाले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में। हालांकि, राज्य उच्च न्यायालय ने उन्हें जमानत दी, जिसमें उन्होंने माना कि सोरेन प्रारंभिक रूप से दोषी नहीं हैं और जमानत पर रिहा होने के बाद वह कोई अपराध नहीं करेंगे।

सीएम नियुक्ति पर बीजेपी की रणनीति

सोरेन ने बीजेपी की रणनीति पर सवाल उठाया, जिसमें पार्टी ने कई राज्यों में आदिवासी मुख्यमंत्रियों की नियुक्ति की है। उन्होंने कहा कि यह केवल एक दिखावे की राजनीति है और वास्तविक सत्ता बीजेपी के हाथ में ही है। उन्होंने अपने समर्थकों से अपील की कि वे बीजेपी के इस छलावे को समझें और चुनावों में इसका करारा जवाब दें।

झारखंड की राजनीति पर असर

झारखंड की राजनीति पर असर

झारखंड के आगामी विधानसभा चुनावों में हेमंत सोरेन के बयानों का गहरा असर हो सकता है। उनके समर्थन में बड़ी संख्या में लोग जुटे और उनके पास आदिवासी समुदाय का व्यापक समर्थन है। सोरेन के इस आत्मविश्वास भरे बयान ने राज्य के राजनीतिक माहौल को और भी गर्मा दिया है। अब देखना ये है कि जनता का समर्थन किस दल को मिलता है और कौन राज्य में सत्ता स्थापित करता है।

जेएमएम समेत गठबंधन दलों ने भी सोरेन के बयान की सराहना की और एक मजबूत विपक्ष बनाने की दिशा में काम करने का संकल्प लिया। सभी दलों के नेता अब अपने-अपने इलाकों में जाकर जनता को बीजेपी के खिलाफ संगठित करने की तैयारी में हैं।

आने वाले दिनों की रणनीति

हेमंत सोरेन और उनकी पार्टी की आगामी रणनीति पर भी कई अटकलें लगाई जा रही हैं। उन्होंने अपने भाषण में स्पष्ट किया कि जेएमएम आगामी विधानसभा चुनावों के लिए पूरी तरह से तैयार है और वे बीजेपी को हराने के लिए हर संभव कदम उठाएंगे। उनका यह भी कहना था कि राज्य की जनता अब और अधिक धैर्य नहीं रख सकती और बदलाव चाहती है।

कुल मिलाकर, झारखंड की राजनीति में हेमंत सोरेन का यह बयान और उनकी रिहाई ने एक नई दिशा प्रदान की है। हालांकि, विधानसभा चुनावों में क्या परिणाम आता है, यह देखना बाकी है, लेकिन इतना स्पष्ट है कि झारखंड की राजनीतिक धरातल पर उथल-पुथल मची हुई है और आने वाले समय में और भी घटनाएं घट सकती हैं।

टैग: हेमंत सोरेन झारखंड बीजेपी विधानसभा चुनाव

8 टिप्पणि

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    Deepti Chadda

    जून 30, 2024 AT 11:33
    बीजेपी के ताबूत में आखिरी कील? ये सब बकवास है जो अब तक बीजेपी ने झारखंड में किया वो किसी के लिए नहीं बल्कि आदिवासियों के लिए है। जेएमएम वाले तो बस अपनी बात चला रहे हैं 😤
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    Anjali Sati

    जुलाई 1, 2024 AT 22:31
    आदिवासी मुख्यमंत्री बनाना दिखावा है? तो फिर मध्य प्रदेश और झारखंड में जो आदिवासी नेता हैं उनकी कार्यक्षमता को नज़रअंदाज़ कर रहे हो। बस राजनीति का गुस्सा निकाल रहे हो।
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    Preeti Bathla

    जुलाई 2, 2024 AT 12:29
    हेमंत सोरेन निर्दोष हैं? 😂 ईडी का मामला बस इतना आसान नहीं होता। और अब वो बीजेपी के खिलाफ आग लगा रहे हैं तो उनकी जमानत का क्या? ये सब बस चुनावी गुस्सा है। असली लोगों को तो बस नौकरी चाहिए ना।
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    Aayush ladha

    जुलाई 4, 2024 AT 06:30
    क्योंकि बीजेपी आदिवासियों को मुख्यमंत्री बना रही है इसलिए वो दिखावा है? तो फिर अन्य पार्टियां तो बस ब्राह्मण या जाट लोगों को ही चुनती हैं? ये बातें बिल्कुल अंधेरे में बोल रहे हो।
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    Rahul Rock

    जुलाई 5, 2024 AT 11:11
    क्या हम अपने राज्य के लिए बदलाव चाहते हैं या बस एक दल को दूसरे दल के खिलाफ लड़ाना चाहते हैं? हेमंत सोरेन के बयान भावनात्मक हैं लेकिन क्या उनके बाद झारखंड का विकास बढ़ेगा? ये सवाल अभी भी खुला है।
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    Annapurna Bhongir

    जुलाई 6, 2024 AT 08:04
    बीजेपी ने जो किया है उसका असर देखो बस। जेएमएम की बातें तो बस चुनाव के लिए चल रही हैं।
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    PRATIKHYA SWAIN

    जुलाई 7, 2024 AT 11:25
    बदलाव आएगा जरूर। लोग थक चुके हैं।
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    MAYANK PRAKASH

    जुलाई 8, 2024 AT 16:22
    हेमंत सोरेन के बयान ने आदिवासी समुदाय में एक नई ऊर्जा दी है। अब देखना है कि ये ऊर्जा किस दल के लिए फलेगी। बीजेपी ने भी अपनी रणनीति बदलनी होगी। ये चुनाव सिर्फ दलों का नहीं बल्कि जनता का है।

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