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प्रधानमंत्री मोदी ने क्वाड कैंसर मूनशॉट में सर्वाइकल कैंसर के लिए USD 7.5 मिलियन समर्थन की घोषणा की

प्रधानमंत्री मोदी ने क्वाड कैंसर मूनशॉट में सर्वाइकल कैंसर के लिए USD 7.5 मिलियन समर्थन की घोषणा की

प्रधानमंत्री मोदी की बड़ी घोषणा

डेलावेयर में आयोजित क्वाड कैंसर मूनशॉट इवेंट में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सर्वाइकल कैंसर के खिलाफ लड़ाई में USD 7.5 मिलियन (लगभग 56 करोड़ भारतीय रुपये) के वित्तीय समर्थन की घोषणा की है। यह घोषणा वैश्विक स्वास्थ्य क्षेत्र में भारत की बढ़ती भूमिका को और मजबूती देने का एक और सबूत है। इस पहल का मुख्य उद्देश्य चार प्रमुख देशों- भारत, संयुक्त राज्य अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया, और जापान के सहयोग से कैंसर अनुसंधान और उपचार को प्रगति देना है।

कैंसर से लड़ने का संकल्प

मोदी जी ने अपने संबोधन में भारत की प्रतिबद्धता पर जोर देते हुए कहा कि देश ने सर्वाइकल कैंसर के खिलाफ लड़ाई में कई महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं। उन्होंने यह भी बताया कि भारत ने टीकाकरण अभियानों और सफल पायलट प्रोजेक्ट्स के द्वारा इस बीमारी का मुकाबला करने की दिशा में बड़ा योगदान दिया है।

क्वाड कैंसर मूनशॉट का उद्देश्य

क्वाड कैंसर मूनशॉट का उद्देश्य कैंसर के उपचार और अनुसंधान के क्षेत्र में सहयोग और प्रगति को बढ़ावा देना है। इस इवेंट में शामिल सभी चार देशों का संकल्प है कि वे विभिन्न प्रकार के कैंसर के निदान और उपचार की प्रक्रिया को तेज करेंगे। सर्वाइकल कैंसर पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है क्योंकि यह महिलाओं में प्रमुख रूप से पाया जाने वाला कैंसर है और इसमें समय पर निदान और उपचार अत्यंत महत्वपूर्ण होते हैं।

विश्व स्तर पर भारत की भूमिका

विश्व स्तर पर भारत की भूमिका

इस वित्तीय समर्थन की घोषणा के माध्यम से भारत ने विश्व स्तर पर अपनी भूमिका को और मजबूत किया है। प्रधानमंत्री मोदी ने बताया कि इस फंड का उपयोग उन क्षेत्रों में किया जाएगा जहां चिकित्सकीय सुविधाएं और जागरूकता की कमी है। यह पहल घरेलू और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सर्वाइकल कैंसर मामलों को कम करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।

स्वास्थ्य क्षेत्र में सहयोग

क्वाड गठबंधन के तहत चारों देश मेडिकल रिसर्च, डेटा शेयरिंग, और उपचार की तकनीकों के साझा विकास पर ध्यान देंगे। इससे न केवल कैंसर से लड़ने में मदद मिलेगी, बल्कि अन्य गंभीर बीमारियों की उपचार पद्धतियों में भी सुधार होगा।

आंकड़े और प्रभाव

विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के अनुसार, सर्वाइकल कैंसर महिलाओं में दूसरा सबसे आम प्रकार का कैंसर है। भारत में हर साल हजारों महिलाएं इस बीमारी से प्रभावित होती हैं। ऐसे में सरकार की इस नई पहल से प्रभावित महिलाओं की संख्या को कम करने में मदद मिल सकती है।

भारत की रणनीति

भारत ने इस विकट स्थिति का मुकाबला करने के लिए एक विस्तृत रणनीति तैयार की है जिसमें हर स्तर पर जागरूकता कार्यक्रम, मुफ्त टीकाकरण अभियान, और नियमित चेकअप की योजना शामिल है। इसके अतिरिक्त, स्वास्थ्य सेवाओं को ग्रामीण और शहरी दोनों क्षेत्रों में पहुंचाने के प्रयास किए जा रहे हैं।

दूरगामी प्रभाव

प्रधानमंत्री मोदी के इस ऐलान का दूरगामी प्रभाव पड़ेगा। भारत को न केवल स्वास्थ्य सेवा के क्षेत्र में बेहतर पहचान मिलेगी, बल्कि इससे अन्य देशों के साथ सहयोग के बेहतर अवसर भी मिलेंगे। साथ ही, यह भारत के उन प्रयासों की पुष्टि भी करेगा जो वह हर नागरिक को स्वस्थ और रोगमुक्त जीवन देने के लिए कर रहा है।

निष्कर्ष

सरकार की इस पहल के माध्यम से देश में सर्वाइकल कैंसर के मामलों को कम करना और विश्व स्वास्थ्य में योगदान देना महाराष्ट्र का जितना महत्वपूर्ण है। यह समर्पण और सहयोग की दिशा में एक अहम कदम है, जो न केवल भारत बल्कि विश्व स्तर पर भी अनुकूल परिणाम लाएगा।

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14 टिप्पणि

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    PRATIKHYA SWAIN

    सितंबर 23, 2024 AT 03:03
    ये तो बहुत अच्छी बात है। सर्वाइकल कैंसर पर ध्यान देना जरूरी है।
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    Preeti Bathla

