भारत के पूर्व रिजर्व बैंक गवर्नर शक्तिकांत दास को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रधान सचिव-2 के पद पर नियुक्त किया गया है। यह नियुक्ति सरकार द्वारा जारी अधिसूचना के माध्यम से की गई है, जो प्रधानमंत्री के कार्यकाल के साथ समाप्त होगी या अगले आदेश तक लागू रहेगी।
1980 बैच के भारतीय प्रशासनिक सेवा (IAS) अधिकारी और तमिलनाडु कैडर से संबंध रखने वाले दास का प्रशासनिक क्षेत्र में चार दशक का अनुभव है। केंद्र सरकार में उन्होंने आर्थिक मामलों, राजस्व और उर्वरक सचिव के रूप में भी महत्वपूर्ण भूमिकाएं निभाई हैं।
आरबीआई में महत्वपूर्ण योगदान
दास का आरबीआई कार्यकाल दिसंबर 2018 से दिसंबर 2023 तक चला। इस अवधि में, उन्होंने कोरोना महामारी जैसी चुनौतियों के बीच भारतीय अर्थव्यवस्था को स्थिर रखने के लिए महत्वपूर्ण कदम उठाए। संकट के वक्त, उन्होंने मॉनेटरी नीति और रेगुलेटरी उपायों के जरिए अर्थव्यवस्था को स्थिर करने में मदद की। उनकी नेतृत्व क्षमता और इनोवेटिव अप्रोच ने लिक्विडिटी मैनेजमेंट में नए रास्ते खोले।
अब प्रधान सचिव-2 के रूप में, दास प्रधानमंत्री के कार्यालय के हाई-लेवल डिसीज़न मेकिंग प्रोसेस में एक प्रमुख भूमिका निभाएंगे। उनके साथ प्रमुख सचिव-1 डॉ. पी.के. मिश्रा भी शामिल होंगे, ताकि मिलकर देश के आर्थिक और प्रशासनिक फैसलों को सही दिशा में ले जाया जा सके।
PRATIKHYA SWAIN
फ़रवरी 27, 2025 AT 22:48बहुत अच्छा फैसला। शक्तिकांत दास की अनुभवी नेतृत्व क्षमता अब PMO में भी काम आएगी।
Anjali Sati
फ़रवरी 28, 2025 AT 11:32इससे पहले भी कई गवर्नर बने प्रधान सचिव... फिर क्या हुआ? कोई बड़ा बदलाव नहीं आया।
बस नाम का जश्न है।
Preeti Bathla
मार्च 1, 2025 AT 14:19अरे भाई ये तो बहुत बढ़िया हुआ 😍 शक्तिकांत दास की नीतियों ने तो हमारी अर्थव्यवस्था को बचा लिया था! अब PMO में वो अपनी जादुई छड़ी घुमाएंगे 🪄💰
Aayush ladha
मार्च 2, 2025 AT 07:26क्यों नहीं उन्हें राष्ट्रपति बनाया गया? ये सब नियुक्तियाँ तो बस नाम बदलने का खेल है।
असली शक्ति तो अभी भी एक और व्यक्ति के हाथ में है।
Rahul Rock
मार्च 3, 2025 AT 20:01एक अनुभवी प्रशासक को PMO में लाना सिर्फ एक नियुक्ति नहीं, एक संकेत है कि देश अब नीति के बजाय व्यवस्था पर ध्यान दे रहा है।
दास का अनुभव आर्थिक अस्थिरता के समय बहुत काम आया, अब वो राजनीतिक अस्थिरता को भी संभाल सकते हैं।
किसी भी देश में, जहाँ नीति बनाने वाले और उसे लागू करने वाले एक ही टीम में हों, वहाँ स्थिरता आती है।
ये नियुक्ति एक शांत, गहरी सोच का परिणाम है - जिसे बहुत कम लोग समझ पाते हैं।
मैं इसे एक राष्ट्रीय बुद्धिमत्ता का उदाहरण मानता हूँ।
