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तेलुगु फिल्म निर्देशक: जानिए सबसे बड़े नाम और उनकी शैली

अगर आप तेलुगु सिनेमा को समझना चाहते हैं तो सबसे पहले उन दिमागों को देखना होगा जो स्क्रीन पर कहानी बुनते हैं। तेलुगु फिल्म निर्देशक सिर्फ कैमरा चलाते नहीं, बल्कि कहानी, संगीत, एडिटिंग और अक्सर बजट भी संभालते हैं। इसलिए इनका काम बहुत रोमांचक और चुनौतीपूर्ण दोनों होता है।

पायनियर्स और उनका योगदान

तेलुगु सिनेमा के शुरुआती दौर में K. Viswanath जैसे निर्देशक थे, जिन्होंने कला और समाजिक संदेश को एक साथ लाया। उनकी फिल्में ‘सत्वरेज’ और ‘सातक’ आज भी क्लासिक मानी जाती हैं। 1990 के बाद S. S. Rajamouli ने ‘बाहुबली’ जैसी महाकाव्यें बनाई, जिसने भारतीय फिल्म उद्योग को नया स्तर दिया। राजामौली की विजुअल इफेक्ट्स और बड़े पैमाने की कहानी ने विदेशों में भी भारत की पहचान बढ़ाई।

इनके अलावा Trivikram Srinivas का नाम नहीं छोड़ा जा सकता। वह मज़ेदार संवाद और हल्के-फुल्के टोन के लिए जाने जाते हैं, जैसे ‘अत्रि’ और ‘इतना मोती’ में। उनका स्टाइल दर्शकों को हँसाते हुए भी गहरी सोच देता है।

नई पीढ़ी और भविष्य की दिशा

आज की नई पीढ़ी के निर्देशकों में Puri Jagannadh, Sekhar Kammula और Devi Katta शामिल हैं। पुरी की एक्शन थ्रिलर ‘गुडले’ और ‘इंद्रा’ ने युवा दर्शकों का दिल जीत लिया। वहीं सेखर कम्मुला की ‘अन्ना अनाटी’ जैसी फिल्में रोज़मर्रा की जिंदगी को सुंदर बनाती हैं। ये निर्देशक न सिर्फ बड़े बजट की फिल्में बनाते हैं, बल्कि छोटे फ़ॉर्मेट में भी प्रयोग करते हैं, जैसे वेब सीरीज़ और डिजिटल प्लेटफ़ॉर्म।

यदि आप भी तेलुगु फिल्म निर्देशक बनना चाहते हैं तो सबसे पहले कहानी सुनाने की कला सीखें। कई कॉलेज और ऑनलाइन कोर्स अब फिल्ममेकिंग, स्क्रीनराइटिंग और एडिटिंग में सर्टिफ़िकेट देते हैं। छोटे प्रोजेक्ट्स, जैसे शॉर्ट फ़िल्म या यूट्यूब वीडियो, बनाकर आप अपना पोर्टफ़ोलियो तैयार कर सकते हैं।

फिल्म बनाते समय लोकेशन स्काउटिंग, कास्टिंग और प्रोडक्शन डिज़ाइन में ध्यान देना बेहद ज़रूरी है। एक अच्छा निर्देशक हर छोटा‑छोटा विवरण देखता है, चाहे वो प्रकाश की दिशा हो या एक किरदार का हावभाव। इसलिए प्रैक्टिस और फीडबैक बहुत मददगार होते हैं।

ध्यान रखें, तेलुगु सिनेमा में सफल होने के लिए सिर्फ बड़े स्टार नहीं, बल्कि सही कहानी और दर्शकों के साथ कनेक्शन भी ज़रूरी है। जब आप अपनी फ़िल्म का विचार रखते हैं, तो पहले दर्शकों की पर्सोना बनाएँ, यह तय करें कि आपका फिल्म किस उम्र, भाषा और रूचि के लोगों को पसंद आएगा।

अंत में, याद रखें कि हर महान निर्देशक ने पहले असफलता का सामना किया है। हार्डवर्क, सीखने की इच्छा और निरंतर प्रयोग ही आपको आगे ले जाएगा। तो अगर आपको कहानी सुनाने का शौक है, तो कैमरा उठाएँ और अपने सपनों को स्क्रीन पर लाएँ।

तेलुगु निर्देशक कृष्ण जगर्लमूड़ी ने डॉ. प्रीति चल्ला से की दूसरी शादी

तेलुगु निर्देशक कृष्ण जगर्लमूड़ी ने डॉ. प्रीति चल्ला से की दूसरी शादी

तेलुगु फिल्म निर्देशक कृष्ण जगर्लमूड़ी ने डॉ. प्रीति चल्ला के साथ दूसरी शादी की है। डॉ. प्रीति हैदराबाद की एक डॉक्टर हैं और इसका विवाह समारोह हाल ही में संपन्न हुआ। पहले से शादीशुदा प्रीति ने विभिन्न कारणों से तलाक लिया था। यह विवाह निर्देशक के जीवन में एक नया अध्याय लाता है।

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