आंध्र प्रदेश के राजनीतिक परिदृश्य में चार बार के मुख्यमंत्री बनने की उपलब्धि को प्राप्त करना निश्चित रूप से उल्लेखनीय है। एन चंद्रबाबू नायडू का नाम आंध्र प्रदेश की राजनीति में एक महत्वपूर्ण स्थान रखता है। उनके पहले के तीन कार्यकालों में 1995 से 2004 और 2014 से 2019 के बीच की अवधि शामिल है। इस बार उनकी वापसी न केवल उनके समर्पण का प्रमाण है, बल्कि उनकी पार्टी तेलुगु देशम पार्टी (TDP) के लिए भी एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है।
शपथ ग्रहण समारोह विजयवाड़ा के बाहरी इलाके में केसरापल्ली के पास मेधा आईटी पार्क के सामने गणवर्म एयरपोर्ट के निकट सुबह 11:27 बजे आयोजित होगा। इस आयोजन में विभिन्न राज्यों के मुख्य मंत्रियों, केंद्रिय मंत्रियों और बॉलीवुड सितारों की उपस्थिति इसकी भव्यता को और बढ़ाएगी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, और बीजेपी प्रमुख जेपी नड्डा जैसी प्रमुख हस्तियों की उपस्थिति इसमें एक और नया रंग भर देंगी।
इस शपथ समारोह में दक्षिण भारतीय फिल्म इंडस्ट्री के प्रसिद्ध सितारे भी शामिल होंगे। चिरंजीवी और उनके बेटे राम चरण जैसे नाम इसकी भव्यता को और भी बढ़ाएंगे। ये दोनों फिल्मी सितारे न केवल अपने उत्कृष्ट अभिनय के लिए प्रसिद्ध हैं, बल्कि राजनीतिक और सामाजिक मुद्दों में भी उनकी सक्रिय भागीदारी महत्वपूर्ण मानी जाती है। चिरंजीवी के भाई और जन सेना पार्टी (JSP) के प्रमुख पवन कल्याण को उप मुख्यमंत्री के पद की जिम्मेदारी सौंपी जा सकती है।
इस शपथ ग्रहण समारोह में बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, राजस्थान के मुख्यमंत्री भजन लाल शर्मा, उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी, महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और तेलंगाना के मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी जैसे देश के प्रमुख नेता भी भाग लेंगे। इनकी उपस्थिति ना केवल नायडू की पार्टी के लिए एक ताकतवर संकेत है, बल्कि अन्य राजनीतिक दलों के साथ गठबंधन और सामंजस्य की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
इसके अलावा, आंध्र प्रदेश की राजधानी अमरावती परियोजना में योगदान देने वाले किसानों और जगन मोहन रेड्डी के शासन काल में उत्पीड़न का शिकार हुए लोगों को भी इस समारोह में आमंत्रित किया गया है। यह उनकी समस्याओं को पहचानने और उनका सम्मान करने का एक सकारात्मक संकेत है।
चंद्रबाबू नायडू के बेटे नारा लोकेश, टीडीपी आंध्र प्रदेश के नेता अच्चन्नायडू और जन सेना पार्टी (जेएसपी) के वरिष्ठ नेता एन मनोहर को भी शपथ लेने की संभावना है। लोकेश की भागीदारी नया खून और नई ऊर्जा का संकेत है। यह पार्टी के लिए एक पुनरोद्धार का समय हो सकता है जहां पुराने और नए नेतृत्व का तालमेल राज्य के विकास में सहायक हो सकता है।
टीडीपी और भाजपा के बीच समझौते के तहत, राज्य मंत्रिमंडल में 26 मंत्रियों में से 5-6 मंत्रियों की सीटें जन सेना और भाजपा को देने की योजना है। यह साझेदारी राज्य की केंद्रित सरकार के दूरगामी लक्ष्यों को पाने में मदद करेगी।
यह चंद्रबाबू नायडू का चौथा कार्यकाल होगा और उनकी वापसी जनता के बीच उनकी पहचान बनाती है। उन्होंने अपने पूर्व के कार्यकालों में राज्य को आईटी हब बनाने में सराहनीय कार्य किया था। नए कार्यकाल में उनकी प्राथमिकताएँ क्या होंगी, यह देखने लायक होगा। क्या वह आंध्र प्रदेश के विकास की नयी राहें खोलेंगे, यह समय बताएगा।
आम जनता की अपेक्षाएं, नई सरकार से हमेशा अधिक रहती हैं। नायडू का चौथा कार्यकाल इसकी पुष्टि करेगा कि वे जनता की अपेक्षाओं पर कितना खरा उतर पाते हैं। विगत के कार्यकाल के सार्थक परिणामों का प्रभाव नई उम्मीदों का पोषण करेगा।
आगामी योजनाओं में राज्य के विकास, शिक्षा, स्वास्थ्य और बुनियादी ढांचे को सशक्त करना प्रमुख रहेगा। यह देखना दिलचस्प होगा कि नई सरकार किस प्रकार से इन मुद्दों को सुलझाएगी और राज्य को प्रगति की ऊँचाइयों तक ले जाएगी।
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