स्वादिष्‍ट समाचार

रिलायंस रिटेल के वित्तीय नतीजे Q2 2024: राजस्व 8% की वृद्धि के साथ ₹83,226 करोड़ तक पहुँचा

रिलायंस रिटेल के वित्तीय नतीजे Q2 2024: राजस्व 8% की वृद्धि के साथ ₹83,226 करोड़ तक पहुँचा

रिलायंस रिटेल के वित्तीय नतीजे Q2 2024: व्यापार में गतिशीलता

रिलायंस रिटेल वेंचर्स लिमिटेड (RRVL) ने अपने वित्तीय वर्ष 2024 की दूसरी तिमाही के लिए नतीजों की घोषणा की है। यह परिणाम विशेष रूप से ध्यान देने योग्य हैं क्योंकि कंपनी ने 8% की राजस्व वृद्धि दर्ज की है, जो कि पिछले वर्ष की इसी अवधि से बढ़कर ₹83,226 करोड़ हो गई है। पिछली तिमाही में यह ₹77,163 करोड़ थी। रिलायंस रिटेल की इस वृद्धि के पीछे कई कारण हैं, जिनमें कंपनी की निरंतर विस्तार योजनाएं और नई कॉमर्स रणनीतियाँ शामिल हैं।

इबिटडा और मार्जिन

हालांकि, कंपनी का ईबीआईटीडीए (Earnings Before Interest, Taxes, Depreciation, and Amortisation) केवल 0.6% की वृद्धि के साथ ₹5,860 करोड़ तक पहुंचा है जो कि पिछले वर्ष की तिमाही से मामूली अधिक है। हालांकि, मार्जिन में थोड़ी गिरावट दर्ज की गई है; यह तिमाही में 7% पर आ गया है, जो पिछले वर्ष के समान तिमाही में 7.6% था।

उच्चतम स्टोर विस्तार और लेन-देन

कंपनी की स्टोर संख्या 19,169 तक बढ़ गई है जो कि 83.2 मिलियन वर्ग फुट में फैली हुई है। वर्तमान तिमाही के अंत तक, कंपनी ने 347 मिलियन लेनदेन संसाधित किए, जो कि पिछले वर्ष की तिमाही से 6.1% अधिक हैं। यह दर्शाता है कि कंपनी ने न केवल अपने उपभोक्ता आधार में वृद्धि की है बल्कि लेन-देन की संख्या को भी बढ़ाया है।

डिजिटल और नई कॉमर्स योगदान

RRVL के अनुसार, उनकी डिजिटल और नई कॉमर्स रणनीतियों का राजस्व में 19% का योगदान रहा है। यह स्पष्ट संकेत है कि कंपनी अपने नई कॉमर्स प्लेटफॉर्म्स के माध्यम से अपने व्यवसाय को आधुनिक और नई चुनौतियों के अनुकूल बना रही है। अध्यक्ष मुकेश अंबानी ने मजबूत वित्तीय प्रदर्शन का श्रेय सभी उपभोक्ता खंडों में सुधार और कंपनी की त्वरित डिजिटलीकरण प्रक्रियाओं को दिया है।

ग्राहक आधार में वृद्धि

रिलायंस रिटेल के ग्राहक आधार में भी महत्वपूर्ण वृद्धि दर्ज की गई है, जो कि सितंबर 2024 के अंत तक 323 मिलियन तक पहुंच चुकी है। अंबानी का कहना है कि यह वृद्धि कंपनी की अनूठी और प्रभावी रणनीतियों का परिणाम है, जिनमें नवीन उत्पाद भिन्नता और स्टोर पुनर्निर्माण शामिल हैं।

भविष्य की योजनाएं

कंपनी उत्पाद भिन्नता और बेहतर ऑफलाइन अनुभव की ओर भी केंद्रित रही है, जो इसके स्टोर डिजाइन और लेआउट में परिवर्तनों को दर्शाता है। रिलायंस रिटेल की डिजिटल कॉमर्स प्लेटफार्मों ने उपभोक्ताओं को कई नए समाधान दिए हैं जिसमें उनके पास व्यापक ब्रांड कैटलॉग उपलब्ध होता है। इसके अलावा, कंपनी 'नई कॉमर्स' पहल के जरिए लाखों विक्रेताओं को भी मजबूत कर रही है।

कुल मिलाकर, रिलायंस रिटेल ने अपने व्यापार के हर हिस्से में विस्तार और नवाचार के माध्यम से एक मजबूत वित्तीय दृष्टिकोण प्रस्तुत किया है। कंपनी की ये निरंतर वृद्धि उनके भविष्य की योजनाओं में भी दिखाई देगी क्योंकि उन्होंने भारतीय बाजार में अपनी पैठ को और भी मजबूत कर लिया है। यह व्यापार जगत में रिलायंस की प्रभावशाली उपस्थिति का एक और उदाहरण है, जो कंपनी की उन्नति की नई दिशा तय कर रहा है।

