सितंबर 2025 में Netflix पर जारी हुई वेब‑सीरीज़ ‘Bads of Bollywood’ को काफी धूमधाम से देखा गया। इस सीरीज़ को हल्के‑फुल्के ड्रामा के बजाय बॉलीवुड में बढ़ते नशे के केस से जुड़ी सच्ची कहानियों के रूप में पेश किया गया था। इस प्रोजेक्ट का निर्देशक आर्यन खान था, जो Shah Rukh Khan के बेटे हैं, और इसे Red Chillies Entertainment ने प्रो‑ड्यूस किया।
फिल्हाल, Sameer Wankhede, जो 2021 में NCB (Narcotics Control Bureau) के प्रमुख अधिकारी थे, ने 2021 के ड्रग केस में आर्यन खान को इंटिरियर रूम में गिरफ्तार करने का दावा किया था। वह केस कई महीनों तक चलने के बाद, मई 2022 में आर्यन खान को बरी कर दिया गया, और Wankhede को भी ‘ब्लैकमेल’ का इल्ज़ाम लगा कर केस से हटाया गया। इस कारण दोनों पक्षों के बीच तनाव बना रहा।
अब Wankhede का दावा है कि ‘Bads of Bollywood’ ने NCB और खुद उनकी छवि को बुरी तरह ख़राब कर दिया है। उन्होंने अपनी याचिका में कहा कि सीरीज़ में NCB को ‘गलत, घृणित और बदनाम करने वाला’ दिखाया गया है, जिससे आम जनता का कानून‑प्रयोग संस्थानों में भरोसा कम हो सकता है। साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि सीरीज़ में राष्ट्रीय प्रतीक ‘सत्यमेव जयते’ के प्रति ‘अपमानजनक इशारा’ किया गया है, जो 1971 के ‘Prevention of Insults to National Honour Act’ का उल्लंघन हो सकता है।
Wankhede ने अदालत से स्थायी निषेधाज्ञा, एक स्पष्ट घोषणा कि सीरीज़ ने उनका मानहानि की है और 2 क्रोर रुपये की क्षतिपूर्ति माँगी है। वह इस राशि को Tata Memorial Cancer Hospital को दान करने का इरादा रखते हैं, ताकि कैंसर रोगियों की मदद हो सके।
शुक्रवार को दिल्ली हाई कोर्ट में सुनवाई के दौरान जस्टिस पुरषण्द्र कुमार कौरव ने इस याचिका की वैधता पर सवाल उठाए। उन्होंने पूछा कि केस को दिल्ली में दायर क्यों किया गया, जबकि सीरीज़ की शूटिंग और प्रसारण का मुख्य केंद्र कहीं और था। Wankhede के अधिवक्ता संदीप सेठी ने जवाब दिया कि सीरीज़ को दिल्ली में ही दिखाया जा रहा है, इसलिए यहाँ नुकसान हुआ। अदालत ने फिर Wankhede को याचिका में संशोधन करने को कहा, ताकि यह दिखाया जा सके कि ‘cause of action’ दिल्ली में बना है।
संशोधन के बाद भी हाई कोर्ट ने यह कहा कि कारण‑स्थल दिल्ली में स्थापित नहीं हुआ, इसलिए याचिका अस्थायी रूप से अस्वीकार कर दी गई। कोर्ट ने दृढ़ता से बताया कि केवल इसलिए किसी को डीफ़ेमेशन का कानूनी टिंचर नहीं मिल सकता जब तक कि नुकसान का स्थान स्पष्ट न हो। इसलिए Wankhede को अपना दावा पुनः दायर करने में नई रणनीति अपनानी पड़ेगी, शायद दिल्ली के बाहर की अदालत में।
यह फैसला केवल एक व्यक्तिगत उलझन नहीं, बल्कि बॉलीवुड, नियामक एजेंसियों और ऑनलाइन स्ट्रीमिंग प्लेटफ़ॉर्म के बीच बढ़ते तनाव को भी उजागर करता है। ‘Bads of Bollywood’ जैसी सीरीज़ कई बार मनोरंजक बनती है, लेकिन उनका सामाजिक प्रभाव भी कम नहीं होता। जब ड्रग, नशा और पुलिस कार्रवाई जैसे संवेदनशील मुद्दों को नाटकीय रूप से पेश किया जाता है, तो यह जरूरी हो जाता है कि सटीक तथ्यों को प्राथमिकता दी जाए, न कि भ्रम पैदा करने वाली कहानियों को।
वर्तमान में Sameer Wankhede ने कहा है कि वह अपने मुकदमे को आगे बढ़ाएंगे और अदालत से ‘defamation case’ के अधिकारों को मजबूती से सुनने की उम्मीद रखता है। वह यह भी जोड़ते हैं कि यदि अदालत उन्हें क्षतिपूर्ति देती है, तो वह इसे उचित कारणों के लिए उपयोग करेंगे, जैसे ट्यूमर मरीजों की मदद करना। दूसरी ओर, Red Chillies Entertainment और Netflix ने अभी तक कोई आधिकारिक टिप्पणी नहीं दी है, पर उनके कानूनी प्रतिनिधि भविष्य में संभावित अपील या जवाबी बयानों की तैयारी कर रहे हो सकते हैं।
क्योंकि यह मामला अभी भी खुला है, आगे के विकास पर सतर्क रहना जरूरी है। इस तरह के कानूनी टकराव से यह स्पष्ट होता है कि सच्चाई, साज़िश और मनोरंजन के बीच की रेखा कितनी नाज़ुक है, और इसे किन तरीकों से न्याय प्रणाली सुलझा सकती है।
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