ऐसे कई माँ हैं जिनके लिये बेटी सिर्फ ख़ुशी का कारण नहीं, बल्कि एक जिम्मेदारी भी है। जब भी बेटियों की बात आती है, दिल में एक खास लगाव और सुरक्षा का भाव आता है। इस भाव को शब्दों में बयां करने का सबसे प्यारा तरीका है – दुआ। आज हम बात करेंगे कि बेटी की दुआ कैसे रखें, किन विशेष दुआओं का असर ज्यादा है और दुआ के साथ कौन‑सी छोटी‑छोटी बातें करनी चाहिए।
बेटी की खुशहाली, शिक्षा और स्वास्थ्य के लिये कुछ खास दुआएँ हैं जो कई महिलाओं ने आज़माई हैं और खुद बताया है कि उनका असर महसूस किया। सबसे पहले है ‘विद्यादायिनी’ की दुआ – यह दुआ पढ़ते‑समय माँ अपने हाथों को हल्का से छू लेती है, जैसे कि नन्ही सी बँदी को सुकून देना हो। इस दुआ में माँ दिव्य शक्ति से कहती है – “हे संपूर्ण ब्रह्मा, मेरी बेटी को ज्ञान और समझदारी दे।”
दूसरी दुआ है ‘आरोग्य‑संपन्नता’ की दुआ. इसमें माँ कहती है – “रोग‑मुक्ति की देवी, मेरे बच्चे को स्वस्थ रखो, बीमारी के सभी रूपों से बचाओ।” इसे रोज़ सुबह या रात को 3‑5 मिनट के लिए दोहराने से शारीरिक और मानसिक दोनों तरह की सुरक्षा मिलती है।
तीसरी बहुत लोकप्रिय दुआ है ‘सुरक्षा‑संकल्प’. जब बेटी घर से बाहर जाए या नई नौकरी शुरू करे, माँ अपने दिल की दहलीज से कहती है – “हे ईश्वरीय शक्ति, मेरे बच्चे को हर कदम पर सुरक्षित रखो, उसे हर बुरे असर से बचाओ।” यह दुआ सुरक्षा के लिए विशेष प्रभावशाली मानती है।
जैसे‑जैसे बेटी बड़ी होती है, उसके सामने नई‑नई चुनौतियाँ आती हैं – कॉलेज, करियर, शादी आदि। इन बदलावों के बीच दुआ का महत्व और भी बढ़ जाता है। माँ को चाहिए कि वह हर नई मोड़ पर उसकी मदद के लिये दुआ करे, चाहे वह परीक्षा की तैयारी हो या रिश्ते की समझदारी। इससे बेटी को यह एहसास होता है कि उसका परिवार उसके साथ है, और यह आत्मविश्वास में बड़ा बदलाव लाता है।
एक और टिप है – दुआ को लिख लेना। कई माँ अपने घर के किसी शांत कोने में छोटा नोटबुक रखती हैं, जहाँ वे हर दिन की दुआ को लिखती हैं। जब उन्हें लगता है कि दुआ काम नहीं कर रही, तो वह नोटबुक खोलकर फिर से पढ़ती हैं। यह साधारण प्रक्रिया दिमाग को शांति देती है और दुआ की शक्ति को मजबूत बनाती है।
आखिर में, याद रखें कि दुआ सिर्फ शब्द नहीं, बल्कि भावों का प्रतिबिंब है। जब माँ सच्चे मन से दुआ करती है, तो उसकी ऊर्जा बेटी तक पहुंचती है। इसलिए, दुआ के साथ साथ, छोट‑छोटे काम जैसे कि बेटी की पसंदीदा किताब पढ़ना, उसका पसंदीदा खाना बनाना, या बस उसके साथ समय बिताना भी महत्वपूर्ण है। ये सभी चीजें मिलकर बेटी को एक सुरक्षित, प्यार भरा माहौल देती हैं।
तो अगली बार जब आप अपनी बेटी के लिए दुआ करने बैठें, तो इन सरल टिप्स को याद रखें। आपका प्यार, आपका भरोसा और आपका आशीर्वाद ही आपका सबसे बड़ा योगदान है।
बॉलीवुड के चर्चित दंपति दीपिका पादुकोण और रणवीर सिंह ने अपनी नवजात बेटी का नाम 'दुआ' रखा है। उन्होंने इंस्टाग्राम पर अपनी बेटी की लाल सलवार कुर्ते में तस्वीर साझा करते हुए नाम की घोषणा की। 'दुआ' का अर्थ है 'प्रार्थना', क्योंकि उनकी बेटी उनके प्रार्थना का उत्तर है। बेटी का जन्म 8 सितंबर 2024 को गणेश चतुर्थी के दिन हुआ था, जो उत्सव और खुशियों को और बढ़ा गया।
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