जब Novak Djokovic, सर्बिया के 24‑बार ग्रैंड स्लाम विजेता ने ऑस्ट्रेलिया के Alex de Minaur को 1‑6, 6‑4, 6‑4, 6‑4 से हराकर Wimbledon 2025 के क्वार्टर‑फ़ाइनल में जगह बनाई, तो टेनिस प्रेमियों की धड़कन तेज़ हो गई। यह जीत सिर्फ एक मैच नहीं, बल्कि डॉजिच के लिए एक नया इतिहास लिखने का फैसला थी—तीन घंटे और अठारह मिनट की लड़ाई में उसने अपना 101वाँ एकल विजयी कदम रख दिया, जो रॉजर फ़ेडरर के 105‑वाँ रिकॉर्ड के बहुत करीब है।
मैच की शुरुआत से ही डॉजिच को कठिनाईयों का सामना करना पड़ा। प्रथम सेट में वह 1‑6 से हार गए, जबकि डिमैनॉर ने ग्रास कोर्ट की तेज़ हवा का फायदा उठाते हुए सर्व‑एंड‑वॉल रणनीति को बखूबी अंजाम दिया। चौथे सेट में डिमैनॉर 4‑1 तक बढ़ गया और 5‑1 तक पहुँचने वाला ब्रेक पॉइंट भी बना था, पर डॉजिच ने यथार्थ‑सही सर्विसिंग और रिटर्न के साथ फिर से रफ़्तार पकड़ी और चार लगातार सेट जीत कर मैच को अपने पक्ष में मोड़ दिया।
इस दौरान, ऑल‑इंग्लैंड क्लब के Centre Court में मौजूद आठ‑बार के विजेता Roger Federer ने इस ड्रामे को बारीकी से देखा। डॉजिच ने बाद में कहा, "शायद पहली बार ऐसा हुआ है कि मैं जीत रहा हूँ और रॉजर मेरे सामने हैं।" यह क्षण न केवल उनके व्यक्तिगत प्रतिस्पर्धा का बल्कि टेनिस इतिहास की नई गाथा का हिस्सा बन गया।
डॉजिच का अगला प्रतिस्पर्धी इटली के Flavio Cobolli था, जो पहले दिन Marin Cilic को 6‑4, 6‑4, 6‑7, 7‑6 से हराकर क्वार्टर‑फ़ाइनल में पहुचा था। क्वार्टर‑फ़ाइनल के दौरान डॉजिच को एक घबराने वाला पलों़ सामना करना पड़ा जब उन्होंने मैच‑पॉइंट पर फिसल कर गिर गए, पर वह तुरंत खड़े हो गए और अंततः 7‑5, 6‑4 से जीत हासिल की।
सेमी‑फ़ाइनल में इटली के टॉप‑सीड Jannik Sinner का सामना डॉजिच को करना पड़ा। दोनों खिलाड़ियों ने पहले दो सेट में तीव्र टॉस‑ऑफ़ किया; डॉजिच ने टाई‑ब्रेक में 7‑6(2) से पहला सेट जीत लिया, फिर 6‑4, 6‑4 से लगातार जीत कर फाइनल में जगह बनाई। इस जीत ने उनके मन में एक नया लक्ष्य जगा दिया—आठवीं बार Wimbledon का खिताब पाना, जैसा कि फ़ेडरर ने 2009 तक किया था।
अंतिम खेल में Jannik Sinner ने डॉजिच को 6‑3, 6‑3, 6‑4 से मात दी। यह पराजित नहीं तो सिर्फ स्कोर की बात है, बल्कि उसके पीछे एक बड़ी कहानी छिपी है—डॉजिच ने 2023 के बाद से पहला ग्रैंड स्लैम जीतने की कोशिश की थी, पर इस बार विफल रहे। फिर भी, उनका प्रदर्शन इस बात को प्रमाणित करता है कि वे अभी भी नई पीढ़ी के खिलाड़ियों जैसे Alcaraz और Sinner के बीच सबसे बड़े ख़तरे में से एक हैं।