टैग: रिलायंस रिटेल वित्तीय नतीजे राजस्व वृद्धि रिटेल व्यवसाय

9 टिप्पणि

  • Image placeholder

    Arvind Singh Chauhan

    अक्तूबर 17, 2024 AT 00:18
    ये रिलायंस वाले हमेशा राजस्व के नंबर बढ़ाते हैं, लेकिन मार्जिन गिर रहा है। बस दिखावा है। असली बात ये है कि छोटे दुकानदार कहाँ खड़े हैं? कोई नहीं पूछता।
  • Image placeholder

    AAMITESH BANERJEE

    अक्तूबर 18, 2024 AT 19:41
    इतना बड़ा राजस्व और फिर भी EBITDA में सिर्फ 0.6% की बढ़ोतरी? ये तो बहुत अजीब है। मुझे लगता है कि वो डिजिटल प्लेटफॉर्म्स पर बहुत पैसा खर्च कर रहे हैं, जिससे मार्जिन प्रभावित हो रहा है। लेकिन लंबे समय में अगर उनका कस्टमर बेस 323 मिलियन तक पहुँच गया है, तो शायद ये सिर्फ शुरुआत है। अगर वो लेन-देन की संख्या और स्टोर एक्सपेंशन को सही तरीके से मैनेज कर लें, तो अगली तिमाही में मार्जिन भी ठीक हो सकता है। बस इतना ध्यान रखना है कि ऑफलाइन अनुभव को न छोड़ दें।
  • Image placeholder

    Akshat Umrao

    अक्तूबर 19, 2024 AT 10:03
    अच्छा लगा 😊 वो नई कॉमर्स वाला पार्ट तो बहुत अच्छा है। लोगों को अब छोटे विक्रेताओं के साथ जुड़ने का मौका मिल रहा है। ये तो सच में सकारात्मक बात है 👍
  • Image placeholder

    Sonu Kumar

    अक्तूबर 19, 2024 AT 19:41
    राजस्व 83,226 करोड़... बहुत बड़ा नंबर है, लेकिन क्या आप जानते हैं कि इसका 42% तो केवल फ्लिपकार्ट और अमेज़न के साथ कॉम्पिटिशन के कारण है? ये रिलायंस ने बस एक बड़ा ब्रांड बना लिया है-प्रॉफिटेबिलिटी नहीं। ये जो 19% डिजिटल राजस्व है, वो तो बस ट्रांजैक्शन फीस और डिस्काउंट डंपिंग का नतीजा है। आपको ये भी पता है कि ये सब बाजार में नियंत्रण बनाने के लिए है? आप जितना अच्छा लगे, उतना ही खतरनाक है।
  • Image placeholder

    sunil kumar

    अक्तूबर 21, 2024 AT 19:03
    मार्जिन में 0.6% की वृद्धि और राजस्व में 8% की वृद्धि के बीच का अंतर विश्लेषण के लिए बहुत महत्वपूर्ण है। क्या यह लागत वृद्धि के कारण है, या फिर डिजिटल निवेश के कारण? इसके लिए ऑपरेटिंग एक्सपेंस का विवरण आवश्यक है। यदि यह निवेश के रूप में है, तो यह भविष्य के लाभ के लिए उचित हो सकता है।
  • Image placeholder

    Deepti Chadda

    अक्तूबर 22, 2024 AT 15:25
    भारत की ताकत है ये रिलायंस! 🇮🇳 जब दुनिया भारत को नीचा दिखाती है, तो ये लोग हमारे बाजार को दुनिया के सामने खड़ा कर रहे हैं! बस इतना ही काफी है!
  • Image placeholder

    Anjali Sati

    अक्तूबर 24, 2024 AT 12:53
    323 मिलियन ग्राहक? बस एक बार फोन नंबर डाल दिया और बस। कोई रियल एंगेजमेंट नहीं। ये सब नंबर्स हैं, असली बात तो ये है कि आधे लोग तो अपने घर में भी रिलायंस वाला ऐप नहीं खोलते।
  • Image placeholder

    Preeti Bathla

    अक्तूबर 25, 2024 AT 12:28
    तुम सब बस नंबर्स देख रहे हो? अगर तुम जानते हो कि रिलायंस ने अपने स्टोर्स में एआई-आधारित स्टॉक मैनेजमेंट लगाया है, तो तुम ये बात नहीं कहते! वो लेन-देन की डेटा एनालिटिक्स से एक भी ग्राहक को नहीं छोड़ते! तुम जितना बोलोगे, उतना तुम्हारी बेकारी दिखेगी! 😤
  • Image placeholder

    Aayush ladha

    अक्तूबर 26, 2024 AT 23:10
    अरे भाई, ये तो सब बहुत बढ़िया है... लेकिन क्या तुमने कभी सोचा कि जब तक ये लोग नहीं बंद हो जाते, छोटे दुकानदार कभी नहीं बचेंगे? रिलायंस का ये 'नई कॉमर्स' तो बस एक नया नाम है एकाधिकार का।

एक टिप्पणी लिखें

मेन्यू

  • हमारे बारे में
  • सेवा नियम
  • गोपनीयता नीति
  • संपर्क करें
  • DPDP

© 2025. सर्वाधिकार सुरक्षित|