दूध हर भारतीय रसोई का अभिन्न हिस्सा है। चाहे चाय में मिलाकर, दही बना कर या सीधे गिलास में पी लिया जाए, इसका स्वाद और पोषण दोनों ही लाजवाब होते हैं। लेकिन कई बार हम सही तरीके से नहीं चुन पाते, जिससे फायदा कम हो जाता है। आइए जानते हैं कैसे आप दूध को सही ढंग से चुनें, रखें और अपनाएं।
सबसे पहले तो पैकेज पर लिखे लेबल को देखें। अगर यह ‘पेशेवर परीक्षणित’ या ‘सेफ्टी मानक’ का है तो भरोसा किया जा सकता है। दूसरा, ताजगी का पता लगाने के लिए दूध की बदबू, रंग और गाढ़ापन जांचें – अगर यह हल्का सफ़ेद और खुशबूदार है तो ठीक है।
स्थानीय डेयरी से directly खरीदना भी एक बढ़िया विकल्प है। वहाँ आप दूध का तापमान, सफाई और कच्ची मिल्क की प्रक्रिया के बारे में पूछ सकते हैं। अगर संभव हो तो ‘वेजिटेबल प्रोटीन फ्री’ या ‘एंटीबायोटिक‑फ्री’ विकल्प चुनें, क्योंकि ये आपके स्वास्थ्य को और भी सुरक्षित रखते हैं।
दूध को फ्रीज में 4°C से नीचे रखना चाहिए, और खुलने के बाद 3‑4 दिन के भीतर उपयोग करना बेहतर रहता है। हमेशा बॉटल को उल्टा नहीं रखें, ताकि बैक्टीरिया की वृद्धि न हो। अगर आप बड़े कंटेनर में खरीदते हैं, तो बेहतर है कि एक छोटा भाग निकालकर एक साफ़ कंटेनर में रख दें और बाकी को फ्रिज में सील करके रखें।
दूध को पिघलाने की जरूरत पड़े तो उसे धीरे‑धीरे रूम टेम्परेचर पर या माइक्रोवेव में कम पावर पर गरम करें। तेज़ गर्मी से प्रोटीन डिनैचुरेट हो सकता है और स्वाद बदल सकता है। एक बार पिघला हुआ दूध फिर से फ्रिज में नहीं रखना चाहिए।
दूध के कुछ लोकप्रिय उपयोगों में दही बनाना, रसेदार पत्ते वाले डिश में जोड़ना, या सादे ही रात को सोने से पहले एक गिलास पीना शामिल है। दही बनाने के लिए दो कप दूध में एक छोटा चम्मच दही डालें और 6‑8 घंटे तक गर्म जगह पर रखें – यह प्रोबायोटिक को बढ़ाता है और पाचन में मदद करता है।
जिन लोगों को लैक्टोज इंटोलरेंस है, उनके लिए लैक्टोज‑फ्री दूध या पनीर, दही जैसे विकल्प उपलब्ध हैं। बाजार में कई तरह के वैकल्पिक दूध जैसे बादाम, सोया, ओट आदि भी मिलते हैं, लेकिन उनका पोषण प्रोफ़ाइल अलग होता है, इसलिए लेबल पढ़ना न भूलें।
दूध के सेवन से हड्डियां मजबूत होती हैं, क्योंकि इसमें कैल्शियम, विटामिन D और प्रोटीन भरपूर होते हैं। नियमित रूप से एक गिलास दूध पीने से बच्चों की वृद्धि में मदद मिलती है और बड़ों में हड्डी‑भंग जैसी बीमारियों का जोखिम कम होता है। लेकिन अगर आप वजन घटाने की सोच रहे हैं, तो स्किम या लो‑फैट विकल्प बेहतर रहेगा।
अंत में, याद रखें कि दूध एक प्राकृतिक उत्पाद है, इसलिए उसकी ताजगी और गुणवत्ता पर हमेशा ध्यान दें। सही चुनें, सही रखें और रोज़ाना पीकर अपने स्वास्थ्य को एक बढ़िया बूस्ट दें।
गुजरात की सहकारी मिल्क फेडरेशन Amul ने 22 सितंबर 2025 से 700 से अधिक प्रोडक्ट पैक्स की कीमत घटा दी है। GST में कटौती को सीधे ग्राहक तक पहुँचाने के लिए गी, दूध और पनीर जैसे दैनिक उपयोगी आइटमों पर विशेष रियायतें दी गई हैं। 36 लाख किसानों की आय बढ़ाने और बिक्री में इजाफा करने की उम्मीद है। Mother Dairy ने भी समान कदम उठाया है, जिससे बाजार में कीमतों की लड़ाई तेज़ होगी।
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