अगर आप तेज़ बॉल फेंकना चाहते हैं या स्पिन में महारत हासिल करना चाहते हैं, तो एक अच्छे गेंदबाजी कोच की जरूरत पड़ती है। कोच न सिर्फ फॉर्म सुधारता है, बल्कि फिटनेस, माइंडसेट और मैच स्ट्रेटेजी भी सिखाता है।
बहुत सारे खिलाड़ियों को शुरू में पता नहीं होता कि उन्हें कौन सा पहलू सुधरना चाहिए। सही कोच की मदद से आप अपनी कमियों को तुरंत पहचान कर उनपर काम कर सकते हैं। इससे समय बचता है और प्रगति तेज़ होती है।
1. टेक्निकल सुधार – कोच आपका रन-अप, रिलीज़ पॉइंट, और फॉलो थ्रू देखता है। फिर वो छोटे‑छोटे बदलाव बताता है जिससे बॉल की गति और स्विंग दोनों बढ़ते हैं।
2. फ़िटनेस और एरण्ड रजिम – बॉलिंग में स्टैमिना जरूरी है। कोच वार्म‑अप, स्ट्रेचिंग, और पावर ट्रेनिंग रूटीन बनाता है ताकि आपके पैर और कंधे दोनों मजबूत रहें।
3. वीडियो एनालिसिस – आजकल स्मार्टफोन से आसानी से रिकॉर्डिंग हो जाती है। कोच आपका डिलिवरी फ़्रेम‑वाइज़ देख कर बताता है कि कहाँ सुधार की जरूरत है।
4. मेंटल ट्रेनिंग – दबाव में फोकस बनाए रखना आसान नहीं। कोच आपको माइंडफ़ुलनेस और विज़ुअलाइज़ेशन एक्सरसाइज़ सिखाता है ताकि आप कठिन ओवर में भी शांत रह सकें।
5. मैच प्लानिंग – हर विरोधी की अपनी गिनती होती है। कोच आपको बताता है कि किस बिंदु पर लाइन/लॉन्ग या छोटे बॉल का प्रयोग करना है, जिससे विकेट लेने की संभावना बढ़े।
पहला कदम है रेफ़रेंस चेक करना। अपने किक‑ऑफ़ या स्थानीय क्लब से पूछें कि कौन से कोच भरोसेमंद हैं। अक्सर खिलाड़ियों का फीडबैक सबसे भरोसेमंद साक्ष्य देता है।
दूसरा, कोच की क्वालिफिकेशन देखिए। अगर वह बीसीसीआई का लाइसेन्स्ड ट्रेनर है या किसी प्रमुख अकादमी में काम कर रहा है, तो बेसिक मानक तो पूरा करता ही है।
तीसरा, एक ट्रायल सत्र बुक करें। इस सत्र में आप देख सकते हैं कि कोच का कम्युनिकेशन स्टाइल आपके साथ फिट बैठता है या नहीं। अगर सवाल‑जवाब सहज है तो आगे बढ़ें।
चौथा, फीस और रूटीन पर स्पष्टता रखें। एक ही कीमत में क्या क्या मिल रहा है – एक‑ऑन‑वन ट्रेनिंग, वीडियो एनालिसिस, या फिजियो सपोर्ट? लिखित में समझौता होना चाहिए, ताकि बाद में कोई टेंशन न हो।
अंत में, अपने प्रगति का रिकॉर्ड रखें। कोच के साथ मिलकर लक्ष्य तय करें – जैसे 3 महीने में 5 किमी/घंटा की रफ़्तार या एक विशेष बॉलिंग प्रकार में सुधार। जब आप नियमित रूप से प्रगति नोट्स देखते हैं, तो मोटिवेशन भी बनी रहती है।
संक्षेप में, एक अच्छा गेंदबाजी कोच आपके तकनीकी, शारीरिक और मानसिक पहलुओं को एक साथ सुधारता है। सही कोच चुनने के लिए रेफ़रेंस, क्वालिफिकेशन, ट्रायल और फीस की स्पष्टता देखें। इन कदमों से आप अपनी बॉलिंग को अगले लेवल पर ले जा सकते हैं।
पूर्व दक्षिण अफ्रीकी तेज गेंदबाज मॉर्न मोर्कल को भारतीय पुरुष क्रिकेट टीम का गेंदबाजी कोच नियुक्त किया गया है। इस नियुक्ति की पुष्टि बीसीसीआई अध्यक्ष जय शाह ने की। मोर्कल ने पहले पाकिस्तान टीम के गेंदबाजी कोच के रूप में काम किया था और पहले भी आईपीएल में लखनऊ सुपर जायंट्स में गौतम गंभीर के साथ काम कर चुके हैं।
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