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हिज़बुल्ला नेता हाशिम सफीद्दीन की हत्या: दक्षिणी बेरूत में इज़रायली हवाई हमले में बात

हिज़बुल्ला नेता हाशिम सफीद्दीन की हत्या: दक्षिणी बेरूत में इज़रायली हवाई हमले में बात

हिज़बुल्ला के वरिष्ठ नेता हाशिम सफीद्दीन का निधन

हिज़बुल्ला ने आधिकारिक रूप से पुष्टि की है कि उनके वरिष्ठ नेता, हाशिम सफीद्दीन, जो संगठन के अगले प्रमुख के तौर पर देखे जा रहे थे, दक्षिणी बेरूत में एक इज़रायली हवाई हमले में मारे गए हैं। अक्टूबर की शुरुआत में हुए इस हमले ने न केवल हिज़बुल्ला बल्कि पूरे इलाके में हलचल मचा दी है। सफीद्दीन हिज़बुल्ला के कार्यकारी परिषद के प्रमुख थे और भारतीय मूल के हसन नसरल्लाह के संभावित उत्तराधिकारी के रूप में देखे जाते थे।

हवा हमले में इस दुःखद निधन ने मध्य-पूर्व में एक नई ऊर्जा और चिंता का संचार किया है। हिज़बुल्ला समर्थक और इसके विरोधियों के बीच यह घटना एक और विवाद का कारण बन गई है। यह हमला हिज़बुल्ला के मुख्य खुफिया मुख्यालय में हुआ जो दाहियेह के नाम से जाना जाता है। यह क्षेत्र हिज़बुल्ला का एक मुख्य गढ़ माना जाता है और यहाँ पर अक्सर बड़े-से-बड़े संघटनात्मक निर्णय लिए जाते हैं।

इज़रायली सेना का दावा

इज़रायली सैन्य अधिकारियों का कहना है कि उन्होंने दाहियेह में हिज़बुल्ला के एक भूमिगत बंकर को निशाना बनाया था, जहाँ सफीद्दीन मौजूद थे। इस भगदड़ का उद्देश्य हिज़बुल्ला की खुफिया शाखा को कमजोर करना था। इस हमले में अली हुसैन हज़ीमा, जो हिज़बुल्ला के खुफिया प्रमुख थे, भी मारे गए। इज़रायली आक्रामकता उसी समय तक जारी रही जब तक कि बचाव दल घटनास्थल तक नहीं पहुँच सका, जिसकी वजह से हिज़बुल्ला का अपने नेताओं के साथ संपर्क खो गया।

इज़रायली सेना ने दावा किया है कि उनके पास खुफिया सूचना थी कि हिज़बुल्ला की महत्वपूर्ण गतिविधियाँ इसी बंकर से संचालित हो रही थीं। उनका यह भी मानना था कि बंकर के अंदर कोई भी प्राणी जीवित नहीं बच सकता, जिसमें वरिष्ठ हिज़बुल्ला अधिकारी भी शामिल थे। यह दावा पूरी तरह से हिज़बुल्ला की कार्यप्रणाली को ठेस पहुँचाने का प्रयास भी हो सकता है।

हिज़बुल्ला की प्रतिक्रिया

घटना के बाद हिज़बुल्ला ने इस हमले की कड़ी निंदा की और इसे इज़्जत के खिलाफ एक गंभीर अवमानना करार दिया। हिज़बुल्ला ने कहा कि यह हमला केवल उनके संगठन के ऊपर नहीं, बल्कि पूरे लेबनान की संप्रभुता और स्वायत्तता पर एक आघात है। उन्होंने अपने सहकर्मी और जनता से संयम बनाए रखने और इज़रायली उद्दंडता का मुंहतोड़ जवाब देने के लिए कहा।

हिज़बुल्ला के इस आक्रामक बयान ने इज़रायल और उसके सहयोगियों की नींद उड़ी दी है, जो कि इस क्षेत्र में शांतिपूर्ण हल खोजने की कोशिश कर रहे हैं। यह देखा जाना बाकी है कि आगे यह स्थिति कैसी उभरती है, लेकिन इतना निश्चित है कि इस घटना ने प्रशासनिक और सामरिक परिस्थितियों में भारी बदलाव ला दिया है।

भविष्य की संभावनाएँ

हिज़बुल्ला के इस नुकसान के बाद उन्हें अपनी अंदरूनी संरचना में बदलाव करने होंगे। हिज़बुल्ला के समक्ष अब यह चुनौती है कि वह अपने अंदरूनी ढाँचे को कैसे पुनर्गठित करेंगे और अपनी मज़बूत पकड़ को बरकरार रखेंगे। इज़रायल और हिज़बुल्ला के बीच इस घटना के बाद एक नए तरह की युद्ध स्थिति उत्पन्न हो सकती है जो पूरे मध्य-पूर्व की राजनीति को प्रभावित कर सकती है। इस बढ़ती अस्थिरता के बीच, सभी पक्षों को बातचीत के जरिए विवाद का समाधान खोजने की दिशा में प्रयास करना होगा। यह वक्त है जब अंतरराष्ट्रीय समुदाय इस खींचतान को शांतिपूर्ण तरीके से सुलझाने के लिए आगे आए।

