आप यहाँ ‘पितृ पक्ष’ टैग से जुड़ी सबसे नई खबरें, राय‑विचार और विश्लेषण पढ़ सकते हैं। अगर आप राजनीति, सामाजिक मुद्दों या विशेष रूप से पितृ पक्ष की भूमिका में रुचि रखते हैं, तो ये पेज आपके लिए है। हर लेख को सरल भाषा में लिखा गया है, ताकि आप जल्दी‑से‑समझ सकें और अपडेट रह सकें।
‘पितृ पक्ष’ शब्द अक्सर पारिवारिक और सामाजिक संरचना में इस्तेमाल होता है। इसका मतलब है वह हिस्सा जहाँ पिता या पुरुष सदस्य अधिकार, जिम्मेदारी और निर्णय‑लेना संभालते हैं। भारत में पितृ पक्ष की परिप्रेक्ष्य धर्म, रीति‑रिवाज और कानूनी प्रथा से जुड़ी है। आजकल इस अवधारणा पर विभिन्न राय बनती हैं – कुछ लोग इसे पारंपरिक मानते हैं, तो कुछ इसे बदलाव की जरूरत वाला देखते हैं। इस टैग में ऐसे ही बहस‑परिचर्चा के लेख मिलेंगे जो आपको इस मुद्दे के अलग‑अलग पहलुओं से रूबरू कराते हैं।
हाल ही में कई ख़बरें पितृ पक्ष के असर को उजागर करती हैं। उदाहरण के तौर पर, भाजपा के नेता ने पितृ पक्ष को सशक्त बनाने के लिए नए बिल की घोषणा की, जिससे महिलाओं के विरासत अधिकारों में बदलाव की बात आई। इसी तरह, पारिवारिक विवादों में अदालतों ने अक्सर पितृ पक्ष को प्राथमिकता दी, जिससे कई मामलों में संपत्ति बंटवारा प्रभावित हुआ। आप इन लेखों को पढ़कर समझ सकते हैं कि अदालतें किन मानदंडों को अहम मान रही हैं।
‘पितृ पक्ष’ टैग में नीचे कुछ ताज़ा लेख भी हैं जो आपके ध्यान में आएँगे:
इन लेखों को पढ़ने से आपको पता चलेगा कि पितृ पक्ष सिर्फ पारिवारिक नियम तक सीमित नहीं, बल्कि राजनीति, आर्थिक नीति और अंतरराष्ट्रीय संबंधों में भी जुड़ा हुआ है। अगर आप यह जानना चाहते हैं कि सरकार कौन‑से कदम उठा रही है, तो इन रिपोर्ट्स को नहीं छोड़ें।
पितृ पक्ष पर राय‑विचार अक्सर सोशल मीडिया पर भी तेज़ी से फैलते हैं। कई विशेषज्ञ कहते हैं कि अकेले पितृ पक्ष को सशक्त बनाना काफी नहीं, बल्कि समानता के साथ चलना ज़रूरी है। हमारे लेखों में ये राय भी शामिल हैं – जैसे कि ‘पितृ पक्ष और महिला सशक्तिकरण’ पर विशेषज्ञ पैनल की चर्चा।
अगर आप पितृ पक्ष से जुड़ी खबरों को रोज़ाना ट्रैक करना चाहते हैं, तो इस पेज को बुकमार्क कर लें। हम हर दिन नई ख़बरें और गहन विश्लेषण जोड़ते हैं, जिससे आप हमेशा अपडेट रहें। याद रखिए, जानकारी शक्ति है – चाहे वह आर्थिक नीति हो या सामाजिक बदलाव, पितृ पक्ष की समझ से आप बेहतर निर्णय ले सकते हैं।
अंत में, अगर आपके पास कोई सवाल या सुझाव है, तो टिप्पणी सेक्शन में लिखें। हम आपके विचारों को पढ़ेंगे और अगली ख़बरों में शामिल करने की कोशिश करेंगे। आपके साथ जुड़कर हम इस महत्वपूर्ण विषय को और गहरा बना सकते हैं।
साल का आखिरी सूर्य ग्रहण 21-22 सितंबर 2025 की रात होगा, लेकिन भारत से नहीं दिखेगा क्योंकि उस समय सूर्य क्षितिज के नीचे रहेगा। आंशिक ग्रहण का अधिकतम चरण 22 सितंबर को 1:11 AM IST पर है और कुल अवधि 4 घंटे 24 मिनट रहेगी। न्यूज़ीलैंड, पूर्वी ऑस्ट्रेलिया, अंटार्कटिका और कुछ प्रशांत द्वीपों में दृश्यता रहेगी। पितृ पक्ष की सर्व पितृ अमावस्या से मेल होने के बावजूद भारत में सूतक लागू नहीं होगा।
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