कर्नाटक को मिलेंगी 600 नई मेडिकल सीटें
कर्नाटक में चिकित्सा शिक्षा को एक नई दिशा मिल रही है। नेशनल मेडिकल कमीशन (NMC) ने राज्य में चार नए अंडरग्रेजुएट मेडिकल कॉलेजों को मंजूरी दी है, जिससे 2024-25 शैक्षणिक वर्ष के लिए 600 नई सीटें उपलब्ध होंगी। इन नए कॉलेजों में रमानगर में रमानगर इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज, कनकपुरा में कनकपुरा इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज, नगरूर में बीजीएस मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल, और कोनप्पना अगरहरा में पीईएस यूनिवर्सिटी इंस्टिट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज एंड रिसर्च शामिल हैं।
हर कॉलेज में 150 सीटें
इन सभी चार नए कॉलेजों में प्रत्येक में 150 सीटें होंगी। यह विस्तार कर्नाटक की मेडिकल शिक्षा व्यवस्था को मजबूती प्रदान करेगा। इसके साथ ही, राज्य में कुल मेडिकल सीटों की संख्या 12,345 हो जाएगी, जो वर्तमान में 11,745 थी। कार्यकाल के प्रारंभ में ही यह निर्णय लिया गया था कि मेडिकल शिक्षा में बदलाव की आवश्यकता है और यह कदम उस दिशा में एक महत्वपूर्ण प्रयास है।
राजनीतिक विवाद का निपटान
इस निर्णय से एक महत्वपूर्ण राजनीतिक विवाद को भी सुलझा लिया गया है। उप मुख्यमंत्री डी.के. शिवकुमार और केंद्रीय मंत्री एच.डी. कुमारस्वामी के बीच विभिन्न स्थानों पर प्रस्तावित सरकारी मेडिकल कॉलेज को लेकर मतभेद थे। लेकिन, नए कॉलेजों की घोषणा से यह विवाद समाप्त हो गया है।
शैक्षणिक वर्ष 2024-25 के लिए तैयारियां
शैक्षणिक वर्ष 2024-25 के लिए इस श्रृंखला में नई सीटें जोड़ने के साथ ही, NMC ने सुनिश्चित किया है कि राज्य में मेडिकल शिक्षा में उच्च स्तर की गुणवत्ता होगी। प्रत्येक कॉलेज को बेहतर संरचना, शिक्षण संसाधन और चिकित्सकीय उपकरणों से सुसज्जित किया जाएगा। इसका लाभ राज्य के छात्रों को मिलेगा, विशेषत: उन छात्रों को जिन्हें अन्य राज्यों में पढ़ाई के लिए जाना पड़ता था।
शिक्षा प्रणाली को नई ताकत
कर्नाटक में शिक्षा प्रणाली में यह बड़ा बदलाव राज्य के विकास के संदर्भ में महत्वपूर्ण माना जा रहा है। इससे न केवल छात्रों को बेहतर अवसर मिलेंगे, बल्कि राज्य की स्वास्थ्य सेवाओं में भी सुधार होगा। नए कॉलेजों में आधुनिक सुविधाएँ और उच्च गुणवत्ता वाले चिकित्सा उपकरण होने से चिकित्सा क्षेत्र में व्यापक विकास होगा।
चिकित्सा शिक्षा में वृद्धि
NMC द्वारा किए गए इस फैसले से कर्नाटक में चिकित्सा शिक्षण व्यवस्था को नई ऊंचाइयाँ मिलेंगी। विशेषज्ञों का मानना है कि इससे राज्य में चिकित्सा शिक्षा के स्तर में सुधार होगा और क्षेत्र की स्वास्थ्य सेवाओं को भी मजबूती मिलेगी। यह कदम विद्यार्थियों के साथ-साथ राज्य के स्वास्थ्य तंत्र के लिए भी लाभकारी साबित होगा।
छात्रों के लिए नए अवसर
नए मेडिकल कॉलेजों की स्थापना से छात्रों को उनके घर के पास ही शिक्षा प्राप्त करने का अवसर मिलेगा। इससे छात्रों के और उनके परिवारों के खर्च में भी कटौती होगी। इसके अलावा, नई सीटों के जुड़ने से छात्रों के लिए प्रतिस्पर्धा के अवसर भी बढ़ेंगे और उन्हें अपने गृह राज्य में ही बेहतर चिकित्सा शिक्षा प्राप्त होगी।
नए कॉलेजों की आधुनिक सुविधाएं
नए मेडिकल कॉलेजों में आधुनिक शिक्षण संसाधनों के साथ-साथ अस्पताल सुविधाओं का भी ध्यान रखा जाएगा। उच्च गुणवत्ता वाले प्रयोगशालाएं, लाइब्रेरी, और क्लिनिकल प्रशिक्षण की सुविधा छात्रों को उपलब्ध कराई जाएगी। इससे छात्रों को व्यावहारिक शिक्षा और अनुभव का भी लाभ मिलेगा, जो उनकी चिकित्सा शिक्षा को और भी प्रासंगिक बनाएगा।
इस प्रकार, कर्नाटक में 600 नई मेडिकल सीटों का जुड़ना राज्य में चिकित्सा क्षेत्र के विकास में एक महत्वपूर्ण कदम है। यह निर्णय राज्यों के विशेषकर ग्रामीण क्षेत्रों के स्वास्थ्य क्षेत्र में सुधार के लिए महत्वपूर्ण योगदान देगा।
PRATIKHYA SWAIN
जुलाई 9, 2024 AT 08:51Rohit Raina
जुलाई 11, 2024 AT 04:07Prasad Dhumane
जुलाई 11, 2024 AT 15:49rajesh gorai
जुलाई 11, 2024 AT 16:56Rampravesh Singh
जुलाई 13, 2024 AT 14:04Akul Saini
जुलाई 15, 2024 AT 06:07Arvind Singh Chauhan
जुलाई 17, 2024 AT 04:50AAMITESH BANERJEE
जुलाई 18, 2024 AT 06:47Akshat Umrao
जुलाई 19, 2024 AT 04:14Sonu Kumar
जुलाई 20, 2024 AT 23:45sunil kumar
जुलाई 21, 2024 AT 17:34Deepti Chadda
जुलाई 23, 2024 AT 02:21Anjali Sati
जुलाई 24, 2024 AT 08:20Preeti Bathla
जुलाई 25, 2024 AT 11:41Aayush ladha
जुलाई 25, 2024 AT 21:08Rahul Rock
जुलाई 27, 2024 AT 03:03Annapurna Bhongir
जुलाई 27, 2024 AT 03:30MAYANK PRAKASH
जुलाई 28, 2024 AT 00:44