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13 टिप्पणि

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    PRATIKHYA SWAIN

    अक्तूबर 24, 2024 AT 23:27

    ये तो बस शुरुआत है।

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    Annapurna Bhongir

    अक्तूबर 25, 2024 AT 15:45

    इजरायल का ये निर्णय लंबे समय से तैयार किया जा रहा था। हिज़बुल्ला के खुफिया नेटवर्क को तोड़ना उनका मुख्य लक्ष्य था।

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    MAYANK PRAKASH

    अक्तूबर 27, 2024 AT 12:12

    इस घटना के बाद लेबनान की स्थिति और भी गंभीर हो गई है। अब युद्ध का खतरा बढ़ गया है।

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    Akash Mackwan

    अक्तूबर 29, 2024 AT 00:36

    हिज़बुल्ला के नेता मारे गए? अच्छा तो अब वो अपने आप को शहीद बताने लगेंगे। इज़रायल का ये कदम बहुत सही था। ये आतंकवादी संगठन तो बस अपने आप को बर्बर बताते हैं।

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    Amar Sirohi

    अक्तूबर 29, 2024 AT 10:40

    इस घटना को बस एक सैन्य विजय के रूप में नहीं देखना चाहिए। यह तो एक ऐसी विश्व व्यवस्था का अंतिम चरण है जहाँ शक्ति के आधार पर निर्णय लिए जाते हैं। यहाँ न्याय की कोई भूमिका नहीं। हिज़बुल्ला का नेतृत्व तोड़ना एक ताकत का प्रदर्शन है, लेकिन इससे लंबे समय तक शांति नहीं आएगी। इंसानी जीवन के बदले राजनीतिक अहंकार का बलिदान हो रहा है।

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    Nagesh Yerunkar

    अक्तूबर 30, 2024 AT 15:59

    इजरायल ने इसे एक विजय कहा... लेकिन ये तो एक बड़ा अपराध है। 😔💣 ये सब बस एक राजनीतिक शोर है जिसमें नागरिक जीवन नष्ट हो रहा है।

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    Daxesh Patel

    अक्तूबर 31, 2024 AT 01:55

    सफीद्दीन के बाद हिज़बुल्ला का अगला नेता कौन बनेगा? इसके बारे में कोई आधिकारिक जानकारी नहीं है। लेकिन अगर नसरल्लाह का उत्तराधिकारी बनना है तो उनके पास बहुत ज्यादा समय नहीं है।

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    Jinky Palitang

    नवंबर 1, 2024 AT 17:31

    इजरायल ने ये हमला बहुत अच्छे से किया है। दाहियेह में बंकर निशाना बनाना बहुत कठिन था।

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    Sandeep Kashyap

    नवंबर 1, 2024 AT 22:32

    इस घटना के बाद लेबनान के लोगों को बहुत संघर्ष करना पड़ेगा। लेकिन आज भी उनके दिलों में आशा है। हम सब उनके साथ हैं। 💪❤️

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    Aashna Chakravarty

    नवंबर 3, 2024 AT 10:58

    ये सब अमेरिका की साजिश है। इजरायल बस उनका गुलाम है। और हिज़बुल्ला को नष्ट करने का नाटक बना रहा है। अब तक का सब कुछ एक धोखा है। जब तक भारत अपने आप को अमेरिका के साथ नहीं जोड़ता, हम भी इस युद्ध में फंस जाएंगे।

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    Kashish Sheikh

    नवंबर 5, 2024 AT 03:04

    हिज़बुल्ला के नेता का निधन दुखद है। लेकिन अब शांति की ओर बढ़ने का समय है। 🤝🕊️ हम सब एक साथ शांति के लिए काम कर सकते हैं।

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    Vinaya Pillai

    नवंबर 5, 2024 AT 19:45

    ओह तो अब हिज़बुल्ला के नेता मार डाले गए... बस इतना ही? अब तो इज़रायल खुद अपने आप को नोबेल शांति पुरस्कार के लिए नामांकित कर ले। 😏

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    dharani a

    नवंबर 7, 2024 AT 03:46

    अरे भाई, ये तो सिर्फ इजरायल का एक तरीका है अपने आप को बलिदानी बनाने का। लेकिन अगर हिज़बुल्ला ने अपने नेता को शहीद बना दिया तो वो अब और ज्यादा लोगों को भड़का देगा। तो ये तो उनकी खुद की ताकत बढ़ा रहा है।

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