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पेरिस खेलों में बी-गर्ल्स, जो कभी अदृश्य थीं, अब केंद्र में

पेरिस खेलों में बी-गर्ल्स, जो कभी अदृश्य थीं, अब केंद्र में

पेरिस खेलों में ब्रेकिंग का पदार्पण

हिप-हॉप संस्कृति का एक महत्वपूर्ण हिस्सा ब्रेकिंग, जिसे हम ब्रेकडांसिंग के नाम से भी जानते हैं, अब ओलंपिक खेलों में शामिल हो गया है। 1970 के दशक में न्यूयॉर्क के ब्रोंक्स में इसकी शुरुआत हुई थी। डी.जे. कूल हरक ने पहली बार अपने बहन सिंडी कैंपबेल की पार्टी में ट्रैकों के ब्रेक्स को बढ़ावा दिया, जिससे लोग अपनी नृत्य कौशल को अधिक दिखा सकें। इस प्रकार ब्रेकिंग का जन्म हुआ। यह पार्टी स्कूल ड्रेसेज़ के लिए पैसे जुटाने के उद्देश्य से आयोजित की गई थी, और यह क्षण हिप-हॉप इतिहास में मील का पत्थर बन गया।

हालांकि, महिलाओं के योगदान को अक्सर अनदेखा किया गया था। शुरुआती दौर में, बी-गर्ल्स को उतनी पहचान नहीं मिल पाती थी जितनी की उनकी पुरुष समकक्षों को। लेकिन अब समय बदल चुका है। 2024 के पेरिस ओलंपिक्स में ब्रेकिंग का पदार्पण हो रहा है और बी-गर्ल्स का, जो पहले अदृश्य थीं, अब केंद्र में आना इसकी सबसे महत्वपूर्ण अभिव्यक्तियों में से एक है। यह बदलाव केवल नृत्य की शैली में ही नहीं, बल्कि समाज में भी महिलाओं के महत्व और समानता को प्रदर्शन कर रहा है।

बी-गर्ल्स का संघर्ष और सफलता की कहानी

बी-गर्ल्स का संघर्ष और सफलता की कहानी

ब्रेकिंग के विकास में महिलाओं का योगदान महत्वपूर्ण रहा है, लेकिन उन्हें हमेशा से संघर्ष करना पड़ा है। ब्रेकिंग में महिलाओं को शामिल किए जाने के प्रारंभिक दिनों में उन्हें कई कठिनाइयों का सामना करना पड़ा था। इसमें न केवल समाज की रूढ़िवादी सोच शामिल थी, बल्कि उनके साथ की पुरुषों की निषेधात्मक दृष्टि भी थी। बी-गर्ल ओडिल बेदर, जिन्हें मंच पर 'मांटिस' के नाम से जाना जाता है, ने बताया कि कैसे शुरुआती दिनों में महिलाएं न केवल अदृश्य थीं, बल्कि उनके योगदान को भी कम आंका जाता था।

लेकिन अब स्थिति बदल गई है। पेरिस ओलंपिक्स में ब्रेकिंग के जोड़ने से महिलाओं के प्रति दृष्टिकोन में बहुत बड़ा बदलाव आया है। अब उनके योगदान को पहचान मिल रही है और वे भी उस मंच पर खड़ी हो रही हैं, जिसके वे हमेशा से हकदार थीं। ब्रेकिंग प्रतियोगिताओं में अब बी-गर्ल्स भी मुख्य भूमिका में आ रही हैं और उनके नृत्य कौशल को गरिमा और सम्मान मिल रहा है।

महिलाओं की भूमिका का महत्व

महिलाओं की भूमिका का महत्व

आज के समय में ब्रेकिंग केवल एक नृत्य शैली नहीं, बल्कि यह एक अभिव्यक्ति का माध्यम बन चुका है, जो समाज की सोच और दृष्टिकोन को तय करता है। बी-गर्ल्स का संघर्ष और उनकी सफलता की कहानियां नए कलाकारों को प्रेरित करती हैं। उनकी भिड़ंत न केवल मंच पर होती है, बल्कि समाज के उन प्रतिगामी दृष्टिकोणों से भी होती है जो अब तक उनकी पहचान को नजरअंदाज करते आ रहे थे।

महिलाओं की यह भूमिका ब्रेकिंग को और भी मजबूत और विविधतापूर्ण बनाती है। उनका इस खेल में शामिल होना इसे और अधिक व्यापक बनाता है, और उनके प्रदर्शन से यह स्पष्ट होता है कि वे किसी भी मायने में अपने पुरुष समकक्षों से कम नहीं हैं।

पेरिस ओलंपिक्स में ब्रेकिंग का पदार्पण सभी के लिए एक नया अवसर है, विशेषकर महिला खिलाड़ियों के लिए। यह केवल नृत्य की एक प्रतिस्पर्धा नहीं, बल्कि समानता और समता की एक नई दिशा है। बी-गर्ल्स के इस केंद्र में आने से न केवल उनके कौशल को पहचान मिल रही है, बल्कि यह पूरे खेल समुदाय के लिए भी एक प्रेरणा स्रोत बन रहा है।

