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एयरपोर्ट हादसा: कारण, असर और बचाव के क्या टिप्स?

हवाई अड्डे पर दुर्घटना सुनते ही दिल थरथरा जाता है। लेकिन अक्सर हम कारणों को नहीं समझ पाते और ऐसी ही घटनाओं से बचना मुश्किल लगता है। यहां हम आसान शब्दों में बताएंगे कि एयरपोर्ट हादसे क्यों होते हैं और आप खुद को कैसे सुरक्षित रख सकते हैं।

हालिया प्रमुख एयरपोर्ट हादसे

पिछले साल में कई बड़े हवाई अड्डों पर हादसे हुए। एक बड़ा उदाहरण था मुम्बई एयरपोर्ट पर विमान का टैकसिडी कार्य करते समय लैंडिंग गियर में दिक्कत आना, जिससे 20 मिनट के लिए सभी फ्लाइट्स रद्द हो गईं। दूसरा प्रमुख केस था कोलकाता शत्रुज्येतपुत्री अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर बर्फीले मौसम में टैक्सीवे पर विमान टकरा गया, जिससे कई यात्रियों को हल्की चोटें आईं। इन घटनाओं से यह साफ दिखता है कि मौसम, तकनीकी खराबी और मानव त्रुटि तीन प्रमुख कारण हैं।

इन हादसों में हवाई अड्डे की इन्फ्रास्ट्रक्चर, जैसे कि रनवे की लाइटिंग या रेन वाटर ड्रेनेज, भी बड़ा रोल निभाता है। जब ये सही से काम नहीं करते तो उड़ानों को नज़रअंदाज़ नहीं किया जा सकता। एक और केस में, पनजी विमानन में एक छोटे हवाई पट्टी पर रखी गई लाइटिंग फेल हो गई, जिससे पायलट ने मैन्युअली रूट चेंज किया, लेकिन टर्ब्युलेंस के कारण विमान कुछ सेकंड में जमीन से टकरा गया।

हवाई अड्डे की सुरक्षा के आसान उपाय

यात्रियों को खुद भी कई काम करने पड़ते हैं ताकि दुर्घटना का जोखिम कम हो। सबसे पहला काम है, फ्लाइट बोर्डिंग से पहले मौसम रिपोर्ट देखें। अगर बवंडर या भारी बारिश की चेतावनी है तो एयरलाइन से बदलाव या रिफंड पूछें। दूसरा, बॉलिंग एरिया में बहुत देर तक न रुकें। हवाई अड्डे के फर्श पर अक्सर तेल या पानी हो जाता है, जिससे फिसलन का खतरा रहता है।

तीसरा, हमेशा एयरलाइन के अपडेट पर ध्यान दें। बहुत सी एयरलाइनों ने मोबाइल एप्प्स में फ्लाइट स्टेटस रीयल‑टाइम अपडेट दिया है। अगर कोई तकनीकी समस्या है तो एयरलाइन तुरंत सूचनाएं भेज देती है। चौथा, सुरक्षा जांच के दौरान स्टाफ की बात सुनें। अगर किसी सामान को अतिरिक्त जांच की जरूरत है तो वे कारण बताकर मदद करेंगे।

अंत में, अगर आप एयरपोर्ट में देर रात तक रुक रहे हैं, तो ढीली भीड़ वाले क्षेत्रों से बचें। कई बार अचानक रोशनी फेल हो जाती है और भीड़ में हड़बड़ी से दुर्घटनाएं हो सकती हैं। खाली गलियों या कम भीड़ वाले टर्मिनलों में रहें, जहां आप सुरक्षित महसूस करेंगे।

एयरपोर्ट हादसे पूरी तरह से रोकना मुश्किल हो सकता है, लेकिन इन छोटे-छोटे कदमों से आप अपना और अपने साथियों का सुरक्षित सफर सुनिश्चित कर सकते हैं। याद रखें, जानकारी और सतर्कता ही सबसे बड़ी सुरक्षा है।

दिल्ली-एनसीआर में भारी बारिश: जलजमाव, यातायात बाधित, और एयरपोर्ट की छत गिरने से भारी नुकसान

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दिल्ली और एनसीआर में 28 जून को भारी बारिश के कारण जलजमाव, यातायात जाम और दिल्ली एयरपोर्ट के टर्मिनल 1 की छत गिरने जैसी घटनाएँ हुईं। इस हादसे में एक व्यक्ति की मौत हो गई और छह अन्य घायल हो गए। इससे प्रभावित इलाकों में मिंटो ब्रिज और मथुरा रोड भी शामिल हैं।

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