स्वादिष्‍ट समाचार
  • हमारे बारे में
  • सेवा की शर्तें
  • गोपनीयता नीति
  • संपर्क

मार्केट कैपिटलाइजेशन क्या है?

मार्केट कैपिटालाइज़ेशन, या संक्षेप में मार्केट कैप, एक कंपनी की कुल वैल्यू बताता है। इसे शेयर की कीमत को कंपनी के कुल जारी शेयरों की संख्या से गुणा करके निकालते हैं। यानी अगर एक कंपनी के 10 करोड़ शेयर हैं और हर शेयर की कीमत 50 रुपये है, तो उसकी मार्केट कैप 500 करोड़ रुपये होगी। यह आंकड़ा निवेशकों को जल्दी से बताता है कि कंपनी बड़ी है, मध्यम है या छोटी।

गणना का तरीका

गणना बहुत आसान है – शेयर मूल्य × कुल शेयर। शेयर मूल्य यानी आज के दिन ट्रेडिंग बाजार में शेयर पर जो कीमत लगती है। कुल शेयर वो सारे शेयर हैं जो कंपनी ने जनता को बेचे हैं, यानी फ्री फ्लोट शेयर। कभी‑कभी बोनस शेयर या स्टॉक स्प्लिट के बाद यह संख्या बदलती है, इसलिए अपडेटेड डेटा देखना जरूरी है।

उदाहरण के लिए, रिलायंस इंडस्ट्रीज़ की शेयर कीमत लगभग 2,500 रुपये है और उसके पास 70 करोड़ शेयर हों तो उसकी मार्केट कैप लगभग 1.75 ट्रिलियन रुपये होगी। वही मेंटरशिप‑फोकस्ड स्टार्ट‑अप का शेयर मूल्य 100 रुपये और 1 करोड़ शेयर हो तो उसका मार्केट कैप सिर्फ 100 करोड़ रहेगा। इससे आप जल्दी से कंपनी की तुलना कर सकते हैं।

निवेश में क्यों काम आता है?

मार्केट कैप को समझना किसी भी निवेशक के लिए बेसिक है क्योंकि यह बताता है कि कंपनी का जोखिम स्तर क्या हो सकता है। बड़ी कंपनियों (Large Cap) में अक्सर स्थिर रिटर्न और कम जोखिम होता है, जबकि मिड‑कैप और स्मॉल‑कैप में रिटर्न की संभावना ज्यादा लेकिन अस्थिरता भी अधिक रहती है। इसलिए पोर्टफ़ोलियो बनाने से पहले आप अपने जोखिम प्रोफ़ाइल के हिसाब से कैप के अलग‑अलग वर्गों में निवेश बाँटते हैं।

और एक बात, मार्केट कैप सिर्फ कंपनी का आकार नहीं, बल्कि उसकी बाजार में धारणा भी दिखाता है। अगर कोई कंपनी नई तकनीक या बड़े प्रोजेक्ट की घोषणा करती है, तो शेयर कीमत तेज़ी से बढ़ सकती है, जिससे मार्केट कैप अचानक उछाल लेती है। इस तरह के अचानक बदलावों को “कैप रिनोवेशन” कहा जाता है और ये छोटे‑वित्तीय निवेशकों को जल्दी‑जल्दी प्रॉफिट या लॉस का सामना करा सकते हैं।

इसीलिए निवेश करने से पहले आप हमेशा कंपनी के फंडामेंटल्स – जैसे राजस्व, लाभ, प्रबंधन, डिविडेंड आदि – को भी देखना चाहिए, सिर्फ मार्केट कैप नहीं। साथ ही, मार्केट कैप के आधार पर विभिन्न इंडेक्स (NIFTY 50, Sensex) भी बनते हैं, जो पूरे बाजार की दिशा बताते हैं। इस इंडेक्स को फॉलो करके आप बाजार के मूवमेंट को समझ सकते हैं और सही टाइम पर एंट्री‑एग्ज़िट कर सकते हैं।

संक्षेप में, मार्केट कैपिटलाइजेशन एक आसान, जल्दी‑से‑जानने वाला मेट्रिक है जो आपको कंपनी के आकार, जोखिम और संभावित रिटर्न का आभास देता है। इसे सही डेटा के साथ निकालें, फंडामेंटल एनालिसिस के साथ मिलाएँ, और फिर अपने निवेश लक्ष्य के हिसाब से एसेट अलोकेशन बनाएं। आपका पोर्टफ़ोलियो तभी मजबूत रहेगा जब आप मार्केट कैप को एक टूल की तरह उपयोग करेंगे, न कि एक ही निर्णय का आधार।

Nvidia: दुनिया की सबसे मूल्यवान कंपनी बनी, Microsoft और Apple को पछाड़ा

Nvidia: दुनिया की सबसे मूल्यवान कंपनी बनी, Microsoft और Apple को पछाड़ा

Nvidia ने Microsoft और Apple को पीछे छोड़ते हुए दुनिया की सबसे मूल्यवान कंपनी बन गई है। इसके शेयर 3.5 प्रतिशत बढ़कर $135 पहुंचे, जिससे इसकी मार्केट कैपिटलाइजेशन $3.34 ट्रिलियन हो गई। इस साल Nvidia के शेयरों ने 173 प्रतिशत की हासिल की है, जबकि Microsoft के शेयरों में सिर्फ 19 प्रतिशत की वृद्धि हुई है।

अधिक

© 2025. सर्वाधिकार सुरक्षित|