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पेरिस 2024 ओलंपिक्स तीरंदाज़ी: मिक्स्ड टीम इवेंट में भारत की हार और जीत का पूरा ब्यौरा

पेरिस 2024 ओलंपिक्स तीरंदाज़ी: मिक्स्ड टीम इवेंट में भारत की हार और जीत का पूरा ब्यौरा

पेरिस 2024 ओलंपिक्स: तीरंदाज़ी मिक्स्ड टीम इवेंट में भारतीय टीम की दिलचस्प यात्रा

पेरिस 2024 ओलंपिक्स का आयोजन खेल जगत के लिए एक अद्वितीय अवसर है, और इस बार तीरंदाज़ी मिक्स्ड टीम इवेंट में भारतीय टीम ने अपने प्रदर्शन से हर किसी को प्रभावित किया है। भारतीय टीम में अंकिता भकत और धीरज बोमडेवरा ने अपने खेल से यह साबित किया कि देश में प्रतिभा की कमी नहीं है। इस लेख में हम जानेंगे कि कैसे भारतीय तीरंदाज़ टीम ने इंडोनेशिया के खिलाफ मुकाबला किया और कैसे उनके लिए अन्य प्रतियोगिताएँ रहीं।

इंडोनेशिया के खिलाफ रोमांचक मुकाबला

2 अगस्त 2024 को भारतीय तीरंदाज़ टीम का सामना इंडोनेशिया से हुआ। प्रतियोगिता की शुरुआत में ही भारतीय टीम ने पहले सेट में 38-37 से जीत दर्ज की, जिससे उनकी 2-0 की बढ़त हो गई। हालांकि, दूसरे सेट में टाई हो गया, जिसमें दोनों टीमों ने 38-38 का स्कोर किया। भारतीय टीम ने महत्वपूर्ण तीसरे सेट में 37-36 से जीत हासिल की। चौथे सेट में भी भारत ने 37-36 से जीत दर्ज की और मुकाबला 5-3 से अपने नाम कर लिया।

सेमीफाइनल में दक्षिण कोरिया से हार

इंडोनेशिया पर जीत के बाद भारतीय टीम का सामना दक्षिण कोरिया से हुआ। हालांकि भारतीय तीरंदाज़ों ने पूरा प्रयास किया लेकिन उनका सफर यहां थम गया। दक्षिण कोरिया से हार के बाद भारत को कांस्य पदक मैच में उतरना पड़ा।

कांस्य पदक मैच: अमेरिका के खिलाफ भारतीय संघर्ष

कांस्य पदक मैच में भारतीय टीम का मुकाबला अमेरिका से हुआ। अमेरिकी टीम में कैसी काउफहोल्ड और ब्रेडी एलीसन ने उत्कृष्ट प्रदर्शन किया। उन्होंने पहले सेट में 38-37 से जीत हासिल की। दूसरे सेट में भी भारतीय टीम को 37-35 से हार मिली। चौथे और निर्णायक सेट में अमेरिका ने फिर से 37-35 से जीत दर्ज की और मैच 6-2 से अपने नाम कर लिया।

स्वर्ण पदक के लिए मुकाबला: जर्मनी बनाम दक्षिण कोरिया

कांस्य पदक मैच के बाद अब सभी की निगाहें स्वर्ण पदक के लिए होने वाले मुकाबले पर हैं, जहां जर्मनी और दक्षिण कोरिया आमने-सामने होंगे। यह मुकाबला बहुत ही रोमांचक होने की संभावना है और खेल प्रेमियों को बड़े ही रोमांचक क्षणों का अनुभव होगा।

अन्य महत्वपूर्ण घटनाएँ और खिलाड़ी

अन्य महत्वपूर्ण घटनाएँ और खिलाड़ी

पेरिस 2024 ओलंपिक्स में केवल तीरंदाज़ी ही नहीं, बल्कि कई अन्य खेलों में भी भारतीय खिलाड़ियों ने बेहतरीन प्रदर्शन किया है। पूरे विश्व के खिलाड़ी यहां अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन करने पहुंचे हैं, और हर इवेंट में कुछ नया देखने को मिल रहा है।

पेरिस 2024 ओलंपिक्स भारतीय खिलाड़ियों के लिए एक महत्वपूर्ण मंच साबित हो रहा है। उनके प्रदर्शन से पूरे देश में खुशी और गर्व की लहर दौड़ चुकी है। खेल प्रेमी और विशेषज्ञ, सभी भारतीय टीम के इस शानदार प्रदर्शन की सराहना कर रहे हैं।

ओलंपिक्स जैसे बड़े आयोजन में यह जरूरी होता है कि खेल भावना के साथ-साथ तकनीकी कौशल का भी प्रभावी प्रयोग हो, और भारतीय टीम ने इसे बेहतरीन तरीके से किया। इस ओलंपिक्स ने यह जाहिर कर दिया कि भारत में खेलों के प्रति उत्साह और समर्पण किसी भी दूसरे देश से कम नहीं है।

टैग: पेरिस 2024 ओलंपिक्स तीरंदाज़ी मिक्स्ड टीम इवेंट भारत

12 टिप्पणि

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    mahesh krishnan

    अगस्त 3, 2024 AT 06:36
    अंकिता और धीरज ने बस दिखा दिया कि भारत में तीरंदाज़ी का भविष्य बहुत रोशन है। पहले सेट में 38-37 से जीत बस बात बदल देती है। बस थोड़ा और फोकस, ये दोनों गोल्ड भी ला सकते हैं।
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    Mahesh Goud

