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पैरालंपिक्स क्या है? समझिए आसान भाषा में

पैरालंपिक्स वो अंतर्राष्ट्रीय खेल इवेंट है जहाँ विकलांग एथलीट अपनी ताकत दिखाते हैं। यह ओलंपिक के बाद दो हफ्ते में चलता है और हर खेल में अलग‑अलग श्रेणियों के अनुसार प्रतियोगिता होती है। चोट, जन्मजात विकलांगता या बीमारी की वजह से चलने‑फिरने में दिक्कत वाले लोग यहाँ अपने सपनों को सच कराते हैं। अगर आप खेल प्रेमी हैं तो पैरालंपिक्स भी आपका ध्यान खींचेगा, क्योंकि यहाँ जीत का अहसास भी बिल्कुल ओलंपिक जैसा होता है।

पैरालंपिक्स की मुख्य बातें

पैरालंपिक्स हर चार साल में आयोजित होता है, ठीक ओलंपिक की तरह। इस इवेंट में एथलीट्स को ‘क्लासिफिकेशन’ के आधार पर समूहबद्ध किया जाता है – जैसे wheelchair, visual impairment, या cerebral palsy। इस तरह नतीजे समान स्तर के एथलीट्स के बीच ही आते हैं। खेलों में एथलेटिक्स, स्विमिंग, बास्केटबॉल, वॉलेटबॉल, टेनिस और कई और शामिल हैं। भारत ने पिछले पैरालंपिक्स में कई मीडल्स जिता हैं, और इस साल भी उम्मीद है कि नई प्रतिभाएँ सामने आएँगी।

फ़ाइलें, रिकॉर्ड, और परिणाम अभी‑तभी ऑनलाइन अपलोड होते हैं, तो आप रीयल‑टाइम में देख सकते हैं कि कौन जीत रहा है। अगर आप लाइव देखना चाहते हैं तो राष्ट्रीय टेलीविजन चैनल और OTT प्लेटफ़ॉर्म दोनों पर स्ट्रीमिंग उपलब्ध होती है।

भारत में पैरालंपिक्स की प्रगति

भारत में पैरालंपिक्स की लोकप्रियता धीरे‑धीरे बढ़ रही है। राष्ट्रीय पैरालंपिक समिति (NPC) हर साल एथलीट्स की चुनिंदा ट्रेनिंग, फैंस को जागरूक करने और स्पॉन्सरशिप को बढ़ाने पर काम करती है। पिछले कई सालों में क़वीर सिंह, अनीता शर्मा, और डॉ. संदीप गुप्ता जैसे नाम सिनेमा की तरह बन गए हैं। उनके जीतने से नयी पीढ़ी को प्रेरणा मिलती है।

वित्तीय मदद, बेहतर इंफ़्रास्ट्रक्चर और एक्सेसिबल ट्रेनिंग सेंटर की वजह से अब छोटे‑छोटे शहरों में भी पैरालंपिक एथलीट्स उभर रहे हैं। अगर आप एथलीट बनना चाहते हैं तो निकटतम NPC केंद्र से संपर्क कर सकते हैं, जहाँ कोचिंग और स्कॉलरशिप दोनों मिलते हैं।

साथ ही, सोशल मीडिया पर हैशटैग #ParalympicsIndia और #ParaAthlete के ज़रिए आप अपडेटेड सूचनाएँ पा सकते हैं। अक्सर नई स्ट्रेटेजी, रेज़ल्ट्स और प्रतियोगी ट्रीटमेंट के बारे में चर्चा होती है, जिससे फैंस भी एलीट एथलीट्स के करीब आते हैं।

तो, चाहे आप एक उत्साही दर्शक हों या खुद खेल में हाथ आज़माना चाहते हों, पैरालंपिक्स आपके लिये कई मौके लाता है। नई खबरों, रैंकिंग और मीडल टेबल के लिए इस पेज को नियमित पढ़ते रहें – यहाँ पर हर अपडेट आसान भाषा में मिलेगा, जिससे आप कभी भी पीछे नहीं रहेंगे।

योगेश कथूनिया ने पेरिस पैरालंपिक्स में पुरुषों की डिस्कस थ्रो F56 में जीता रजत पदक

योगेश कथूनिया ने पेरिस पैरालंपिक्स में पुरुषों की डिस्कस थ्रो F56 में जीता रजत पदक

भारतीय पैराएथलीट योगेश कथूनिया ने पेरिस पैरालंपिक्स में पुरुषों की डिस्कस थ्रो F56 इवेंट में रजत पदक जीता है। उन्होंने अपने पहले प्रयास में 42.22 मीटर का थ्रो कर सीजन का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन किया। यह उनके लिए दूसरा पैरालंपिक पदक है, इससे पहले उन्होंने टोक्यो पैरालंपिक्स में भी रजत पदक जीता था।

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