डॉजिच ने अब तक Wimbledon पर 101 जीत दर्ज की हैं, जो रॉजर फ़ेडरर के 105‑वां रिकॉर्ड के सिर्फ चार जीत दूर है। यह जीत उन्हें टेनिस इतिहास में सबसे अधिक हेड‑टू‑हेड मुकाबले वाले खिलाड़ियों में से एक बनाती है—उनके और फ़ेडरर के बीच 50 बार मुकाबला हो चुका है, जबकि नडाल के साथ उनका मुकाबला 59 बार रहा है।
डॉजिच का प्रदर्शन यह दिखाता है कि उम्र के बावजूद वह ग्रास कोर्ट पर भी तेज़, लचीला और रणनीतिक खेल प्रस्तुत कर सकते हैं। उनका सर्व‑एंड‑वॉल की इच्छा, फ़ेडरर से प्रेरित, अक्सर दर्शकों को उनकी खेल शैली की नई परतें दिखाती है।
डॉजिच के कोच और टेनिस विशेषज्ञों का कहना है कि अगला Wimbledon 2026 उनका मंच हो सकता है, बशर्ते वह अपनी शारीरिक फिटनेस को बनाए रखें और मनोवैज्ञानिक रूप से तैयार रहें। कुछ विशेषज्ञ भविष्यवाणी करते हैं कि यदि डॉजिच इस वर्ष के अनुभव को सीखने के लिए उपयोग करते हैं, तो वे अगले साल फ़ेडरर के रिकॉर्ड को भेद सकते हैं।
डॉजिच ने इस टूर्नामेंट में 101वीं जीत हासिल की, जो उन्हें फ़ेडरर के रिकॉर्ड के बहुत करीब ले गई। यह प्रदर्शन उन्हें नई पीढ़ी के खिलाड़ियों के खिलाफ भी प्रतिस्पर्धी बनाता है और भविष्य में आठवीं Wimbledon खिताब जीतने की उम्मीद बढ़ाता है।
डिमैनॉर ने शुरुआती सेट में तेजी से सर्व और नेट प्ले से डॉजिच को पीछे धकेल दिया। उन्होंने चौथे सेट में 4‑1 तक बढ़त बनाई, जिससे दिखा कि वह ग्रास कोर्ट पर भी प्रभावी हो सकते हैं। लेकिन अंत में डॉजिच के अनुभव ने उन्हें मात दी।
फ़ेडरर की मौजूदगी ने डॉजिच को आध्यात्मिक प्रेरणा दी। डॉजिच ने कहा कि फ़ेडरर को देखते हुए उन्होंने अपने सर्व‑एंड‑वॉल तकनीक को अपनाने की इच्छा जताई, जिससे मैच के बाद उनकी बातचीत में यह उल्लेख मिला।
गिरने के बाद डॉजिच ने तुरंत खड़े होकर खेल जारी रखा, जो उनके शारीरिक लचीलापन और मानसिक दृढ़ता को दर्शाता है। यह क्षण दर्शकों के लिए एक यादगार पल बन गया और उनके विजयी आत्मविश्वास को और भी मजबूत किया।
अगला लक्ष्य स्पष्ट है—फ़ेडरर के आठ Wimbledon खिताबों का रिकॉर्ड तोड़ना। विशेषज्ञ मानते हैं कि यदि वह अपनी फ़िटनेस और खेल रणनीति को इस साल की सीख के साथ अपडेट रखें, तो वह 2026 में इस लक्ष्य को हासिल कर सकते हैं।
© 2025. सर्वाधिकार सुरक्षित|
gouri panda
अक्तूबर 7, 2025 AT 21:39वाउ! डॉजिच ने एक बार फिर दिखा दिया कि उम्र सिर्फ एक नंबर है। उसके ग्राउंडस्टॉफ़ का जादू इस मैच में पूर्णतया झलक रहा था। शुरुआती सेट के बाद भी वह हार मानने वाले नहीं थे, बल्कि दिमागी खेल में आगे बढ़े। इससे युवा टेनिस खिलाड़ी को बड़ी प्रेरणा मिलेगी।