पिछले कुछ हफ्तों में दिल्ली में दो-तीन बार बम धमाकों की खबरें सामने आई हैं। हर बार लोगों की जिंदगियों में हिचकिचाहट और सवाल उठते हैं – क्या फिर से हो सकता है? इस लेख में हम उन घटनाओं के मुख्य बिंदु, सरकार की खोज‑बीन और आपके लिए आसान सुरक्षा उपायों को समझेंगे।
पहला धमाका 28 जुलाई को दुबई‑अली एक्सप्रेस रोड पर हुआ, जहाँ दोहराई गई विस्फोटक डिवाइस ने छोटे‑मोटे नुकसान किए। दूसरी घटना 5 अगस्त को करोल बाग के पास रिपोर्ट हुई, लेकिन यहाँ कोई चोट नहीं आई। दोनों बार पुलिस ने तुरंत इलाके को खाली कर दिया और फॉरेंसिक टीम ने साक्ष्य इकट्ठा किया।
इन घटनाओं में मिली लक्षणीय बात यह है कि झलक‑झलक करके छोटे‑छोटे स्याही‑टैंक या गैस सिलेंडर में बदलाव किया जा रहा है, जिससे पता चलता है कि ये टोटे-टोटे हादसे नहीं, बल्कि लक्षित हमले हैं।
डिल्ली पुलिस ने कहा कि अभी तक कोई दायरा नहीं मिला, लेकिन वे उद्योगिक क्षेत्रों, रेलवे स्टेशन और व्यस्त बाजारों को खास निगरानी में रख रहे हैं। दिल्ली कार्यपालक अधिकारी (DDA) ने तेज़ी से चेतावनी जारी की और सभी सार्वजनिक स्थानों पर सस्पेक्टेड पैकेज की रिपोर्ट करने को कहा।
सुरक्षा विशेषज्ञों का मानना है कि इस साल के अंत तक खतरा कम नहीं होगा जब तक कूटनीतिक और पुलिसी कदम न बढ़ाए जाएँ। उन्होंने कहा, ‘हर किसी को अपने आस‑पास की स्थिति पर नज़र रखनी चाहिए और अनजाने में दिखने वाले सामान को छुएँ नहीं।’
अब सवाल बचता है – इन घटनाओं से बचाने के लिए हमें क्या करना चाहिए?
सबसे आसान उपाय है, भीड़भाड़ वाले इलाकों में अचानक धुंधला शोर या अजीब महक महसूस होने पर तुरंत सुरक्षा कर्मियों को सूचित करें। अगर आप किसी बैग या पैकेज को असामान्य लगते देखिए, तो उसे स्पर्श न करें, दूर से रखें और पुलिस को बतायें।
घर पर भी आप एक छोटा एम्बुलेंस किट बना सकते हैं, जिसमें बुनियादी दवाइयाँ, प्राथमिक चिकित्सा सामग्री और एक फायर‑एग्ज़ॉस्ट बैनर हो। यह छोटे‑छोटे दुर्घटनाओं में मददगार साबित हो सकता है।
सड़क पर चलते समय मोबाइल या हेडफ़ोन का वॉल्यूम कम रखें, ताकि आप आसपास की आवाज़ें सुन सकें। अगर कोई तेज़ ध्वनि या विस्फोट सुनाई दे, तो तुरंत सुरक्षित स्थान की ओर बढ़ें और भीड़ से दूर रहें।
अगर आप किसी सार्वजनिक इवेंट में भाग ले रहे हैं, तो पहले से ही निकास के रास्ते को पहचान लें। इमरजेंसी अलार्म या एटिकॉड्स की स्थिति में आप जल्दी से बाहर निकल सकते हैं।
दिल्ली में कई नागरिक समूह और NGOs भी इस समस्या के समाधान में मदद कर रहे हैं। आप उनके सोशल मीडिया पेजों को फॉलो कर सकते हैं, जहाँ नियमित रूप से अपडेट और टिप्स शेयर किए जाते हैं।अंत में, याद रखें कि सुरक्षा केवल सरकार का काम नहीं, बल्कि हर एक नागरिक की जिम्मेदारी है। जब आप सतर्क रहेंगे, तो आप न सिर्फ खुद की बल्कि दूसरों की भी रक्षा करेंगे।
अगर आप को हाल ही में कोई संदिग्ध पैकेज या आवाज़ सुनाई देती है, तो तुरंत 112 पर कॉल करें और घटना की पूरी जानकारी दें। छोटी‑सी मदद भी बड़ी आपदा को रोक सकती है।
दिल्ली के रोहिणी में सीआरपीएफ स्कूल में बम धमाके ने टेलीग्राम पर खालिस्तानी एंगल की जांच को तेज कर दिया है। इस धमाके को लेकर दिल्ली पुलिस ने जांच शुरू की है और एक टेलीग्राम चैनल 'जस्टिस लीग इंडिया' के दावे पर सवाल उठाए हैं। इस घटना ने सोशल मीडिया प्लेटफार्मों के दुरुपयोग पर भी सवाल खड़े किए हैं।
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