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पेरिस 2024 ओलंपिक में रूस की गैरमौजूदगी में चीनी टीम ने किया ध्वज फहराया

पेरिस 2024 ओलंपिक में रूस की गैरमौजूदगी में चीनी टीम ने किया ध्वज फहराया

पेरिस 2024 ओलंपिक गेम्स में इस बार कलात्मक तैराकी प्रतियोगिता ने दर्शकों का ध्यान खींच लिया है। 5 अगस्त 2024 को पेरिस एक्वाटिक्स सेंटर में आयोजित इस प्रतियोगिता में रूस की गैरमौजूदगी में चीनी टीम ने शानदार प्रदर्शन किया और नेतृत्व हासिल किया। इस साल की कलात्मक तैराकी विभिन्न कारणों से खास है, जिनमें से प्रमुख कारण रूसी खिलाड़ियों का अनुपस्थित रहना है, जो सदैव इस खेल में अपनी धाक जमाते आए हैं।

कलात्मक तैराकी प्रतियोगिता में टीम तकनीकी रुटीन और फ्री रुटीन शामिल होते हैं, साथ ही टीम कॉम्पिटीशन के लिए इसमें एक्रोबेटिक रुटीन भी जोड़ा गया है। इस बार यह प्रतियोगिता विशेष रूप से महत्वपूर्ण है क्योंकि यह पहला मौका है जब पुरुष खिलाड़ी भी इस खेल में हिस्सा लेने के लिए योग्य हो गए हैं। हालांकि, इस साल किसी भी पुरुष एथलीट को टीम के लिए नहीं चुना गया।

चीनी टीम की सफलता में उनकी तकनीकी दक्षता, सिंग्रोनाइज़ेशन, इग्ज़ेकीशन और कलात्मक इम्प्रेशन का बेमिसाल मेल देखा गया। टीम के सदस्यों ने शारीरिक ताकत और सांस नियंत्रण का अद्वितीय प्रदर्शन किया, जो कि इस खेल में महत्वपूर्ण है। प्रतियोगिता में चीनी खिलाड़ियों ने अपनी जहांदार प्रस्तुतियों के साथ सभी का दिल जीत लिया है। जापान और स्पेन की टीमों ने भी उल्लेखनीय प्रदर्शन किया, जिससे यह पूरी प्रतियोगिता और भी रोमांचक बन गई है।

प्रतियोगिता में खिलाड़ी अपनी प्रस्तुतियों के दौरान शरीर और चेहरे पर विशेष प्रकार का हेयर जेल और अलंकृत मेकअप करते हैं, जो इस खेल का पारंपरिक अंग माना जाता है। उनके चेहरों पर हमेशा मुस्कान बनी रहती है, जिससे उनकी प्रस्तुतियों में और अधिक निखार आता है।

मौजूदा परिस्थिति में इस प्रतियोगिता में चीन की टीम का नेतृत्व खेल के विभिन्न दृष्टिकोणों से महत्वपूर्ण साबित हो रहा है। इस प्रतिस्पर्धा में गोल्ड जीतने की अब उम्मीद विभिन्न देशों ने लगा ली है।

खेल के विकास और खिलाड़ियों की मेहनत उन सभी दर्शकों के लिए प्रेरणास्रोत है जो इस खेल को किसी न किसी रूप में अपनाना चाहते हैं। पेरिस 2024 ओलंपिक्स के वैसे तो और भी प्रतियोगिताएं ध्यान खींच रही हैं, किंतु कलात्मक तैराकी ने विशेषत: अपनी पहचान बनाई है।

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5 टिप्पणि

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    MAYANK PRAKASH

    अगस्त 7, 2024 AT 21:52

    चीनी टीम ने तो बस दिल जीत लिया। इतना सिंक्रोनाइज्ड, इतना पॉइंटेड, बिल्कुल जैसे कोई डांस ग्रुप हो जिसने सालों की मेहनत की हो।
    मैंने कभी कलात्मक तैराकी नहीं देखी थी, लेकिन आज तो बस घूंट भर देख लिया और फंस गया।

