अभी हाल ही में मंकीपॉक्स के बारे में कई बातें सुनने को मिल रही हैं। आप भी पूछ रहे होंगे कि ये बीमारी कितनी खतरनाक है और इससे कैसे बचा जा सकता है। चलिए बिना झंझट के इसे आसान शब्दों में समझते हैं।
मंकीपॉक्स के शुरुआती लक्षण अक्सर साधारण फ्लू जैसे होते हैं – बुखार, सिर दर्द, मसल प्याथ। दो‑तीन दिन बाद शरीर पर लाल‑लाल दाने निकलते हैं। दाने आमतौर पर चेहरे से शुरू होते हैं, फिर पूरे शरीर में फैल जाते हैं। दाने में छोटी‑छोटी ब्लिस्टर्स भी बन सकती हैं, जो कुछ दिनों बाद झिल्ली बनाकर गिरते हैं। अगर आपको इन लक्षणों में से कोई भी दिखे और हाल ही में यात्रा या संपर्क में आए हों, तो डॉक्टर से तुरंत मिलें।
सबसे बेहतर तरीका है बचाव। मंकीपॉक्स से बचने के लिए हाथ‑धोना, भीड़भाड़ वाले जगहों से बचना और संक्रमित व्यक्ति के साथ निकट संपर्क न रखना चाहिए। अगर आपको टीका उपलब्ध है तो वैक्सिन ले लेना फायदेमंद है, क्योंकि इससे रोग की गंभीरता कम होती है। अगर बीमारी हो भी जाए, तो हल्के एंटीवायरल दवाएँ और आराम से ठीक हो सकते हैं। डॉक्टर अक्सर दर्द‑निवारक और बुखार कम करने वाली दवाएँ देते हैं।
याद रखें, मंकीपॉक्स बहुत ज़्यादा फैलता नहीं है, लेकिन सावधानी बरतना ज़रूरी है। खबरों पर नजर रखें, विशेषकर आपके क्षेत्र में कब केस रिपोर्ट हुए हैं। हर बात को अफवाह नहीं मानें, आधिकारिक स्रोतों से जानकारी लें।
आपको अगर और सवाल हों या कोई नया केस रिपोर्ट सुनें, तो नीचे कमेंट में लिखें। हम कोशिश करेंगे कि सबसे ताज़ा अपडेट आपको जल्दी से जल्दी दें।
सोमवार को स्वास्थ्य मंत्रालय ने भारत में मंकीपॉक्स वायरस के एक मामले की पुष्टि की। यह घोषणा विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) द्वारा मंकीपॉक्स को अंतरराष्ट्रीय सार्वजनिक स्वास्थ्य आपातकाल घोषित करने के बाद आई है। मरीज को पहचान किया और आइसोलेट कर दिया गया है। मंत्रालय ने कहा है कि बड़ी महामारी के फैलने का जोखिम कम है।
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