क्या आप जानना चाहते हैं कि भारत के बैंकों की धड़ी को कौन चलाता है? यही है भारतीय रिज़र्व बैंक, यानी आरबीआई। रोज़मर्रा की ज़िंदगी में इसका असर फ़ीस, ब्याज दर, कर्ज़ और बचत पर दिखता है। इस पेज पर हम आपको आरबीआई से जुड़ी सबसे नई ख़बरें आसान शब्दों में देंगे।
फ़रवरी 2025 में सरकार ने पूर्व RBI गवर्नर शक्तिकांत दास को प्रधान सचिव‑2 नियुक्त किया। यह पद पहले नहीं था, अब दास मोदी सरकार के आर्थिक सलाहकार बन गए हैं। उनका मुख्य काम वित्तीय नीतियों को सरकार के साथ मिलकर बनाना और लागू करना है। इस नियुक्ति से बाज़ार में भरोसा बढ़ा क्योंकि दास को वित्तीय मामलों की गहरी समझ है।
आरबीआई हर कुछ महीनों में रेपो रेट बदलता है, जिससे बचत और कर्ज़ दोनों पर असर पड़ता है। 2025 की पहली छमाही में ब्याज दर को 6.5% पर रखा गया, जिससे महंगाई को थोड़ा काबू में लाया जा सका। साथ ही, डिजिटल भुगतान को बढ़ावा देने के लिए नई गाइडलाइन्स जारी की गईं, जिससे मोबाइल बैंकिंग और UPI की सीमा बढ़ेगी।
इन बदलावों का असर आम लोगों पर सीधे पड़ता है। अगर आप होम लोन ले रहे हैं तो नई ब्याज दर आपके क़िस्तों को थोड़ा हल्का कर सकती है। वहीं बचत खाते की दर बढ़ने से छोटे‑बड़े निवेशकों को अतिरिक्त कमाई मिलती है। इसलिए हर नियम बदलते ही हमें जानकारी रखनी चाहिए।
आरबीआई का एक और काम है रेट संरचना को स्थिर रखना, ताकि विदेशी निवेशकों का भरोसा बना रहे। इस साल कुछ विदेशी बैंकों ने भारतीय इक्विटी में निवेश बढ़ाया, क्योंकि RBI ने रीजनल सेंट्रल बैंकों को सशक्त बनाने के लिए नई नीतियां पेश कीं। यह कदम भारतीय स्टॉक मार्केट को भी स्थिर रखने में मदद करेगा।
बच्चों के भविष्य को सुरक्षित करने के लिए RBI ने फाइनेंशियल लिटरेसी प्रोग्राम को स्कूल‑स्तर तक पहुंचाया है। अब हर कक्षा में वित्तीय ज्ञान के छोटे‑छोटे सत्र होते हैं, जिससे बचपन से ही लोग बचत, निवेश और बजटिंग समझ सकें। यह पहल दीर्घकालिक आर्थिक स्थिरता के लिए बहुत जरूरी है।
आरबीआई की नीतियां कभी‑कभी छोटे‑छोटे विवाद भी खड़े करती हैं। जब सरकार ने कुछ स्टार्टअप को विशेष फाइनेंशियल सपोर्ट दिया, तो RBI ने लिबर्टी एग्ज़ेम्प्लर घोषणा की, जिससे बाजार में असंतुलन की चिंता उठी। लेकिन उन्होंने जल्दी ही स्पष्ट किया कि इस फैसले से राष्ट्रीय सुरक्षा या मौद्रिक स्थिरता पर कोई असर नहीं पड़ेगा।
अगर आप अपना पैसा सुरक्षित रखना चाहते हैं, तो RBI के निर्देशों को फॉलो करें। अपनी बैंकिंग ऐप को अपडेट रखें, दो‑स्तरीय प्रमाणीकरण (2FA) का प्रयोग करें और अनजान लिंक्स पर क्लिक न करें। ये छोटे‑छोटे कदम आपको फ़िशिंग और धोखाधड़ी से बचा सकते हैं।
समय‑समय पर RBI की आधिकारिक वेबसाइट और प्रेस रिलीज़ चेक करते रहें। वहाँ आपको नीतियों, बैंकों के लाइसेंस, तथा नई वित्तीय उत्पादों की जानकारी मिलेगी। हमारा लक्ष्य है कि आप हर आर्थिक बदलाव को समझें और अपने वित्तीय फैसलों में आत्मविश्वास रखें।
आरबीआई की खबरें सिर्फ बड़े बैंकों के लिए नहीं, हर फ़ाइनेंशियल यूज़र के लिए जरूरी हैं। इस पेज पर हम लगातार अपडेट लाते रहेंगे, ताकि आप हमेशा एक कदम आगे रहें।
पूर्व आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का प्रधान सचिव-2 नियुक्त किया गया है। उनके पास चौदह वर्षों का प्रशासकीय अनुभव है। आरबीआई में अपने कार्यकाल के दौरान उन्होंने कोविड-19 की चुनौतीपूर्ण स्थिति में भारतीय अर्थव्यवस्था को स्थिर बनाए रखा। अब वह उच्च स्तरीय आर्थिक निर्णयों में प्रधानमंत्री कार्यालय के साथ जुड़कर काम करेंगे।
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