संक्रमण शब्द सुनते ही दिमाग में अक्सर बुखार, खाँसी या फ्लू आ जाता है, लेकिन असल में यह कई रूप ले सकता है। चाहे वह वायरस, बैक्टीरिया या फंफुओं से हो, हर प्रकार का संक्रमण हमारे शरीर को प्रभावित करता है। इस पेज पर हम सरल भाषा में बताएँगे कि संक्रमण कैसे होता है, उसके लक्षण क्या हैं और आप क्या कर सकते हैं खुद को और अपने परिवार को बचाने के लिए।
सबसे पहले जानिए कौन‑कौन से संक्रमण हमारे रोज़मर्रा के जीवन में आते हैं।
• वायरल संक्रमण – जैसे कोविड‑19, इन्फ्लूएंजा, डेंगू। ये अक्सर बुखार, सिरदर्द और ठंड लगने से शुरू होते हैं।
• बैक्टीरियल संक्रमण – जैसे निमोनिया, टाइफ़ाइड। इनमें तेज़ बुखार, खाँसी या पेट में दर्द आम होते हैं।
• फ़ंगल संक्रमण – जैसे डैंड्रफ़ या कैंडिडिएसिस। त्वचा पर खुजली या लालिमा के रूप में दिखते हैं।
यदि इनमें से कोई भी लक्षण लगातार दो‑तीन दिन तक बना रहे तो डॉक्टर से मिलना बेहतर है, खासकर अगर बुखार 38°C से ऊपर हो।
संक्रमण से बचने के लिए बड़े कदम नहीं, छोटे‑छोटे आदतों में बदलाव काफी मदद कर सकते हैं।
1. हाथ धोना – साबुन से कम से कम 20 सेकंड तक धोएँ, खासकर बाहर से घर आने पर।
2. मास्क पहनना – जब भी भीड़भाड़ वाले स्थान पर जाएँ, खासकर सर्दी‑जुकाम के मौसम में।
3. स्वच्छता बनाए रखें – घर और कार्यस्थल को धूल‑धक्के से मुक्त रखें, सतहें नियमित साफ करें।
4. स्वस्थ आहार – फल, सब्ज़ी और प्रोटीन वाला खाना खाएँ, ताकि इम्यून सिस्टम मजबूत रहे।
5. नींद और व्यायाम – पर्याप्त नींद और रोज़ाना हल्का व्यायाम शरीर को रोग‑प्रतिकारक बनाता है।
इन सरल टिप्स को अपनाकर आप न सिर्फ खुद को, बल्कि अपने आसपास के लोगों को भी संक्रमण से बचा सकते हैं। याद रखें, बीमारी की शुरुआती पहचान और समय पर उपचार सबसे बड़ी रक्षा है।
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गुजरात में संदिग्ध चांडीपुरा वायरस संक्रमण से छह बच्चों की मौत हो गई है। राज्य में कुल 12 संदिग्ध मामलों की जानकारी दी गई है, जिसमें साबरकंठा, अरावली, महिसागर और खेड़ा जिलों के साथ राजस्थान और मध्य प्रदेश के मरीज शामिल हैं। यह संक्रमण संधिप्राणियों और मच्छरों के काटने से फैलता है और अधिकतर 15 साल से कम उम्र के बच्चों को प्रभावित करता है।
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