जब कोई बैटर 200 रन बनाता है, तो स्टेडियम में खुशी की लहर दौड़ जाती है। दोहरा शतक सिर्फ एक आँकड़ा नहीं, बल्कि खिलाड़ी की कड़ी मेहनत, धैर्य और स्ट्रैटेजी का नतीजा है। इस लेख में हम दोहरा शतक के इतिहास, भारत के प्रमुख दोहरा शतक हिट्स और उनसे सीखने योग्य टिप्स पर बात करेंगे।
पहला दोहरा शतक अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में 1970 में श्रीलंका के આસાહિરા કેરસ්ඩા (संभवतः ओपनिंग टाइपो) ने नहीं बनाया, बल्कि 2002 में सचिन तेंदुलकर ने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ पुणे में 200* बनाया। तब से दोहरा शतक मानदंड बन गया। ODI में पहला दोहरा शतक ਸੌਰਭ ਕੁਲਵੰਤ ਹਾਲਦੀਆਂ ने 2010 में कोलम्बिया के खिलाफ किया, पर भारत ने 2011 में ਸਭੀ ਗੁਲਾਜ਼ੀ (Rohit Sharma) को 264 रन से पार कर दिया, जो अभी तक का सबसे बड़ा ODI स्कोर है।
Test क्रिकेट में सबसे पहला दोहरा शतक ਸਰਪ੍ਰਤਾਨ ਖਦਉਰ ने 1930 में किया, लेकिन भारतीय क्रिकेटर ਵਿਰੇਨ ਝਾਂਸ (Virender Sehwag) ने 2008 में 319 रनों से इतिहास रचा। हाल ही में ਮੁਧੁਲੁ ਔਰਿਮਰ (Rohit Sharma) ने 2022 में इंग्लैंड के खिलाफ 212* बना कर भारत को विजयी किया।
इन रिकॉर्ड्स से दिखता है कि दोहरा शतक सिर्फ शॉर्ट फ़ॉर्म में नहीं, बल्कि टेस्ट, टी20 और ODI में भी संभव है। हर फॉर्मेट की अपनी चुनौतियां हैं, लेकिन खेल भावना और सही प्लानिंग से दोहरी शतक की संभावना बढ़ती है।
1. स्ट्रॉन्ग बेसिक पर काम करें – प्रत्येक शॉट का बुनियादी फॉर्म सही होना चाहिए। अगर आपका ग्रिप, स्टांस या बैक फुटवर्क ठीक नहीं है, तो बड़ी इनिंग बनाना मुश्किल है।
2. पिच और गेंदबाज़ी पढ़ें – दोहरा शतक बनाने के लिए पहले कुछ ओवरों में पिच की गति समझनी चाहिए। तेज़ गड़बड़ या बाउंसर वाले पिच पर रफ़्तार बनाए रखना कठिन हो सकता है, इसलिए अपने शॉट को पिच के अनुसार एडजस्ट करें।
3. रिकवरी शॉट्स का प्लान रखें – हर शॉट नहीं मार सकते, इसलिए ऑफ़‑साइड, ऑन‑साइड, स्लॉन्स और पुल शॉट्स को बारी‑बारी से इस्तेमाल करें। इससे बॉलर का प्लान बिगड़ता है और आपके स्कोर की रफ़्तार बनी रहती है।
4. शारीरिक फिटनेस पर ध्यान दें – दो घंटे से अधिक बैठकर खेलना stamina मांगता है। उचित हायड्रेशन, ऊर्जा ड्रिंक्स और हल्की व्यायाम से थकान कम हो सकती है।
5. मेंडेटी को कंट्रोल करें – दोहरा शतक में अक्सर मनोवैज्ञानिक दबाव बढ़ता है। अगर आप जल्दी‑जल्दी बाहरी शॉर्ट्स नहीं मारते, तो छोटे‑छोटे पैसें के साथ रिफ़्रीशमेंट लेनी चाहिए, ताकि मानसिक थकान न हो।
इन टिप्स को अपनाते हुए कई युवा खिलाड़ी अपने करियर में दोहरा शतक बना रहे हैं। यदि आप भी अपना दोहरा शतक सपना देख रहे हैं, तो ऊपर बताए गए बिंदुओं को प्रैक्टिस में शामिल करें। लगातार अभ्यास, सही रणनीति और धैर्य ही आपको 200+ रन की ओर ले जाएगा।
दोहरा शतक की कहानी केवल एक आँकड़ा नहीं, बल्कि खेल के मूल तत्व – निरंतरता, धैर्य और आत्मविश्वास का प्रमाण है। आप चाहे नया खिलाड़ी हों या अनुभवी, यह लेख आपके लिए प्रेरणा और दिशा दोनों देगा। अब समय है, बैट उठाएँ और दोहरे शतक की ओर चलें!
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