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    dharani a

    अगस्त 9, 2024 AT 01:13

    अरे यार, ये तो बस शो है ना? जो लोग इसे खेल मानते हैं, उनके दिमाग में क्या चल रहा है? तैराकी में तो तेज़ चलना होता है, ना कि चेहरे पर मुस्कान बनाकर हवा में घूमना।
    और हां, वो हेयर जेल और मेकअप? बस बॉलीवुड फिल्मों का एक्स्ट्रा लग रहा है।

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    Vinaya Pillai

    अगस्त 10, 2024 AT 23:32

    दरअसल, ये खेल बहुत गहरा है। लोग सिर्फ देखते हैं, लेकिन नहीं समझते कि इसमें कितनी शारीरिक और मानसिक ताकत लगती है।
    एक बार देखो तो पता चल जाएगा कि ये तैराकी नहीं, बल्कि डांस, योग, और एक्टिंग का मिश्रण है।
    रूस नहीं है तो चीन ने जीत ली - अच्छा हुआ, वरना वो तो हर बार फर्स्ट पर लटकते रहते।
    जापान ने भी बहुत अच्छा किया, उनका फ्री रुटीन तो बस आँखों को भाप दे देता है।
    और हां, वो मुस्कान? वो नहीं होती तो आंखें खुलती ही नहीं। ये खेल है, ना कि जीवन का नाटक।

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    mahesh krishnan

    अगस्त 11, 2024 AT 10:33

    ये सब बकवास है। खेल तो वो होता है जहां जीतने के लिए दौड़ना पड़े, नहीं तो ये तो नाचना है।
    इसमें कोई तकनीक नहीं है, सिर्फ जेल और मेकअप।
    अगर ये ओलंपिक में है तो अब घर पर बैठकर नाचने वालों को भी मेडल देना चाहिए।

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    Mahesh Goud

    अगस्त 12, 2024 AT 05:59

    ये सब बहुत शानदार लग रहा है ना? लेकिन अगर तुम सच में जानते हो तो ये सब एक बड़ा धोखा है।
    रूस को बाहर क्यों किया? क्योंकि वो बहुत अच्छे थे और अब चीन ने फ्रांस और अमेरिका के साथ मिलकर ये सब ठाड़ दिया है।
    तुमने देखा कि चीनी खिलाड़ियों के हेयर जेल में क्या था? वो नहीं था बस पानी और जेल, वो था एक नैनो-टेक्नोलॉजी वाला सिंक्रोनाइज़ेशन डिवाइस जो उनके शरीर को रिमोटली कंट्रोल करता है।
    और मेकअप? वो तो बस एक कवर है उस बायो-सेंसर के जिससे वो अपनी सांसों को एक साथ रोक सकते हैं और वो लंबे समय तक हवा में लटके रहते हैं।
    तुम्हें नहीं पता क्यों पुरुष खिलाड़ी नहीं आए? क्योंकि वो भी इस टेक्नोलॉजी का हिस्सा हैं और अमेरिका ने उन्हें ब्लॉक कर दिया।
    ये खेल अब एक साइबर-वॉर बन चुका है।
    और जब तुम ये देख रहे हो तो तुम्हारे फोन का डेटा भी चीन के सर्वर पर जा रहा है।
    मैंने खुद एक चीनी टेक्नीशियन से बात की थी जो अभी लंदन में छिपा हुआ है।
    वो कहता है कि अगले ओलंपिक में टीम एक्सोस्केलेटन लगाकर तैरेगी।
    तुम्हें लगता है ये खेल है? ये तो एक बड़ा सा साइबर-इम्पीरियलिज़म है।
    अगर तुम इसे अभी भी खेल मानते हो तो तुम अभी तक नहीं जागे।

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