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लिगेंडरी आवाज देने वाले जेम्स अर्ल जोन्स का 93 वर्ष की आयु में निधन

लिगेंडरी आवाज देने वाले जेम्स अर्ल जोन्स का 93 वर्ष की आयु में निधन

जेम्स अर्ल जोन्स की जीवन यात्रा

जेम्स अर्ल जोन्स, जो अपने समान्य समय में एक प्रमुख और प्रशंसनीय अभिनेता थे, अब हमारे बीच नहीं रहे। 93 वर्ष की आयु में 9 सितंबर 2024 को उनका निधन हो गया। जेम्स का जन्म 17 जनवरी 1931 को अरकबुटला, मिसिसिप्पी में हुआ था। छह दशक से अधिक के करियर में, उन्होंने सिनेमा और थिएटर दोनों में अपने अद्वितीय योगदान के लिए ख्याति प्राप्त की।

आवाज का जादूगर

जेम्स अर्ल जोन्स की गहरी और प्रभावशाली आवाज़ ने उन्हें न केवल महान बनाया, बल्की उन्हें अनूठा भी बनाया। उनकी आवाज़ का जादू ‘स्टार वॉर्स’ के डेथ वाडर के किरदार में स्पष्ट रूप से देखा जा सकता है, जिसे उन्होंने पहली बार 1977 में निभाया था।वे लगातार कई फिल्मों और टीवी शो में इस किरदार को निभाते रहे। 'स्टार वॉर्स' फ्रेंचाइजी में उनकी उपस्थिति उनके दमदार आवाज के बिना सूनी होती।

इसके साथ ही, जोन्स की अवाज ने डिज्नी के ‘द लायन किंग’ में मुफासा को भी जीवन दिया। बच्चों और वयस्कों दोनों के दिलों में उनकी आवाज गूंजती रही। इसके अलावा, CNN के सिग्नेचर इंट्रोडक्शन को भी उनकी आवाज ने यादगार बनाया। उन्होंने कभी अपनी आवाज को डेथ वाडर के लिए ‘बहुत संकीर्ण’ रखने की सलाह जॉर्ज लुकास से मिली, जिससे उस किरदार की गैर-मानवीय प्रकृति को और उभारा जा सके।

फिल्मों और थिएटर में योगदान

जेम्स अर्ल जोन्स ने न केवल आवाज के माध्यम से बल्कि लाइव-एक्शन फिल्मों में भी अपना महत्वपूर्ण योगदान दिया। 'डॉ. स्ट्रेंजलेव', 'फील्ड ऑफ ड्रीम्स', 'कोनन द बार्बेरियन' और 'द हंट फॉर रेड अक्टूबर' जैसी फिल्मों में अपने अद्वितीय अभिनय से दर्शकों का दिल जीता।

उनके करियर की एक अन्य महत्वपूर्ण उपलब्धि उनका थिएटर में योगदान था। 2022 में, मैनहट्टन के कॉर्ट थिएटर को उनके नाम पर ‘द जेम्स अर्ल जोन्स थिएटर’ के रूप में पुनःनामित किया गया, उनके थिएटर में अद्वितीय योगदान की स्वीकार्यता के रूप में।

जेम्स अर्ल जोन्स ने अपनी आवाज और अभिनय के बल पर सिनेमा की दुनिया में एक नई ऊंचाई को स्पर्श किया। उन्हें कई प्रतिष्ठित पुरस्कार मिले, जिनमें दो प्राइमटाइम एमी अवार्ड्स, एक डे टाइम एमी, एक ग्रेमी अवार्ड और तीन टोनी अवार्ड्स शामिल हैं। उन्हें मानद अकादमी पुरस्कार, केनेडी सेंटर ऑनर्स और राष्ट्रिय कला पदक से भी सम्मानित किया गया।

निजी जीवन और समाज सेवा

जेम्स अर्ल जोन्स ने दो बार विवाह किया और उनकी दूसरी पत्नी, अभिनेत्री सेसिलिया हार्ट, से उन्हें एक पुत्र हुआ, जिसका नाम फ्लिन अर्ल जोन्स है। सेसिलिया का 2016 में निधन हो गया था। जेम्स जोन्स अपने जीवन में एक साफ दृष्टिकोण रखते थे कि वे समाज की समस्याओं को अपने काम के माध्यम से संबोधित करेंगे, न कि किसी सीधे हस्तक्षेप के द्वारा।

स्टार वॉर्स के ल्यूक स्काईवॉकर के किरदार निभाने वाले मार्क हैमिल ने सोशल मीडिया पर जोन्स को श्रद्धांजलि दी, जो दर्शाता है कि जेम्स ने अपने सह-कलाकारों और स्टार वॉर्स फ्रेंचाइजी पर कितना गहरा प्रभाव डाला।