    सितंबर 23, 2024 AT 07:03
    अब तक कुछ नहीं हुआ था... अचानक 7.5 मिलियन? ये सब चुनावी नाटक है। असली काम तो गाँवों में टीकाकरण का है जहाँ लड़कियाँ अभी भी टीका नहीं लगवातीं। 😒
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    Deepti Chadda

    सितंबर 24, 2024 AT 19:13
    भारत दुनिया को दिखा रहा है कि हम क्या कर सकते हैं! 🇮🇳🔥 देश का गौरव है!
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    Sonu Kumar

    सितंबर 24, 2024 AT 22:10
    इस घोषणा के पीछे का वित्तीय बजट... क्या इसमें से 15% भी वास्तविक रिसर्च में जा रहा है? या फिर यह सिर्फ एक फोटो ऑपरेशन है जिसके लिए एक रिपोर्ट बनाई जाएगी और फिर भूल जाई जाएगी? अरे, हमें असली डेटा चाहिए, न कि सोशल मीडिया के लिए बनाए गए इमेजेज़।
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    Aayush ladha

    सितंबर 25, 2024 AT 12:46
    क्वाड का नाम लेकर कैंसर पर फंड? ये सब चीन के खिलाफ घेराबंदी का हिस्सा है। असली समस्या तो हमारे अस्पतालों में बिजली नहीं आना है।
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    Anjali Sati

    सितंबर 26, 2024 AT 17:08
    इतना पैसा देने से पहले अपने राज्य में बेसिक हेल्थकेयर ठीक कर लो। अब तक अंगूठी नहीं बन पाई तो क्वाड का नाम क्यों ले रहे हो?
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    Jinky Palitang

    सितंबर 27, 2024 AT 07:08
    मुझे लगता है ये एक अच्छा शुरुआती कदम है। अगर ये फंड ग्रामीण इलाकों में जाएगा तो ज़िंदगी बच सकती है। बस ब्यूरोक्रेसी न लगे।
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    Daxesh Patel

    सितंबर 27, 2024 AT 16:05
    ये फंड डेटा शेयरिंग पर फोकस कर रहा है? तो भारत के स्टेट लेवल डेटा को एक जगह क्यों नहीं लाया गया? हमारे पास डेटा है पर वो अलग-अलग सिस्टम में बिखरा हुआ है। अगर ये फंड डेटा इंटीग्रेशन में जाएगा तो बहुत बड़ी बात होगी।
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    MAYANK PRAKASH

    सितंबर 29, 2024 AT 10:25
    बहुत अच्छा हुआ। अगर हम अपने लोगों को जागरूक करें और टीकाकरण को बेहतर बनाएं तो ये फंड असली असर दे सकता है।
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    Akash Mackwan

    अक्तूबर 1, 2024 AT 01:41
    अरे भाई, ये सब फंड तो बस लोगों को भ्रमित करने के लिए है। जब तक डॉक्टर नहीं मिलेंगे, जब तक अस्पताल में बिजली नहीं आएगी, तब तक ये सब बकवास है। अब तक कितने स्क्रीनिंग सेंटर बंद हो चुके हैं? कोई जवाब दे। 😤
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    Amar Sirohi

    अक्तूबर 1, 2024 AT 13:30
    इस पहल का सांस्कृतिक अर्थ बहुत गहरा है। यह एक नए युग की शुरुआत है, जहाँ विज्ञान और राष्ट्रीय समर्पण एक साथ आते हैं। यह एक ऐसा संकल्प है जो न केवल एक बीमारी को नियंत्रित करता है, बल्कि एक विश्वास को भी जीवित रखता है - कि मानवता अपने सबसे बड़े शत्रुओं के साथ साझा ज्ञान के माध्यम से लड़ सकती है। यह एक ऐसा संदेश है जो अगली पीढ़ियों के लिए एक विरासत बन जाएगा।
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    Nagesh Yerunkar

    अक्तूबर 3, 2024 AT 00:43
    यह घोषणा बहुत ही उचित है। 🙏 भारत के वैज्ञानिकों ने पहले ही टीके के लिए अद्वितीय अनुसंधान किया है। अब यह फंड उनके लिए एक अतिरिक्त बल होगा। 🌍❤️ अगर यह एक राजनीतिक नाटक है, तो मैं इस नाटक को देखना चाहता हूँ।
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    sunil kumar

    अक्तूबर 4, 2024 AT 18:22
    क्वाड कैंसर मूनशॉट के तहत सर्वाइकल कैंसर पर फोकस करने का निर्णय वैज्ञानिक दृष्टिकोण से उचित है। भारत के स्वास्थ्य अनुसंधान संस्थानों के साथ सहयोग के माध्यम से डेटा एकीकरण और जागरूकता अभियानों की व्यवस्था अत्यंत महत्वपूर्ण है। वित्तीय समर्थन के साथ साथ पारदर्शिता और निगरानी की व्यवस्था भी आवश्यक है।
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    Annapurna Bhongir

    अक्तूबर 5, 2024 AT 13:34
    अच्छा हुआ। लेकिन अभी तक जिन जगहों पर टीका नहीं लगाया गया वहाँ क्या हुआ? कोई रिपोर्ट नहीं।

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