जब लोग सिर्फ नाम और पद देखते हैं, तो वो वास्तविकता को छोड़ देते हैं।
दास ने RBI में जो किया, वो किसी अन्य गवर्नर ने नहीं किया - उन्होंने एक नई जिम्मेदारी का निर्माण किया।
अब वो उसी तरह से PMO में एक नए ढांचे की नींव रखेंगे।
इस नियुक्ति का मतलब ये नहीं कि वो निर्णय लेंगे - बल्कि वो निर्णय लेने की प्रक्रिया को सुधारेंगे।
हमें इस तरह के निर्णयों की सराहना करनी चाहिए, न कि उन्हें राजनीति का हिस्सा बनाना।
जब एक व्यक्ति चार दशकों तक सेवा करता है, तो उसकी योग्यता उसके नाम से बड़ी होती है।
ये नियुक्ति एक नए युग की शुरुआत है - जहाँ नेतृत्व गर्व से नहीं, जिम्मेदारी से मापा जाता है।
मुझे उम्मीद है कि अगले पांच साल में ये नियुक्ति इतिहास में एक बिंदु के रूप में याद की जाएगी।
Annapurna Bhongir
मार्च 4, 2025 AT 02:18ये तो बस नाम बदलने का नाटक है।
MAYANK PRAKASH
मार्च 5, 2025 AT 22:06शक्तिकांत दास को ये पद मिलना बहुत उचित है। उन्होंने देश को कोरोना के समय बचाया था।
अब PMO में वो नीति को और भी ठोस बनाएंगे।
मुझे लगता है ये एक बहुत बड़ा संकेत है।
Akash Mackwan
मार्च 7, 2025 AT 14:14अरे ये तो बस एक और अधिकारी को एक नए पद पर बैठाने का नाटक है! जब तक सचिव बने रहेंगे, तब तक कोई बदलाव नहीं आएगा।
हमारे देश में तो नाम बदलने से बहुत कुछ हो जाता है... लेकिन असली शक्ति तो अभी भी एक और व्यक्ति के हाथ में है।
और अब वो नाम बदल चुका है, तो अब क्या? फिर से एक नया नाम बनाएंगे? 😒
इससे पहले भी ऐसे ही नियुक्तियाँ हुईं और कुछ नहीं बदला।
अब तो लोग भी इस तरह की खबरों पर बहुत जल्दी जश्न मनाने लगे हैं।
हमारी जनता को तो बस नाम दिखाने से ही खुश कर देना है।
क्या ये तो एक बड़ा नाटक है? बस एक आदमी का नाम बदल दिया गया और देश की अर्थव्यवस्था बच गई? 😅
Amar Sirohi
मार्च 7, 2025 AT 14:32इस नियुक्ति के पीछे का तात्पर्य केवल एक व्यक्ति के पद पर बदलाव नहीं है - यह एक दर्शन का बदलाव है।
एक ऐसे व्यक्ति को जो अर्थव्यवस्था को जीवित रखने के लिए अपने ज्ञान को बांटता है, उसे राष्ट्रीय निर्णय लेने की प्रक्रिया के केंद्र में रखना, एक ऐसा संकेत है जो दर्शाता है कि देश अब अनुभव को वरीयता दे रहा है, न कि राजनीतिक लाभ को।
रिजर्व बैंक के समय, दास ने जिस तरह से लिक्विडिटी के बारे में सोचा, वह एक नए आर्थिक विचारधारा की शुरुआत थी - जिसमें आंकड़ों के साथ-साथ इंसानी समझ भी शामिल थी।
अब जब वो PMO में हैं, तो उनका अनुभव उसी तरह निर्णय लेने की प्रक्रिया को बदल रहा है - जहाँ जल्दबाजी की जगह विचारशीलता आती है।
