मुकेश अंबानी का नाम सुनते ही हर भारतीय का ध्यान व्यापार और ऊर्जा की बड़ी कंपनियों की ओर जाता है। उन्होंने रिलायंस इंडस्ट्रीज को एक छोटे तेल व्यापार से लेकर विश्व स्तर की कॉनग्लोमेरेट में बदला। आज उनका व्यवसाय टेलिकॉम, रिटेल, पेट्रोकेमिकल, डिजिटल सर्विसेज और कई अन्य क्षेत्रों में फैला हुआ है। अगर आप जानना चाहते हैं कि इस बड़े नाम के पीछे कौन‑सी रणनीतियाँ और सोच है, तो आगे पढ़ें।
मुकेश ने 2000 के दशक में जियो प्लेटफ़ॉर्म लॉन्च करके टेलिकॉम में क्रांति कर दी। जियो के फ्री 4G ने बाजार को हिला दिया और प्रतिस्पर्धियों को नई तकनीक अपनाने पर मजबूर किया। इसके बाद उन्होंने रिटेल में रिलायंस रिटेल के ज़रिये बड़े‑बड़े सुपरमार्केट और फूड कॉन्सेप्ट खोलकर खुद को हर भारतीय घर में मौजूद किया। इस प्रकार उनका पोर्टफ़ोलियो सिर्फ तेल तक सीमित नहीं रहा, बल्कि डिजिटल, ई‑कॉमर्स और नवीनीकृत ऊर्जा में भी विस्तार हुआ।
हाल ही में मुकेश ने हाइड्रोजन और सोलर ऊर्जा में भारी निवेश करने की घोषणा की है। ये कदम भारत की जलवायु नीति और ऊर्जा सुरक्षा को सपोर्ट करने के लिये हैं। साथ ही वे AI‑आधारित क्लाउड सेवाओं में भी बजट ले रहे हैं, जिससे भारत में टेक इकोसिस्टम तेजी से बढ़ेगा। अगर आप छोटे निवेशकों या उद्यमियों की बात करें, तो उनके एंट्री‑लेवल प्रोजेक्ट्स जैसे जियो सेंटर और रिटेल स्टोर्स को एक मॉडल माना जाता है।
हजारों कंपनियों के साथ, मुकेश अंबानी के फैसले अक्सर बाजार में हलचल पैदा करते हैं। जब रिलायंस ने जियो को फ्री 4G पर लांच किया, तो शेयर बाजार में उनका स्टॉक अचानक उछल गया और कई छोटे निवेशकों को फायदा मिला। इसी तरह, रिटेल के विस्तार ने स्थानीय दुकानदारों को नई चुनौतियों और अवसरों दोनों दीं। उनकी बड़ी परियोजनाएँ, जैसे रिफाइनरी अपग्रेड और डिजिटल इन्फ्रास्ट्रक्चर, सीधे रोजगार और टैक्स रेवेन्यू को बढ़ाते हैं।
लगातार बढ़ते निवेश और नई तकनीकों के साथ, मुकेश अंबानी का योगदान भारत को वैश्विक मंच पर मजबूत बनाता है। उनका लक्ष्य न केवल मुनाफा कमाना है, बल्कि देश की ऊर्जा सुरक्षा और डिजिटल जुड़ाव को भी बढ़ाना है। इस वजह से उनके कदमों को अक्सर सरकार की नीतियों के साथ सिंक्रनाइज़ किया जाता है, जिससे विकास की गति तेज होती है।
संक्षेप में, मुकेश अंबानी सिर्फ एक धनी व्यापारी नहीं हैं, बल्कि भारत के आर्थिक परिदृश्य में एक प्रमुख चालने वाला हैं। उनका हर नया प्रोजेक्ट देश के भविष्य को आकार देने में मदद करता है। यदि आप भारतीय उद्योग के बदलावों को समझना चाहते हैं, तो उनके व्यवसायिक कदमों पर नजर रखें।
मुकेश अंबानी, रिलायंस इंडस्ट्रीज के 67 वर्षीय अध्यक्ष, ने लगातार चौथे साल अपना वेतन त्यागा है। महामारी के कारण वेतन नहीं लेने का ये निर्णय वर्ष 2020-21 से शुरू हुआ। हाल ही में घोषित वित्त वर्ष 2023-24 के लिए भी उन्हें वेतन सहित कोई अन्य लाभ नहीं मिला।
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