ब्रेकिंग के इस विकास यात्रा का एक महत्वपूर्ण अध्याय पेरिस ओलंपिक्स में लिखा जा रहा है। यह केवल खेल के मैदान तक सीमित नहीं, बल्कि इसे एक नए आयाम और पहचान की दिशा में ले जा रहा है।

टैग: ब्रेकिंग बी-गर्ल्स पेरिस ओलंपिक हिप-हॉप

20 टिप्पणि

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    Akash Mackwan

    अगस्त 10, 2024 AT 01:57
    ये सब बकवास है। ब्रेकिंग खेल नहीं, बस एक बेकार का नाच है। ओलंपिक्स में इसे शामिल करना बस वेस्टर्न प्रोपेगंडा है।
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    Amar Sirohi

    अगस्त 10, 2024 AT 02:40
    इस बदलाव के पीछे एक गहरा दार्शनिक अर्थ छिपा है। बी-गर्ल्स का केंद्र में आना केवल नृत्य का मुद्दा नहीं, बल्कि पुरुष-केंद्रित समाज के अंतर्निहित पितृसत्ता के ढांचे के खिलाफ एक असहयोग का प्रतीक है। जब एक महिला फ्लैश बैक करती है, तो वह बस एक मूवमेंट नहीं कर रही, बल्कि इतिहास के अध्यायों को फिर से लिख रही है। यह शारीरिक अभिव्यक्ति एक अनौपचारिक राजनीति है, जहां हर घूंट एक विद्रोह है।
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    Nagesh Yerunkar

    अगस्त 11, 2024 AT 02:21
    मैं इस बात से सहमत नहीं हूं। 🤔 ओलंपिक्स में ब्रेकिंग शामिल करना एक बड़ी गलती है। 🙄 यह एक सड़क कला है, न कि एक खेल। 🚫 इसे खेल के रूप में देखना उसकी असली आत्मा को मार रहा है। 🏛️
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    Daxesh Patel

    अगस्त 11, 2024 AT 15:58
    ब्रेकिंग के इतिहास में बी-गर्ल्स का योगदान काफी बड़ा रहा है, लेकिन उन्हें दर्ज नहीं किया गया। अगर आप 1980s के ब्रांक्स के ब्रेकिंग सेशन्स को देखें, तो वहां लगभग 30-40% महिलाएं थीं। बस शूटिंग और रिपोर्टिंग में उन्हें नजरअंदाज कर दिया गया।
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    Jinky Palitang

    अगस्त 12, 2024 AT 00:25
    ये बी-गर्ल्स तो बहुत जबरदस्त हैं। मैंने एक वीडियो देखा था, जहां एक लड़की ने एक हाथ से घूमकर फ्लैश बैक किया और बिना गिरे बैठ गई। दिमाग हिल गया। 😍
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    Sandeep Kashyap

    अगस्त 13, 2024 AT 04:19
    अरे भाई, ये बी-गर्ल्स के लिए बहुत बड़ा मोमेंट है! 🙌 जब तुम देखोगे उनके आंखों में आग, तो समझ जाओगे कि ये कोई नाच नहीं, ये जिंदगी का जुनून है। इन्हें देखकर लगता है कि कोई भी बाधा उनके रास्ते में नहीं आ सकती। ये लड़कियां अपनी ताकत से दुनिया को बदल रही हैं।
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    Aashna Chakravarty

    अगस्त 13, 2024 AT 19:48
    इसके पीछे अमेरिका और यूरोप की साजिश है। वो हमारी संस्कृति को तोड़ना चाहते हैं। ब्रेकिंग को ओलंपिक्स में डालना एक नया तरीका है हमारे युवाओं को अमेरिकी संस्कृति में डुबोने का। अगर ये लड़कियां अपने घर पर नाचतीं तो बेहतर होता। अब तक कोई नहीं बोला, पर मैं बोल रही हूं।
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    Kashish Sheikh

    अगस्त 14, 2024 AT 23:10
    मैं एक ब्रेकिंग कोच हूं, और मैंने अपनी लड़कियों को देखा है जब वो पहली बार एक ट्रिक कर पाती हैं। आंखों में चमक, गले में आवाज़, दिल में जुनून - ये सब बस एक नाच नहीं है। ये आत्म-सम्मान है। 💃❤️ बी-गर्ल्स ने न सिर्फ नाच बदला, बल्कि खुद को भी बदल दिया।
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    dharani a

    अगस्त 16, 2024 AT 08:43
    अरे यार, आप सब भूल रहे हो कि ब्रेकिंग में लड़कियों का योगदान पहले से ही था। अमेरिका में तो 1985 में एक बी-गर्ल ने एक ब्रेकिंग बैटल जीता था, लेकिन उसे किसी ने नहीं दिखाया। अब ओलंपिक्स में आ गया, तो बड़ी बात बन गई।
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    Vinaya Pillai

