21 सितंबर को एक बड़ा ग्रहण होने वाला है और कई लोग इसे देखने की योजना बना रहे हैं। इस ग्रहण में चाँद पृथ्वी के छाया से गुजरता है, इसलिए रात के आसमान में एक लाल-भूरा चमक देखेंगे। अगर आप सही समय और जगह जानते हैं तो बिना झंझट के इस अद्भुत नज़रिए का मज़ा ले सकते हैं।
ग्रहण का पूरा चरण भारत में शाम 6:30 बजे से शुरू होगा और लगभग 2 घंटे तक चलेगा। पूरे भारत में चाँद लगभग 7 बजे ठीक से दिखाई देगा, लेकिन उत्तरी और मध्य भाग में ग्रहण का अधिक भाग दिखेगा। दक्षिणी राज्यों में छाया थोड़ी कम दिखेगी, इसलिए यदि आप दक्षिण भारत में हैं तो थोड़ा देर से देखना बेहतर रहेगा।
कहीं भी हो, अगर आपका आसमान साफ़ है तो आप पूरी प्रक्रिया देख सकते हैं: पहला अंश (पेनुम्ब्रा) से शुरू होकर कुल चंद्रमा पर छाया पड़ती है, फिर पूरी तरह काला नहीं, लेकिन लालिमा का असर दिखता है। यह कुल ग्रहण नहीं है, लेकिन “मूना ग्रे” जैसा दिखेगा।
ग्रहण देखना आँखों के लिए बिलकुल सुरक्षित है क्योंकि इसमें सूर्य नहीं जुड़ा है। फोटोग्राफी या लाइटिंग वाले उपकरणों का इस्तेमाल करना चाहें तो ट्राइपॉड और रिमोट शटर का उपयोग करें, जिससे फोटो धुंधली नहीं होगी। अगर आप बच्चे के साथ देखते हैं तो उन्हें दूर से देखना सिखाएँ, ताकि वे दृष्टि को नुकसान न पहुँचाएँ।
यदि आपके पास टेलिस्कोप या बाइनोक्युलर है तो उसे ग्रहण के दौरान इस्तेमाल कर सकते हैं, लेकिन हमेशा लेंस को साफ़ रखें और अचानक प्रकाश नहीं डालें। कॉन्सेट बेनिफ़िट के लिए आप कोई भी बुनियादी कैमरा मोड इस्तेमाल कर सकते हैं, लेकिन ISO कम रखकर शटर स्पीड बढ़ाएँ।
ग्रहण के दौरान मौसम का भी ध्यान रखें। अगर बादल या धुंध है तो आप इस दृश्य को मिस कर सकते हैं। बीते कुछ सालों में मौसम रिपोर्ट देखना मददगार साबित होता है; इस बार मौसम विभाग ने कहा है कि अधिकांश भाग में साफ़ आसमान रहेगा, लेकिन राजस्थान और गुजरात में अल्प बादल की संभावना है।
ग्रहण बाद के कुछ घंटे में चाँद फिर से सामान्य रूप में दिखेगा, इसलिए एक कप चाय लेकर बाहर बैठें और इस प्राकृतिक शो का आनंद लें। कई लोग इसे शुभ मानते हैं और रुद्राक्ष या शुद्ध जल से पूजा करते हैं। आप भी अपने हिसाब से इस अवसर को खास बना सकते हैं—शाम को दोस्तों के साथ मिलकर देखें, या सोशल मीडिया पर छोटे क्लिप शेयर करें।
अंत में एक बात याद रखें: ऐसी घटनाएं बार-बार नहीं आतीं। अगर आप इस ग्रहण को देखना चाहते हैं तो अभी से अपना प्लान बनाना शुरू करें। सही समय, सही जगह और थोड़ी तैयारी से आप 21 सितंबर को एक शानदार नज़रिए का हिस्सा बनेंगे।
भारतीय फलाहारी में अक्सर कहा जाता है कि ग्रहण के दौरान नहाना या दान नहीं करना चाहिए। वैज्ञानिक रूप से देखे तो यह सिर्फ पृथ्वी की छाया है, इसलिए खाने-पीने या दान करने से कोई असर नहीं पड़ता। यदि आप इस समय पूजा करना चाहते हैं तो साधारण मन्त्र जप सकते हैं, लेकिन इसका कोई शारीरिक नुकसान नहीं है।
एक और आम बात है कि ग्रहण में चाँद लाल क्यों दिखता है? इसका कारण है कि पृथ्वी की वायुमंडलीय परत सूर्य की रोशनी को फ़िल्टर करती है, जिससे नीली रौशनी बिखर जाती है और लाल रौशनी ही चाँद तक पहुंचती है। यह वही प्रक्रिया है जो सूर्योदय और सूर्यास्त में देखते हैं।
ग्रहण के बाद चाँद में छोटे-छोटे धब्बे या “क्रैटर” भी दिख सकते हैं, जिन्हें देखना बहुत ही रोमांचक हो सकता है। यह धरती के टकराव वाले क्षेत्रों की झलक देता है, और अक्सर फोटोग्राफरों के लिए सबसे अच्छा शॉट बन जाता है।
FAQ
प्रश्न: क्या मुझे सूर्यग्रहण के दौरान आँखों को ढँकना चाहिए?
जवाब: नहीं, यह चंद्र ग्रहण है, इसलिए आँखों को कोई खतरा नहीं है।
प्रश्न: क्या मोबाइल फ़ोन से रिकॉर्ड करना ठीक रहेगा?
जवाब: हाँ, लेकिन फोकस ठीक रखें और ट्राइपॉड का उपयोग करें।
प्रश्न: क्या नानी‑नानी को दान देना चाहिए?
जवाब: दान से कोई वैज्ञानिक असर नहीं, लेकिन यदि आप इसे शुभ मानते हैं तो कर सकते हैं।
इन बातों को ध्यान में रखकर आप 21 सितंबर को ग्रहण को पूरी मज़ा के साथ देख सकते हैं।
साल का आखिरी सूर्य ग्रहण 21-22 सितंबर 2025 की रात होगा, लेकिन भारत से नहीं दिखेगा क्योंकि उस समय सूर्य क्षितिज के नीचे रहेगा। आंशिक ग्रहण का अधिकतम चरण 22 सितंबर को 1:11 AM IST पर है और कुल अवधि 4 घंटे 24 मिनट रहेगी। न्यूज़ीलैंड, पूर्वी ऑस्ट्रेलिया, अंटार्कटिका और कुछ प्रशांत द्वीपों में दृश्यता रहेगी। पितृ पक्ष की सर्व पितृ अमावस्या से मेल होने के बावजूद भारत में सूतक लागू नहीं होगा।
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