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नवंबर और दिसंबर 2025 के गृह प्रवेश मुहूर्त: शुभ तारीखें और विस्तृत समय

नवंबर और दिसंबर 2025 के गृह प्रवेश मुहूर्त: शुभ तारीखें और विस्तृत समय

नए घर में प्रवेश करने का मौका बस एक भवन का शिकंजा नहीं, बल्कि एक जीवन की नई शुरुआत है। हिंदू परंपरा में इसे गृह प्रवेश कहा जाता है — और इसका मुहूर्त चुनना उतना ही महत्वपूर्ण है, जितना कि घर बनाना। नवंबर और दिसंबर 2025 के अंतिम दो महीनों में अनेक शुभ तिथियां उपलब्ध हैं, जिन पर गृह प्रवेश करने से घर में शांति, समृद्धि और सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह शुरू होता है। एशियानेट न्यूज़, न्यूज़18, हाउसिंग.कॉम और टीवी9 हिंदी जैसे प्रामाणिक स्रोतों के अनुसार, इन महीनों में विशेष नक्षत्रों और तिथियों के आधार पर अलग-अलग समय शुभ माने गए हैं।

नवंबर 2025: गृह प्रवेश के शुभ दिन

नवंबर की शुरुआत ही शुभता का संकेत देती है। 3 नवंबर 2025 (सोमवार) को गृह प्रवेश का मुहूर्त सुबह 6:34 बजे से अगले दिन दोपहर 2:05 बजे तक है। इस दिन का नक्षत्र उत्तराभाद्रपद और रेवती है, जो वैदिक पंचांग के अनुसार धन और स्थिरता का प्रतीक है। तिथि — कार्तिक शुक्ल त्रयोदशी — भी अत्यंत शुभ है।

8 नवंबर को शनिवार का दिन आता है, जिस पर 8 नवंबर 2025 का मुहूर्त सुबह 6:38 बजे से 7:32 बजे तक है। यहां नक्षत्र मृगशिरा है, जो नए शुरुआतों के लिए अत्यंत लाभदायक माना जाता है। तिथि — मार्गशीर्ष कृष्ण चतुर्थी — भगवान गणेश की कृपा का संकेत है।

14 नवंबर (शुक्रवार) को मुहूर्त रात 9:20 बजे से अगले दिन सुबह 6:44 बजे तक है। यहां नक्षत्र उत्तराफाल्गुनी है, जिसे राज्य और समृद्धि का नक्षत्र माना जाता है। इसी तरह, 15 नवंबर (शनिवार) को मुहूर्त सुबह 6:44 बजे से रात 11:34 बजे तक है — यह एक दिन के लंबे समय का मुहूर्त है, जिसमें कोई भी समय चुना जा सकता है।

24 नवंबर को फिर से सोमवार है, और मुहूर्त रात 9:53 बजे से 25 नवंबर सुबह 6:52 बजे तक। नक्षत्र उत्तरा आषाढ़ है, जो विकास और उन्नति का प्रतीक है। इसके अलावा, 29 नवंबर (शनिवार) को मुहूर्त सुबह 2:22 बजे से 30 नवंबर सुबह 6:56 बजे तक है — यह अंतिम शुभ दिन है जो नवंबर के अंत में आता है।

दिसंबर 2025: अंतिम शुभ अवसर

दिसंबर की शुरुआत भी शुभता से भरी है। 1 दिसंबर 2025 (सोमवार) को मुहूर्त सिर्फ 12 घंटे का है — सुबह 6:56 बजे से शाम 7:01 बजे तक। नक्षत्र रेवती है, जो धन, सुख और आध्यात्मिक शांति लाने के लिए अत्यंत शुभ माना जाता है। तिथि — मार्गशीर्ष शुक्ल एकादशी — विष्णु भक्ति का दिन है।

5 दिसंबर (शुक्रवार) को मुहूर्त सुबह 6:59 बजे से 6 दिसंबर सुबह 7:00 बजे तक है — लगभग 24 घंटे का विस्तार! नक्षत्र रोहिणी और मृगशिरा दोनों ही लाभदायक हैं। तिथि — पौष कृष्ण प्रतिपदा — नए महीने की शुरुआत है, जो नई ऊर्जा का प्रतीक है।

6 दिसंबर (शनिवार) को मुहूर्त सुबह 7:00 बजे से 8:48 बजे तक है। यह एक छोटा, लेकिन अत्यंत शक्तिशाली समय है। इस दिन का नक्षत्र उत्तराभाद्रपद है, जो आध्यात्मिक शक्ति और घर की स्थिरता के लिए अत्यंत उपयुक्त है।

अन्य शुभ तिथियां: पंडितजी की सलाह

अन्य शुभ तिथियां: पंडितजी की सलाह

कुछ पंडित और पंचांग विशेषज्ञ पंडितजी के अनुसार, नवंबर में अन्य तिथियां भी शुभ हैं। 11 नवंबर (मंगलवार) को सुबह 9:00 बजे से 11:45 बजे तक, 19 नवंबर (बुधवार) को दोपहर 12:30 बजे से 2:50 बजे तक, और 27 नवंबर (गुरुवार) को सुबह 8:15 बजे से 10:30 बजे तक गृह प्रवेश करना लाभदायक हो सकता है। ये समय विशेष रूप से उन लोगों के लिए हैं जिनके जन्म कुंडली में गुरु या बुध का प्रभाव मजबूत है।

क्यों इतना जोर शुभ मुहूर्त पर?

