सर्वाइकल कैंसर महिलाओं की सबसे ख़तरनाक बीमारियों में से एक है, पर अगर समय से पता चल जाए तो इलाज आसान हो जाता है। इस लेख में हम बात करेंगे कि कब ध्यान दें, क्यों ये कैंसर होता है और कैसे बचाव किया जा सकता है। चलिए शुरू करते हैं।
बहुत से लोग सोचते हैं कि दर्द या रक्तस्राव ही समस्या का संकेत है, पर असली लक्षण अक्सर हलके होते हैं। प्रमुख संकेत हैं:
अगर इनमें से कोई भी लक्षण लगातार दो‑तीन महीने तक बना रहे, तो डॉक्टर से मिलें। शुरुआती जांच से ही बीमारी को पहचाना जा सकता है।
सर्वाइकल कैंसर के कई कारण होते हैं, पर कुछ मुख्य जोखिम कारक प्रमुख हैं:
इन कारणों को समझकर आप अपनी ज़रूरत के अनुसार कदम उठा सकते हैं। उदाहरण के तौर पर, एचपीवी वैक्सीन ली जा सकती है, जो कई सालों में कैंसर से बचाव देती है।
अब बात करते हैं बचाव की। सबसे असरदार तरीका है नियमित स्क्रीनिंग, जैसे पॅप स्मीयर और HPV टेस्ट। इन्हें हर 3‑5 साल में करवाना चाहिए, खासकर 30 साल और उससे ऊपर की महिलाओं को। साथ ही, स्वस्थ जीवनशैली अपनाएँ – विटामिन‑सी और एंटीऑक्सिडेंट से भरपूर खाना, धूम्रपान से दूर रहें और शारीरिक गतिविधि रखें।
अगर कैंसर का पता चल जाता है तो इलाज भी कई विकल्पों में उपलब्ध है: सर्जरी, रेडिएशन थैरेपी या कीमोथैरेपी, या इनके मिलेजुले तरीके। डॉक्टर से बात करके आपके स्टेज के अनुसार सबसे उपयुक्त योजना तय की जाती है। शुरुआती चरण में अक्सर सर्जरी पर्याप्त रहती है, जबकि आगे के चरणों में अतिरिक्त उपचार की जरूरत पड़ सकती है।
ध्यान रखें, किसी भी लक्षण को नजरअंदाज़ न करें और समय‑समय पर जांच करवाते रहें। आपका स्वास्थ्य आपका हाथ में है, सही जानकारी और कार्रवाई से आप इस बीमारी को मात दे सकते हैं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने डेलावेयर में आयोजित क्वाड कैंसर मूनशॉट इवेंट के दौरान सर्वाइकल कैंसर से लड़ने के लिए USD 7.5 मिलियन समर्थन की घोषणा की है। इस पहल का लक्ष्य कैंसर अनुसंधान और उपचार को बढ़ावा देना है, और यह विश्व स्वास्थ्य क्षेत्र में भारत की प्रतिबद्धता को दर्शाता है।
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