    अगस्त 4, 2024 AT 23:49
    ये सब फेक है भाई... दक्षिण कोरिया ने जो किया वो टेक्नोलॉजी से हुआ है... उनके तीरों में चिप लगी होती है जो वायरली एयर डायरेक्शन चेंज कर देती है... अमेरिका वाले भी ड्रोन से लक्ष्य टारगेट कर रहे थे... ये ओलंपिक्स अब खेल नहीं बल्कि साइबर वॉर है... कोई नहीं बताता ये सच्चाई... सरकार भी चुप है क्योंकि वो भी इसमें शामिल हैं।
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    Ravi Roopchandsingh

    अगस्त 5, 2024 AT 19:47
    इतनी मेहनत के बाद कांस्य पदक? 😔 अगर हमारे खिलाड़ियों को अच्छे ट्रेनर दिए जाते तो जर्मनी को भी दे देते... ये सब नेटवर्किंग की कमी है... और जो लोग बोलते हैं 'कोई नहीं देख रहा'... वो खुद टीवी पर नहीं बैठे थे क्या? 🤦‍♂️
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    dhawal agarwal

    अगस्त 5, 2024 AT 23:49
    ये जीत और हार का खेल नहीं, ये तो मानवता का खेल है। अंकिता और धीरज ने न सिर्फ भारत का नाम रोशन किया, बल्कि ये भी दिखाया कि जब दिल से खेला जाए, तो नतीजा दूसरा नहीं, अपनी आत्मा का जीत होता है। ये ओलंपिक्स ने हमें याद दिलाया कि खेल बस पदक नहीं, बल्कि साहस का अभिनय है।
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    Shalini Dabhade

    अगस्त 7, 2024 AT 07:02
    कांस्य पदक? ये तो शर्म की बात है! भारत में इतने सालों से तीरंदाज़ी पर पैसा खर्च हो रहा है और ये नतीजा? कोई भी नेता ने अपने घर के बच्चे को इस खेल में नहीं भेजा... सब बोलते हैं 'मेडल चाहिए'... लेकिन जब बात निवेश की आती है तो चुप! ये राजनीति है ना खेल?
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    Jothi Rajasekar

    अगस्त 7, 2024 AT 23:53
    बहुत बढ़िया प्रदर्शन था! 😊 अंकिता ने जो तीर चलाया वो दिल की बात थी... धीरज भी बहुत शांत रहे... ये दोनों अच्छे लग रहे हैं... अगली बार हम गोल्ड लाएंगे... बस थोड़ा और विश्वास रखो! 💪
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    Irigi Arun kumar

    अगस्त 8, 2024 AT 15:59
    मैंने देखा कि अमेरिका वालों ने तीसरे सेट में जो शूट किया वो बिल्कुल फॉर्मल था... लेकिन भारत की टीम का फोकस थोड़ा बिखर गया... अगर वो थोड़ा और धीरे शूट करते तो शायद तीसरा सेट जीत जाते... ये तो बस नर्वस नर्वस हो गए... आखिरी शूट में एक सेकंड का रुकावट था... उसी में खेल चला गया।
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    Jeyaprakash Gopalswamy

    अगस्त 9, 2024 AT 19:59
    अंकिता ने जो अंतिम तीर चलाया, वो देख कर लगा जैसे उसके अंदर से एक आवाज़ निकल रही हो - 'मैं नहीं हारूंगी'। धीरज भी उसके साथ खड़े रहे... ये टीमवर्क नहीं, ये तो एक अद्भुत आत्मा का संगीत है। ये खेल बस तीर चलाने का नहीं, ये दिल की धड़कन को बरकरार रखने का है। बहुत बढ़िया किया।
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    ajinkya Ingulkar

    अगस्त 10, 2024 AT 19:02
    हार तो हर किसी को होती है, लेकिन जब तुम्हारा देश तुम्हें नहीं देखता, तो हार भी बर्बर हो जाती है। हमारे खिलाड़ियों को बिना नेटवर्क, बिना फंडिंग, बिना समर्थन के खेलना पड़ता है... और फिर भी ये लोग दुनिया के सामने अपनी आत्मा दिखाते हैं... ये नहीं कि वो नाम बनाना चाहते हैं... ये बस अपने देश के लिए लड़ रहे हैं... और हम क्या करते हैं? टिप्पणी करते हैं कि 'कम आया'।
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    nidhi heda

    अगस्त 11, 2024 AT 20:48
    मैं रो रही थी... जब अंकिता ने आखिरी तीर चलाया... उसकी आँखों में था वो दर्द... जो बस एक माँ जानती है जब बच्चा अपना सब कुछ दे दे... धीरज ने उसे गले लगाया... और मैंने अपने घर के टीवी के सामने रोते हुए एक गिलास पानी खत्म कर दिया... ये खेल नहीं... ये दिल का रोना है। 😭💔
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    DINESH BAJAJ

    अगस्त 13, 2024 AT 16:28
    कांस्य पदक? बस इतना ही? अगर ये खेल भारत के लिए इतना महत्वपूर्ण है तो फिर इसे राष्ट्रीय खेल क्यों नहीं बनाया गया? फुटबॉल और क्रिकेट के लिए करोड़ों खर्च होते हैं... तीरंदाज़ी के लिए तो बस एक ट्रेनर और एक टारगेट का बजट है... ये बेइमानी है।
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    mahesh krishnan

    अगस्त 14, 2024 AT 01:08
    ये जो रोहित बोल रहा है, उसका एक बात सही है - तीरंदाज़ी को राष्ट्रीय खेल बनाना चाहिए। लेकिन अगर हम खुद इसे देखने के लिए टीवी ऑन करें, तो बाकी सब खुद बहुत आगे बढ़ जाएगा। बस एक बार देखो इसे जिंदा लोगों की तरह।

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