एक विरासत

जेम्स अर्ल जोन्स की विरासत अद्वितीय है। वे उन अग्रणी काले अभिनेताओं में से एक थे जिन्होंने हॉलीवुड में सामाजिक परंपराओं को चुनौती दी और अपने अभिनय के माध्यम से उसकी सीमाओं का विस्तार किया। उनके योगदान को सिनेमा और थिएटर के इतिहास में हमेशा याद किया जाएगा।

टैग: जेम्स अर्ल जोन्स स्टार वॉर्स मुफासा डेथ वाडर

9 टिप्पणि

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    Rohit Raina

    सितंबर 11, 2024 AT 03:33
    असल में डेथ वाडर की आवाज़ तो जेम्स अर्ल जोन्स की थी, लेकिन फिल्म में तो कोई भी उन्हें नहीं देख पाया। ये ही है असली एक्टिंग - बिना चेहरे के भी दिल जीत लेना।
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    Prasad Dhumane

    सितंबर 11, 2024 AT 22:17
    मुफासा की आवाज़ सुनकर बचपन में मैं हमेशा डर जाता था... पर अब जब उसे दोबारा सुनता हूँ, तो लगता है जैसे कोई पुराना दोस्त फिर से आ गया हो। जेम्स अर्ल जोन्स ने आवाज़ को एक जीवंत आत्मा बना दिया। 🕊️
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    rajesh gorai

    सितंबर 13, 2024 AT 07:04
    इसका एक अधिक गहरा दर्शनिक आयाम है - जब एक व्यक्ति की आवाज़ उसकी अस्तित्व की पहचान बन जाती है, तो शरीर तो नष्ट हो जाता है, पर शब्द अमर हो जाते हैं। ये ही है लिंगुइस्टिक ट्रांससेंडेंस। जेम्स ने वोकल एनर्जी को एक नए स्तर पर पहुँचा दिया।
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    Rampravesh Singh

    सितंबर 13, 2024 AT 20:15
    जेम्स अर्ल जोन्स के निधन के बाद, हमें यह याद रखना चाहिए कि वास्तविक महानता किसी भी भौतिक उपलब्धि से नहीं, बल्कि एक अद्वितीय दृष्टिकोण और अटूट नैतिकता से निकलती है। उनकी आवाज़ ने न केवल फिल्मों को बल्कि समाज को भी प्रेरित किया।
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    Akul Saini

    सितंबर 14, 2024 AT 18:08
    मुझे लगता है कि उनकी आवाज़ का सबसे बड़ा असर ये रहा कि वो एक अंतर्राष्ट्रीय भाषा बन गई - जो अंग्रेजी नहीं, बल्कि भावनाओं की भाषा थी। डेथ वाडर का 'नॉ' या मुफासा का 'लाइफ इज ए साइकिल' - दोनों ही अलग अलग दुनियाओं को जोड़ते हैं।
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    Arvind Singh Chauhan

    सितंबर 15, 2024 AT 20:49
    क्या आपने कभी सोचा है कि अगर उनकी आवाज़ न होती, तो स्टार वॉर्स का डेथ वाडर कितना असर डालता? शायद बस एक अजीब सा आदमी होता जिसके लिए कोई भी डरता नहीं। उनकी आवाज़ ने डर को एक अस्तित्व बना दिया।
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    AAMITESH BANERJEE

    सितंबर 17, 2024 AT 04:53
    मैं जब बच्चा था, तो रात को अक्सर मुफासा की आवाज़ सुनकर सो जाता था। अब जब मैं बड़ा हो गया हूँ, तो उसी आवाज़ से आत्मा को शांति मिलती है। जेम्स अर्ल जोन्स ने बस आवाज़ नहीं दी - उन्होंने एक सुरक्षित जगह बना दी। वो हमेशा यहाँ रहेंगे।
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    Akshat Umrao

    सितंबर 17, 2024 AT 21:13
    मुफासा की आवाज़ सुनकर आँखें भर आती हैं। जेम्स अर्ल जोन्स ने बस एक आवाज़ दी थी... लेकिन उसने दुनिया को बदल दिया। ❤️
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    Sonu Kumar

    सितंबर 19, 2024 AT 09:43
    अरे, ये तो बस एक आवाज़ है... असली अभिनेता तो वो होते हैं जो चेहरे से भाव देते हैं। जेम्स अर्ल जोन्स ने तो बस एक रिकॉर्डिंग दी थी - इसे 'महानता' कहना बहुत अतिशयोक्ति है। और फिर भी... उनकी आवाज़ ने वाकई दिल को छू लिया।

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