हर साल फरवरी में पेश होने वाला बजट हमारे देश की आर्थिक दिशा तय करता है। बजट 2024 भी कोई अलग नहीं है – यह बताएगा कि सरकार कहाँ निवेश करेगी, कौन से कर बदलेंगे और किस क्षेत्र को सबसे ज्यादा समर्थन मिलेगा। अगर आप जानना चाहते हैं कि इस बजट से आपकी जेब पर क्या असर पड़ेगा, तो नीचे पढ़िए आसान समझाने वाला सारांश।
बजट 2024 में सबसे बड़ी आय आयकर और वस्तु एवं सेवा कर (GST) से आएगी। आयकर स्लैब में थोड़ा बदलाव हुआ है, जिससे मध्यम आय वर्ग को कुछ राहत मिली है। GST में कुछ आवश्यक वस्तुओं पर दर घटाई गई है, जिससे दैनिक जरूरतों की कीमतें स्थिर रहने की उम्मीद है। अलावा इसके, विदेशी निवेश और एक्सपोर्ट को बढ़ावा देने के लिए नई नीतियां पेश की गई हैं, जिससे विदेशी मुद्रा का inflow बढ़ेगा।
सभी राजस्व का बड़ा हिस्सा स्वास्थ्य, शिक्षा और इन्फ्रास्ट्रक्चर में जाएगा। स्वास्थ्य सेक्टर में 1.5% जीडीपी का अतिरिक्त बजट दिया गया है, जिसका इस्तेमाल अस्पतालों की अपग्रेड और ग्रामीण स्वास्थ्य केंद्रों के विस्तार में होगा। शिक्षा में डिजिटल क्लासरूम और स्कॉलरशिप स्कीम को बढ़ावा दिया गया है। इन्फ्रास्ट्रक्चर में हाईवे, रेलवे और ग्रामीण सड़कों पर बड़ा निवेश है, जिससे रोजगार का अवसर भी बढ़ेगा।
सामाजिक सुरक्षा भी बजट का अहम हिस्सा है। वृद्धावस्था पेंशन, बिजली सब्सिडी और ग्रामीण परिवारों के लिए सीधे नकद हस्तांतरण को बढ़ाया गया है। यह कदम गरीबी घटाने और आर्थिक समानता को सुधारने में मदद करेगा।
इन्फ्रास्ट्रक्चर में खास तौर पर सस्ते और तेज़ इंटरनेट की पहुँच हर गांव तक पहुंचाने की योजना है। 5G नेटवर्क की शुरुआती तैयारी और फाइबर ऑप्टिक के विस्तार के लिए विशेष फंड आवंटित किया गया है। इससे डिज़िटल शिक्षा और ऑनलाइन सेवाओं का विस्तार होगा।
डिजिटल इंडिया और स्टार्टअप इंडिया को भी बजट में बड़े पैमाने पर समर्थन मिला है। नई फंडों के साथ टेक्नोलॉजी इन्क्यूबेटर, एआई रिसर्च और साइबर सुरक्षा में निवेश किया जाएगा। छोटे व्यवसायों को आसान ऋण और टैक्स छूट मिलेगी, जिससे उद्यमिता को बढ़ावा मिलेगा।
अंत में, रोजगार सृजन पर विशेष बल दिया गया है। कौशल प्रशिक्षण कार्यक्रम को विस्तारित किया गया है और विशेष रूप से युवा वर्ग के लिए रोजगार योजना लॉन्च की गई है। यह योजना कंपनियों को नई नौकरियों देने के लिए प्रोत्साहन देती है और बेरोजगारी को कम करने में मदद करेगी। बजट 2024 का मकसद यह है कि आर्थिक वृद्धि को सतत बनाकर सभी वर्गों को लाभ पहुँचाया जाए।
भारत का आगामी बजट 23 जुलाई को आने वाला है, जिससे आर्थिक प्राथमिकताओं में महत्वपूर्ण बदलाव आने की संभावना है। सरकार उपभोक्ता-केंद्रित क्षेत्रों में खर्च बढ़ाने या व्यक्तिगत करों को कम करके खपत को बढ़ावा देना चाहती है। बजट में ग्रामीण क्षेत्रों, रियल एस्टेट, इलेक्ट्रिक वाहनों और उत्पादन-लिंक्ड प्रोत्साहन योजनाओं पर जोर दिया गया है।
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