जम्मू‑कश्मीर में इस साल का चुनाव सबको हैरान कर रहा है। नई सीमाओं, नए नियमों और बदलते जनता के रुझानों के कारण हर पार्टी को अपनी रणनीति दोहरानी पड़ेगी। अगर आप भी इस चुनाव को समझना चाहते हैं तो नीचे देखें क्या चल रहा है और आपको क्या ध्यान देना चाहिए।
पहली बड़ी बात – राष्ट्रीय पार्टी कांग्रेस और भाजपा दोनों ने गठबंधन तोड़ दिया, अब हर पार्टी अलग‑अलग खेलेगी। भाजपा ने सुरक्षा और विकास को अपनी मोर्चे पर रखा है, खासकर पर्यटन और जल परियोजनाओं की बात कर रही है। उनके नेता स्थानीय लोगों के साथ कई गाँव‑गाँव जाकर रैलियाँ कर रहे हैं।
पीपीपी (पाकिस्तान पॉपुलर पार्टी) ने फिर से जम्मू‑कश्मीर को पूरी तरह से स्वशासन देने की बात दोहराई। उनका मानना है कि केंद्र की नीतियां स्थानीय स्तर पर नहीं चल पाती, इसलिए उन्होंने ‘स्थानीय नौकरी, स्थानीय विकास’ पर जोर दिया है।
अंत में, जेडीपी (जनता लोकतांत्रिक पार्टी) ने युवा वर्ग को अपील करने के लिए डिजिटल इन्फ्रास्ट्रक्चर और ऑनलाइन सेवाओं को बढ़ावा देने की घोषणा की। उन्होंने कई छोटे‑छोटे वादे किए – जैसे गाँवों में हाईस्पीड इंटरनेट और युवा उद्यमियों के लिए ग्रांट। यह बात खासकर उन लोगों को भा रही है जो अपने गाँव से बाहर नहीं जा सकते।
इनके अलावा, कई छोटे‑से राजनैतिक समूह भी हैं जैसे ‘अख़लाक़ पार्टी’ और ‘जम्मू‑कश्मीर प्रगतिशील मोर्चा’ जो धार्मिक और सामाजिक मुद्दों को प्रमुखता दे रहे हैं। इनका प्रभाव ज़्यादा तो लाहौर-दैदाब तालुकों में दिखता है।
अब बात करते हैं आपके लिए – मतदाता। सबसे पहले, क्या आपके पास अपडेटेड वोटर आईडी है? चुनाव आयोग ने ऑनलाइन फॉर्म भरने को आसान बना दिया है, इसलिए देर न करें। अगर कोई बदलाव हुआ है – जैसे पता बदलना – तो तुरंत अपडेट करें, नहीं तो आपका वोट नहीं गिना जाएगा।
दूसरा, अपने मतदान केंद्र को पहले से जानें। कई बार लोग वोटिंग के दिन गलती से पास के दूसरे सेंटर पर पहुँचते हैं और देर से वापस आते हैं। सही सेंटर का पता लिख कर रखें या मोबाइल पर मैप खोल कर रूट चेक कर लें।
तीसरा, चुनावी वादे केवल प्रचार नहीं, बल्कि आपके जीवन में असर डालते हैं। जैसे अगर पार्टी ने जल परियोजना का वादा किया है, तो पूछें – कौन सी जगह पर, कब शुरू होगा, और फंडिंग कहाँ से आएगी? ऐसे सवाल पूछने से आप समझ पाएँगे कि वादा वास्तविक है या सिर्फ चुनावी हवा।
चौथा, मतदान के दिन अपना पहचान पत्र साथ रखें। इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (EVM) के साथ VVPAT (वोटर वेरिफ़िकेशन पेपर ट्रेल) भी होगा, इसलिए आपका वोट दिखने से आप आश्वस्त रहेंगे। अगर कोई समस्या आए तो तुरंत अस्थायी अधिकारी को बताएं, वे मदद करेंगे।
अंत में, अपने आसपास के लोगों को भी वोट करने के लिए प्रेरित करें। कई बार लोग व्यस्तता या लापरवाही के कारण नहीं जाते, पर अगर आप उन्हें याद दिलाएँगे तो मतदान率 बढ़ेगा और आपका आवाज़ भी सुनाई देगा।
जम्मू‑कश्मीर चुनाव 2025 सिर्फ एक वोट नहीं, बल्कि भविष्य की दिशा तय करने का मौका है। चाहे आप किसी भी पार्टी को सपोर्ट करें, अपने अधिकारों को समझें और मतदान के दिन पूरी तैयारी के साथ जाएँ। आपका एक वोट, आपके घर की रोशनी, स्कूल की किताब, और नैनी के ख़तिर एक नई राह बन सकता है।
हरियाणा और जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनाव 2024 के परिणाम 8 अक्टूबर को घोषित किए जाएंगे। हरियाणा में 90 सीटों के लिए मतदान 5 अक्टूबर को संपन्न हुआ, जबकि जम्मू-कश्मीर में तीन चरणों में 1 अक्टूबर तक मतदान हुआ। लाइव परिणाम और अपडेट के लिए ईसीआई की आधिकारिक वेबसाइट पर जाएं, जो वास्तविक समय की जानकारी प्रदान करती है।
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