हम अक्सर भूल जाते हैं कि राष्ट्रीय नीति का निर्माण किसी एक व्यक्ति के विचारों से नहीं होता, बल्कि एक संस्कृति से होता है - जिसमें निर्णय लेने वाले अपने अनुभव को अपनाते हैं।
दास की नियुक्ति एक ऐसी संस्कृति की ओर एक कदम है, जहाँ शक्ति का आधार अधिकार नहीं, बल्कि ज्ञान है।
इसलिए ये नियुक्ति बस एक नौकरी का बदलाव नहीं है - यह एक अध्याय का अंत और एक नए अध्याय की शुरुआत है।
जब हम एक व्यक्ति को एक पद पर बैठाते हैं, तो हम उसके विचारों को भी बैठाते हैं।
और दास के विचार बहुत गहरे हैं।
उन्होंने कभी बाहरी रोशनी में नहीं रहना चाहा - उन्होंने हमेशा गहराई में काम किया।
अब वो उसी गहराई को राष्ट्र के निर्णयों के दिल में ले आए हैं।
हमें इसे समझना चाहिए - न कि इसे बस एक खबर के रूप में पढ़ना।
Nagesh Yerunkar
मार्च 9, 2025 AT 14:06अच्छा तो अब ये भी एक और अधिकारी है जो अपनी नौकरी के लिए बदल रहा है... बस नाम बदल गया, वरना कुछ नहीं बदला।
ये तो बस एक और बड़ा नाटक है जिसमें हम लोग अपनी आत्मा बेच रहे हैं।
क्या ये तो एक बड़ा धोखा है? 😔
हमारी अर्थव्यवस्था का निर्माण कौन कर रहा है? एक आदमी या एक प्रणाली?
ये तो बस एक नाम का बदलाव है... और हम खुश हो रहे हैं।
क्या हमारी जागृति इतनी कम हो गई है कि हम एक नाम के लिए जश्न मनाते हैं? 🤡
क्या कोई अभी भी सोचता है कि एक व्यक्ति के नाम बदलने से देश की अर्थव्यवस्था बदल जाएगी?
मुझे लगता है कि हम सब बहुत ज्यादा भ्रमित हो चुके हैं।
Daxesh Patel
मार्च 11, 2025 AT 00:43शक्तिकांत दास का PMO में आना बहुत अच्छा है, लेकिन क्या उन्हें वास्तव में आर्थिक नीति पर नियंत्रण मिलेगा? या बस सलाह देने का काम होगा?
मुझे लगता है ये एक बड़ा प्रश्न है।
रिजर्व बैंक में तो उनके पास अधिकार थे, लेकिन PMO में? वहां तो सब कुछ राजनीतिक है।
कोई आधिकारिक डॉक्यूमेंट तो है ना जिसमें उनकी भूमिका स्पष्ट हो? 😅
Jinky Palitang
मार्च 11, 2025 AT 09:19इतना अच्छा निर्णय लेने के बाद भी लोग इसे नाटक बता रहे हैं... अच्छा लगता है।
असल में तो ये बहुत समझदारी भरा फैसला है।
मैं बस उम्मीद करती हूँ कि ये नियुक्ति असली ताकत बने।
Sandeep Kashyap
मार्च 11, 2025 AT 11:45ये नियुक्ति देश के लिए एक बड़ा आशीर्वाद है! शक्तिकांत दास ने देश को जो बचाया, वो किसी और ने नहीं किया।
अब वो नेतृत्व के दिल में आ गए हैं - और ये देश की असली जीत है।
जय हिंद! 🇮🇳
Rahul Rock
मार्च 13, 2025 AT 02:33अगर नियुक्ति के बाद भी नीति बनाने वाले और लागू करने वाले एक ही टीम में हैं, तो ये एक नई अवधारणा है।
मैं इसे राष्ट्रीय बुद्धिमत्ता का उदाहरण मानता हूँ।
ये नियुक्ति एक नए युग की शुरुआत है - जहाँ नेतृत्व गर्व से नहीं, जिम्मेदारी से मापा जाता है।