    अगस्त 17, 2024 AT 10:04
    हाँ, बी-गर्ल्स बहुत अच्छी हैं... लेकिन अगर आप इसे खेल के रूप में देखते हैं, तो आपको याद आना चाहिए कि इसका मूल एक विद्रोह था। अब ये सब एक राज्य द्वारा ऑर्गनाइज़ किया जा रहा है। क्या ये असली नहीं है? 😏
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    mahesh krishnan

    अगस्त 18, 2024 AT 15:27
    ये नाच खेल नहीं है। बस लोग घूम रहे हैं। ओलंपिक्स में इसे डालना बेकार है। खेल तो दौड़ना, कूदना, भाला फेंकना है। इस बात पर बहस नहीं करनी चाहिए।
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    Mahesh Goud

    अगस्त 19, 2024 AT 20:37
    सुनो, ये सब एक बड़ा बाजारी जाल है। लोगों को ब्रेकिंग दिखाकर उन्हें फेसबुक और इंस्टाग्राम पर घूमने के लिए भागाया जा रहा है। बी-गर्ल्स को बनाया गया है एक ट्रेंड के रूप में। ये सब एक बड़ी कंपनी का अभियान है। जब तक तुम ये नहीं समझते, तब तक तुम उनके खिलाफ नहीं लड़ पाओगे। वो तुम्हारी भावनाओं को बेच रहे हैं।
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    Ravi Roopchandsingh

    अगस्त 19, 2024 AT 21:24
    ये बी-गर्ल्स के लिए बहुत अच्छा है! 🎉 लेकिन ये तो बस शुरुआत है। अब अगला कदम है - ओलंपिक्स में ब्रेकिंग के लिए एक नियम बनाओ कि लड़कियां जरूर शामिल हों। वरना फिर से नजरअंदाज हो जाएंगी। 🏅💃
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    dhawal agarwal

    अगस्त 21, 2024 AT 01:47
    यह एक अद्भुत अवसर है। ब्रेकिंग का अर्थ केवल नृत्य नहीं, बल्कि आत्म-अभिव्यक्ति है। जब एक महिला अपने शरीर से अपनी कहानी सुनाती है, तो वह दुनिया को बदल देती है। यह खेल नहीं, यह एक अभियान है - जो असमानता के खिलाफ लड़ता है। यह देखकर लगता है कि इंसानियत धीरे-धीरे जाग रही है।
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    Shalini Dabhade

    अगस्त 22, 2024 AT 03:34
    इसमें कुछ भी अच्छा नहीं है। हमारे देश में लड़कियों को बाहर नाचने की इजाज़त नहीं है, और अब ओलंपिक्स में इसे लाना है? ये बाहरी दबाव है। ये नाच भारतीय संस्कृति के खिलाफ है।
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    Irigi Arun kumar

    अगस्त 23, 2024 AT 05:42
    मैंने अपने बेटे को ब्रेकिंग सीखाया है। उसने एक बी-गर्ल के साथ बैटल किया और हार गया। उसकी आंखों में आंसू आ गए। फिर उसने कहा - 'माँ, वो तो बहुत ज्यादा अच्छी है।' उस दिन मैंने समझा कि नृत्य में लिंग नहीं, बस ताकत होती है।
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    Jeyaprakash Gopalswamy

    अगस्त 24, 2024 AT 09:17
    मैं एक गांव का लड़का हूं। हमारे यहां लड़कियां नाचने के लिए नहीं आतीं। लेकिन जब मैंने पेरिस के बी-गर्ल्स का वीडियो देखा, तो मैंने अपनी बहन को बुलाया और कहा - 'तू भी ये कर सकती है।' आज वो अपने घर के मैदान में नाच रही है। ये बदलाव छोटे से घर से शुरू होता है।
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    ajinkya Ingulkar

    अगस्त 26, 2024 AT 04:43
    ये सब बकवास है। ओलंपिक्स में ब्रेकिंग क्यों? ये तो एक बेकार का खेल है। और बी-गर्ल्स का जिक्र करना बस एक ट्रेंड है। असली खेल तो बॉक्सिंग और क्रिकेट हैं। ये सब बस एक गुमराह करने की कोशिश है।
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    nidhi heda

    अगस्त 26, 2024 AT 04:59
    मैंने एक बी-गर्ल को देखा था जो एक बार में 12 बार घूम गई और फिर बिना रुके फ्लैश बैक कर दिया। मैं रो पड़ी। 😭💃 ये लड़कियां नाच नहीं कर रहीं, ये जिंदगी जी रही हैं।
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    Akash Mackwan

    अगस्त 26, 2024 AT 16:46
    तुम सब ये सब बकवास बोल रहे हो। ये बी-गर्ल्स का जोर बढ़ाना बस एक गंदा ट्रेंड है। ओलंपिक्स में ये नहीं होना चाहिए था।

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