यह सिर्फ रिवाज नहीं, बल्कि एक गहरा विश्वास है। एस्ट्रोयोगी और अन्य ज्योतिषीय संस्थानों के अनुसार, गृह प्रवेश का सही समय नकारात्मक ऊर्जाओं को दूर करता है और घर में आध्यात्मिक संतुलन बनाए रखता है। जब आप एक नए घर में प्रवेश करते हैं, तो वहां का वातावरण आपके जीवन के अगले 10-15 साल तक निर्धारित होता है। एक शुभ मुहूर्त सिर्फ पूजा का अंग नहीं — यह आपके भविष्य की नींव है।

क्या करें अगर शुभ तिथि नहीं मिले?

क्या करें अगर शुभ तिथि नहीं मिले?

अगर कोई तारीख आपके लिए उपलब्ध नहीं है, तो अपने परिवार के पंडित से सलाह लें। वे आपके जन्म कुंडली के आधार पर एक व्यक्तिगत मुहूर्त बता सकते हैं। एक बात याद रखें — शुभ मुहूर्त तो जरूरी है, लेकिन घर में चलने वाला प्यार, सम्मान और सच्चाई उससे भी ज्यादा महत्वपूर्ण है।

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न

गृह प्रवेश के लिए सबसे शुभ नक्षत्र कौन से हैं?

रेवती, उत्तराभाद्रपद, उत्तराफाल्गुनी और रोहिणी गृह प्रवेश के लिए सबसे शुभ नक्षत्र माने जाते हैं। रेवती धन और शांति लाता है, उत्तराभाद्रपद आध्यात्मिक स्थिरता देता है, उत्तराफाल्गुनी समृद्धि का प्रतीक है, और रोहिणी विकास और प्रेम का प्रतीक है।

क्या शुक्रवार और सोमवार गृह प्रवेश के लिए खास रूप से शुभ हैं?

हां, शुक्रवार शुभ ऊर्जा का दिन है और शुक्र ग्रह का प्रभाव घर में समृद्धि लाता है। सोमवार चंद्रमा का दिन है, जो शांति और परिवार की खुशहाली के लिए अत्यंत शुभ माना जाता है। इन दिनों के मुहूर्त अक्सर लंबे और शक्तिशाली होते हैं।

गृह प्रवेश के लिए क्या सामग्री तैयार करनी चाहिए?

सामान्यतः एक नया बर्तन, दूध, अक्षत, फूल, दीपक, गंगाजल, अखंडित नारियल और ब्राह्मण के लिए भोग तैयार किया जाता है। कुछ परिवार गृह प्रवेश के दिन नए घर में पहली बार चावल उबालते हैं — इसे ‘अन्न प्राशन’ कहते हैं।

क्या एक ही दिन में दो बार गृह प्रवेश कर सकते हैं?

नहीं, वैदिक परंपरा के अनुसार एक दिन में एक ही गृह प्रवेश ही शुभ माना जाता है। अगर आपके पास दो घर हैं, तो दो अलग-अलग दिनों में दो अलग-अलग पूजाएं कराएं। एक दिन में दो पूजाएं ऊर्जा को असंतुलित कर सकती हैं।

क्या अगर मुहूर्त नहीं मिले तो गृह प्रवेश नहीं कर सकते?

अगर कोई शुभ मुहूर्त उपलब्ध न हो, तो आप अपने परिवार के पंडित से सलाह ले सकते हैं। वे आपके जन्म कुंडली के आधार पर एक व्यक्तिगत मुहूर्त बता सकते हैं। शुभता का असली स्रोत आपके घर में चलने वाला प्यार, सम्मान और सच्चाई है — न कि केवल तारीख।

गृह प्रवेश के बाद क्या करना चाहिए?

गृह प्रवेश के बाद पहले दिन घर में बैठकर शांति से खाना खाएं। अगले दिन घर के सभी कोनों में नमक और चावल बिखेरें — यह नकारात्मक ऊर्जा को दूर करने की परंपरा है। घर में नए फूल रखें और दीपक जलाएं। यह सब वातावरण को सकारात्मक बनाने में मदद करता है।

टैग: गृह प्रवेश हिंदू धर्म मुहूर्त नवंबर 2025 दिसंबर 2025

2 टिप्पणि

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    Vasudha Kamra

    नवंबर 22, 2025 AT 07:03

    ये तारीखें बहुत उपयोगी हैं! मैंने अपने घर का गृह प्रवेश 14 नवंबर को किया था और अब तक हर दिन शांति और समृद्धि का अहसास हो रहा है। नक्षत्र का असली असर दिखता है।

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    Abhinav Rawat

    नवंबर 22, 2025 AT 23:38

    इस तरह के मुहूर्तों पर इतना जोर देना एक गहरी सांस्कृतिक आदत है, लेकिन क्या हमने कभी सोचा है कि जब हम एक घर में प्रवेश करते हैं, तो हम उस घर को बदल रहे होते हैं, न कि घर हमें बदल रहा होता है? शुभ मुहूर्त तो एक भावनात्मक संकेत है, एक आंतरिक निर्णय का प्रतीक - जैसे एक नए अध्याय की शुरुआत का निशान। ज्योतिष तो बस उस निर्णय को वैध बनाने का एक तरीका है, जैसे एक शाम की चाय का बर्तन। असली शुभता तो वहीं है जहां आप खुश हों, चाहे तारीख कुछ भी हो।

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