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वित्तीय वर्ष 2024: क्या बदलेगा, क्या रहेगा?

अप्रैल 2024 से मार्च 2025 तक चलने वाला वित्तीय वर्ष (FY) भारत की आर्थिक दिशा तय करता है। सरकार इस साल अपना बजट प्रस्तुत कर रही है, नई टैक्स नीतियों से लेकर सार्वजनिक खर्च तक सब कुछ इस अवधि में लागू होगा। अगर आप सोच रहे हैं कि ये बदलाव आपके जेब में कैसे असर डालेंगे, तो पढ़ते रहिए, हम साफ़ शब्दों में समझाएंगे।

FY2024 के मुख्य आंकड़े

2024‑25 के अनुमानित जीडीपी ग्रोथ 6‑7% रहने की उम्मीद है, जबकि मुद्रास्फीति को 4% के करीब रखने का लक्ष्य तय किया गया है। केंद्रीय बजट में अनुमानित राजस्व 30 लाख करोड़ रुपये और खर्च 35 लाख करोड़ रुपये है, जिससे लगभग 5 लाख करोड़ का घाटा होगा। इस घाटे को भरने के लिए सरकार ने कुछ प्रमुख टैक्स रिव्यू किए हैं:

  • वित्तीय वर्ष 2024 में जीएसटी स्लैब में 5% और 12% की दरें बरकरार रहेंगी, लेकिन कुछ प्रीमियम वस्तुओं पर 28% की दर में हल्का छूट दिया गया है।
  • कोरपोरेट टैक्स को 25% से 22% करने की योजना है, जिससे बड़ी कंपनियों को निवेश बढ़ाने का प्रोत्साहन मिलेगा।
  • व्यक्तिगत आयकर में 2.5 लाख रुपये की नई छूट लागू होगी, जिससे मध्यम आय वर्ग को थोड़ा राहत मिलेगी।

इन आंकड़ों को समझना जरूरी है क्योंकि यही आपके वेतन, बचत और निवेश के फैसले को सीधे प्रभावित करेगा।

नई नीतियों का व्यवहारिक असर

फिर भी सिर्फ अंक ही नहीं, बल्कि ये बदलाव आपके रोज़मर्रा के खर्चों में कैसे दिखेंगे, यही अहम बात है। अगर आप छोटे व्यापार में हैं, तो 22% कॉरपोरेट टैक्स आपको नीचे की ओर नहीं ले जाएगा; बल्कि इन बचतों को नई मशीनरी या डिजिटल इन्फ्रास्ट्रक्चर में लगा सकते हैं।

घर बैठे लोग देखेंगे कि किराने की कीमते में जीएसटी स्लैब कम होने से कुछ वस्तुओं पर हल्का सुधार आया है, पर पेट्रोल‑डिज़ेल पर अभी भी इंधन अभिसरण टैक्स लागू रहेगा, इसलिए ईंधन की कीमत पर असर कम नहीं होगा।

सेविंग्स अकाउंट में ब्याज दरें अभी भी 6‑7% के आसपास रह सकती हैं, पर नई टैक्स छूट से आपकी सालाना कर देयता कम हो सकती है। इसलिए अपने निवेश पोर्टफोलियो को रीव्यू करना वाजिब रहेगा।

अंत में, इस वित्तीय वर्ष में सरकार ने कई सामाजिक योजना भी पेश की हैं—जैसे कि गरीबों के लिए स्वास्थ्य बीमा कवरेज बढ़ाना और ग्रामीण बुनियादी सुविधाओं में निवेश। इन पहलों से सीधे तौर पर जीवन स्तर में सुधार की संभावनाएँ बढ़ेंगी।

तो, FY2024 का सार यही है कि राजकोषीय नीति थोड़ी लचीली बन रही है, टैक्स में सुधार हो रहा है, और खर्च को सामाजिक विकास की ओर मोड़ रहा है। अगर आप इन बदलावों को समझकर अपने वित्तीय प्लान में शामिल करेंगे, तो नया वित्तीय वर्ष आपका हाथ मजबूत बना सकता है।

हिंडनबर्ग रिपोर्ट के बाद अदाणी समूह के शेयरों में मजबूती, मार्केट कैप 2 ट्रिलियन रुपये के करीब

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अदाणी समूह के शेयरों ने हिंडनबर्ग रिसर्च रिपोर्ट के प्रभाव से उबरते हुए अपनी स्थिति मजबूत कर ली है। अदाणी पावर और अदाणी पोर्ट्स ने न केवल अपने प्री-हिंडनबर्ग स्तरों की तुलना में बड़ा उछाल दिखाया है, बल्कि अदाणी पावर ने पिछले छह महीनों में अपने मूल्य को दोगुना कर दिया है। अदाणी समूह का PAT वित्तीय वर्ष 2024 में 55% बढ़कर 30,768 करोड़ रुपये हो गया है।

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