गर्भधारण के दौरान शरीर में कई बदलाव होते हैं। सही जानकारी और साधारण उपायों से आप अपने और बच्चे की सेहत को सुरक्षित रख सकती हैं। नीचे हम आसान भाषा में बताएँगे कि क्या करना है, कब डॉक्टर को दिखना है और कौन‑से खाद्य पदार्थ मददगार हैं।
एक गर्भवती महिला को रोज़ 300‑400 कैलोरी अतिरिक्त चाहिए। इसका मतलब है कि आप पहले से थोड़ा और खा सकती हैं, लेकिन यह खाली कैलोरी नहीं, बल्कि पोषक तत्वों से भरपूर खाना होना चाहिए। दाल, चना, राजमा जैसे प्रोटीन वाले दालें, दूध, दही, पनीर और अंडे अच्छे स्रोत हैं।
फॉलिक एसिड वाला भोजन जैसे हरी पत्तेदार सब्ज़ियाँ (पालक, मेथी), ब्रोकली और नट्स को रोज़ शामिल करें। यह बच्चे की रीढ़ की हड्डी के विकास में मदद करता है। आयरन के लिए लौह‑समृद्ध खाद्य जैसे पालक, मसूर, गुड़ और हरी साबुदाना डालें। विटामिन सी के लिये फल (संतरा, अमरूद, स्ट्रॉबेरी) बेहतर हैं, क्योंकि ये आयरन के अवशोषण को बढ़ाते हैं।
भारी, तले‑भुने या बहुत मीठे खाने से बचें। कैफ़ीन का सेवन 200 mg से नीचे रखें, यानी दो कप कॉफ़ी से ज़्यादा न लें। शराब और धूम्रपान बिल्कुल न करें; दोनों ही बच्चे के विकास को नुकसान पहुंचा सकते हैं।
गर्भावस्था में हल्का व्यायाम बहुत फायदेमंद है। चलना, हल्की स्ट्रेचिंग, प्रेगनेंसी योगा या तैराकी से शरीर में खून का प्रवाह सुधरता है और बीमारियों से बचाव होता है। रोज़ 30 मिनट तक तेज़ चले या हल्का जॉगिंग कर सकते हैं, बशर्ते डॉक्टर ने मंज़ूरी दे।
कुठे-भुठे बैठने से बचें और दिन में दो‑तीन बार छोटे‑छोटे ब्रेक लेकर पैर उठाते रहें। नींद में कम से कम 7‑8 घंटे की पूरी नींद लेनी चाहिए। अगर सोने में समस्या हो तो बाएँ लेट कर साइड पोजीशन में सोना बेहतर रहता है, जिससे बच्चे को पर्याप्त ऑक्सीजन मिलती है।
डॉक्टर के साथ नियमित चेक‑अप बहुत ज़रूरी है। पहले trimester में हर 4‑6 हफ्ते, दूसरे में हर 4 हफ्ते और तीसरे में हर 2‑3 हफ्ते पर अल्ट्रासाउंड और ब्लड टेस्ट करवाएँ। अगर कोई असामान्य दर्द, रक्तस्राव या सूजन बढ़ती दिखे तो तुरंत डॉक्टर को कॉल करें।
इन सब बातों को ध्यान में रखकर आप गर्भधारण को स्वस्थ और सुरक्षित बना सकती हैं। याद रखें, हर महिला की शारीरिक स्थिति अलग होती है, इसलिए अपने शरीर की सुनें और जरूरत पड़ने पर प्रोफ़ेशनल मदद लें। स्वस्थ रहिए, खुश रहिए और अपने बच्चे को भी खुश रखें।
पुणे क्षेत्र में झीका वायरस संक्रमण के छह नए मामले सामने आए हैं, जिनमें दो गर्भवती महिलाएं शामिल हैं। एरंडवणे क्षेत्र की एक 28 वर्षीय गर्भवती महिला और 12 हफ्ते की गर्भवती दूसरी महिला इस वायरस से संक्रमित पाई गई हैं। दोनों महिलाएं फिलहाल स्वस्थ हैं और उनमें कोई लक्षण नहीं हैं। स्वास्थ्य विभाग ने संक्रमण रोकने के लिए सर्विलांस और फॉगिंग की व्यवस्था की है।
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