परीक्षा का प्रारूप मतलब वो तरीका जिसमें सवाल पूछे जाते हैं, टाइम लिमिट कितनी है और अंक कैसे बांटे जाते हैं। जब आप पहले से जानते हैं कि टेस्ट कैसे होगा, तो आप अपनी पढ़ाई को उसी के हिसाब से ढाल सकते हैं। यही कारण है कि परीक्षा प्रारूप को समझना पढ़ाई की सफलता में बड़ा फायदा देता है।
भारत में सबसे आम पैटर्न हैं:
इनमें से हर एक का अपना चुनौतियों का सेट है, इसलिए तैयारी के दौरान आप इन पैटर्न को उन्हीं के अनुसार अभ्यास कर सकते हैं।
1. सिलैबस को समझें – सबसे पहले पूरा सिलेबस देख लें, कौन कौन से टॉपिक आएँगे और उनका वेटेज कितना है, ये नोट करें।
2. पिछले साल के पेपर देखें – पिछले साल के प्रश्नपत्रों को डाउनलोड करें या लाइब्रेरी में देखें। इससे प्रश्नों की शैली और कठिनाई स्तर का अंदाज़ा मिलेगा।
3. टाइम्ड मॉक टेस्ट लगाएँ – अपने घर या ऑनलाइन मॉक टेस्ट एंजिन पर टाइम सेट कर के परीक्षा की सिमुलेशन करें। यह स्ट्रेस को कम करने में मदद करता है।
4. कैसे करने के टिप्स लिखें – किसी भी टॉपिक पर अगर आप किसी ट्रिक या फ़ॉर्मूले को याद रखते हैं, तो उसे छोटे नोट्स में लिखें। परीक्षा के दौरान जल्दी रिफ़र करें।
5. रिवीजन शेड्यूल बनाएं – पढ़ाई के बाद कम से कम दो बार रिवीजन करना चाहिए। पहला रिवीजन 24 घंटे बाद और दूसरा एक हफ्ते के बाद। इससे जानकारी लम्बे समय तक दिमाग में रहती है।
6. स्वस्थ्य का ख्याल रखें – नींद, पानी और हल्का व्यायाम ध्यान रखें। थकान से दिमाग धीमा हो जाता है और गलतियाँ होने की संभावना बढ़ती है।
इन सभी कदमों को रोज़ाना के रूटीन में डालें और देखेंगे कि परीक्षा के दिन आपका आत्मविश्वास कैसे बढ़ता है।
आखिर में, याद रखें कि परीक्षा का प्रारूप जितना समझेंगे, उतनी ही जल्दी आप उसे जीतेंगे। अब बस तैयारी शुरू करें और समय‑परिपूर्ण अभ्यास के साथ अपना लक्ष्य हासिल करें।
नीट यूजी 2025 के लिए पंजीकरण 7 फरवरी 2025 से शुरू हुआ है, आवेदन 7 मार्च तक स्वीकार किए जाएंगे। इस बार की परीक्षा 4 मई 2025 को ऑफलाइन मोड में होगी, जिसमें 180 अनिवार्य प्रश्न होंगे। नई व्यवस्था में वैकल्पिक प्रश्नों को हटाया गया है और परीक्षा की अवधि फिर से 180 मिनट होगी। न्यूनतम उम्र 17 वर्ष की है और आवेदन के लिए आधार कार्ड की जानकारी आवश्यक है।
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