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ADHD क्या है? सरल शब्दों में समझें

ADHD, यानी ध्यान अभाव अतिव्यक्तिवाद, एक न्यूरोडेवलपमेंटल डिसऑर्डर है जो बच्चों और बड़ों दोनों में दिख सकता है। इसका मतलब है कि दिमाग लगातार जल्दी‑जल्दी काम करता है, इसलिए ध्यान लगाना, शांत रहना या एक चीज़ पर टिके रहना मुश्किल हो जाता है। अक्सर लोग इसे ‘हाइपरएक्टिविटी’ या ‘अटेंशन गैप’ के नाम से जानते हैं, लेकिन असल में यह एक पूरी तरह से अलग समस्या है जो स्कूल, काम और रिश्तों को प्रभावित कर सकती है।

ADHD के मुख्य लक्षण

लक्षण तीन बड़े समूहों में बाँटते हैं:

  • ध्यान संबंधी लक्षण: पढ़ाई या काम में बार‑बार ध्यान भटकना, निर्देशों को पूरी तरह नहीं समझ पाना, चीजें भूलना।
  • हाइपरएक्टिविटी: लगातार चलते‑फिरते रहना, बैठना मुश्किल, बोरियत में हाथ‑पैर हिलाते रहना।
  • इम्पल्सिविटी: बिना सोचे‑समझे बोलना, दूसरों की बात काट देना, जल्दी‑जल्दी फैसला लेना।

इन लक्षणों की तीव्रता व्यक्ति‑व्यक्ति में अलग-अलग हो सकती है। कभी‑कभी केवल ध्यान का मुद्दा रहता है, तो कभी हाइपरएक्टिविटी प्रमुख होती है। अगर ये लक्षण स्कूल या घर में रोज़मर्रा की बातों को बाधित कर रहे हों, तो डॉक्टर या मनोवैज्ञानिक से सलाह लेना फायदेमंद रहेगा।

उपचार और प्रबंधन

ADHD का इलाज एक ही रास्ता नहीं है; यह कई चीज़ों का संयोजन हो सकता है। सबसे पहले, सही डायग्नोसिस के बाद डॉक्टर दवाई सुझा सकते हैं। स्टिमुलेंट दवाएँ जैसे मिथाइलफेनिडेट या एटॉमोक्सेटीन बहुत उपयोगी हो सकती हैं, लेकिन इन्हें डॉक्टर की निगरानी में ही लेना चाहिए।

दवा के साथ-साथ बिहेवियरल थैरेपी भी मददगार होती है। यह थेरेपी बच्चों को सही तरीके से समय प्रबंधन, ध्यान केंद्रित करने और इम्पल्स को कंट्रोल करने की ट्रेनिंग देती है। माता‑पिता को भी इस प्रक्रिया में शामिल करना चाहिए; घर पर छोटे‑छोटे नियम बनाकर और सकारात्मक रिवॉर्ड सिस्टम लागू करके बच्चे की प्रगति को मजबूती मिलती है।

स्कूल में भी थोड़ा बदलाव कर सकते हैं: अतिरिक्त समय देना, शॉर्ट ब्रेक्स रखना, या क्लासरूम की व्यवस्था बदलना। ये छोटे‑छोटे कदम बड़े असर दिखाते हैं। वयस्कों में अगर ADHD महसूस हो रहा हो, तो कॉग्निटिव ट्रेनिंग, मेडिटेशन और नियमित एक्सर्शन भी लाभकारी होते हैं।

सबसे ज़रूरी बात है कि लक्षणों को छुपाने की कोशिश न करें। खुले तौर पर बात करें, सहायता लें और अपने आसपास के लोगों को भी समझाएँ। सही इलाज और समर्थन से ADHD वाले लोग भी अपने लक्ष्य हासिल कर सकते हैं और खुशहाल जीवन जी सकते हैं।

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फ़िल्म निर्माता और अभिनेता फहद फासिल ने हाल ही में एक सार्वजनिक कार्यक्रम में खुलासा किया कि उन्हें ADHD है। उन्होंने बताया कि उन्हें इसके कारण संवाद देने में मुश्किल होती है। उन्होंने बेसिक से शुरुआत करने की इच्छा जताई लेकिन कहा कि 41 वर्ष की उम्र में बदलाव संभव नहीं है।

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