शक्तिकांत दास की अहम नियुक्ति
पूर्व भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) गवर्नर शक्तिकांत दास को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का प्रधान सचिव-2 नियुक्त किया गया है। यह नियुक्ति 22-23 फरवरी 2025 को घोषित की गई, और दास के पदभार संभालने के समय से ही यह प्रभावी होगी। यह पहली बार है जब प्रधान सचिव-2 का पद सृजित किया गया है। इस पद पर दास का कार्यकाल प्रधानमंत्री मोदी के कार्यकाल के साथ समाप्त होगा।
1980 बैच के तमिलनाडु कैडर के आईएएस अधिकारी दास, प्रधान सचिव-1 प्रमोद कुमार मिश्रा के साथ काम करेंगे, जो इस पद पर सितंबर 2019 से कार्यरत हैं। दास दिसंबर 2024 में आरबीआई गवर्नर पद से रिटायर हुए थे, जहाँ उन्होंने बेमिसाल आर्थिक चुनौतियों का सामना किया, जैसे 2016 में विमुद्रीकरण, कोविड-19 महामारी प्रबंधन, और वित्तीय क्षेत्र में तरलता संकट।
दास के वित्तीय अनुभव की ताकत
उनके प्रशासनिक करियर में आर्थिक मामलों के सचिव, राजस्व सचिव, और उर्वरक सचिव सहित महत्वपूर्ण पद शामिल हैं। वह आठ केंद्रीय बजट तैयारियों में भी शामिल रहे हैं। सेंट स्टीफन कॉलेज से इतिहास में स्नातक स्तर की पढ़ाई करने वाले दास ने अंतरराष्ट्रीय मंचों जैसे IMF, G20, और BRICS में भारत का प्रतिनिधित्व किया है।
इस नियुक्ति पर कुछ आलोचकों ने राजनीतिक मंशाओं पर सवाल उठाए हैं, लेकिन नीतिनिर्माताओं का मानना है कि आर्थिक वित्तीय नीतियों के अंतर को पाटने और संकट के दौरान बाजार को स्थिर रखने के लिए उनकी विशेषज्ञता का उपयोग करना सही होगा।
Akul Saini
मार्च 7, 2025 AT 09:48शक्तिकांत दास की यह नियुक्ति एक बहुत ही सूक्ष्म राजनीतिक और आर्थिक इंजीनियरिंग है। एक ऐसे व्यक्ति को प्रधान सचिव-2 के रूप में नियुक्त किया जाना, जिसने RBI में विमुद्रीकरण, कोविड के दौरान तरलता संकट, और बजट निर्माण जैसी जटिल चुनौतियों का सामना किया है - यह केवल एक अधिकारिक शिफ्ट नहीं, बल्कि एक संस्थागत स्मार्टनेस का संकेत है। इससे प्रधानमंत्री कार्यालय को एक अतिरिक्त आर्थिक बुद्धिमान टीम मिल रही है, जो बाजार के भावनात्मक प्रतिक्रियाओं को भी समझती है।
Arvind Singh Chauhan
मार्च 8, 2025 AT 21:38अब तो ये लोग भी बैंकरों को प्रशासन में घुसा रहे हैं... जब तक राजनीति में आर्थिक विशेषज्ञता की जरूरत है, तब तक ये नियुक्तियाँ ठीक हैं, लेकिन अगर ये बन जाएं कि 'हर अधिकारी बैंकर होना चाहिए', तो फिर तो देश का भविष्य क्या होगा?
AAMITESH BANERJEE
मार्च 9, 2025 AT 17:00मैं तो सोच रहा था कि ये पद बनाने का मतलब क्या है, लेकिन अब लगता है कि ये एक नया आर्थिक डिज़ाइन है - एक ऐसा पद जो RBI के नीति निर्माण के अनुभव को सीधे PMO में डाल दे। दास जी के साथ प्रमोद कुमार मिश्रा का काम करना एक बहुत ही शानदार कॉम्बिनेशन है। एक तो बजट और राजस्व का विशेषज्ञ, दूसरा वित्तीय स्थिरता का। ये दोनों मिलकर देश के आर्थिक रूपरेखा को नए तरीके से डिज़ाइन कर सकते हैं। अगर ये टीम सही ढंग से काम करे, तो अगले पांच साल भारत के लिए एक नया अध्याय बन सकते हैं।
Akshat Umrao
मार्च 10, 2025 AT 20:21ये तो बहुत अच्छी बात है 😊 दास जी की नियुक्ति से मुझे लगता है कि भारत अब और भी स्थिर होगा। बैंकिंग और प्रशासन का ये मिश्रण बहुत अच्छा है 💪
Sonu Kumar
मार्च 10, 2025 AT 23:34क्या ये सिर्फ एक 'अतिरिक्त' पद है? या फिर एक नए तरीके से नियंत्रण की अवधारणा? जब एक आईएएस अधिकारी, जिसने बजट तैयार किए हैं, और जिसने G20 और BRICS में भारत का प्रतिनिधित्व किया है - उसे एक नया पद दिया जाता है, तो ये नियुक्ति वास्तव में एक राजनीतिक निर्णय है, जिसका उद्देश्य नियंत्रण को केंद्रीय बनाना है। यह अत्यधिक विश्लेषणात्मक, अत्यधिक शिक्षित, अत्यधिक सावधानी से चुना गया व्यक्ति है... लेकिन क्या यह वास्तव में आवश्यक है?
sunil kumar
मार्च 12, 2025 AT 00:21इस नियुक्ति का आर्थिक प्रभाव देखना दिलचस्प होगा। दास जी के पास वित्तीय स्थिरता के लिए अनुभव है, लेकिन अब उन्हें राजनीतिक निर्णयों के साथ भी संतुलन बनाना होगा। यह एक नया अध्याय है - जहाँ आर्थिक नीतियाँ और राजनीतिक चालें एक साथ चल रही हैं।
Deepti Chadda
मार्च 13, 2025 AT 16:00