स्वादिष्‍ट समाचार
  • हमारे बारे में
  • सेवा की शर्तें
  • गोपनीयता नीति
  • संपर्क

सावन त्योहार: क्या है, कैसे मनाते हैं और क्या खाएँ?

सावन, यानी हिंदु कैलेंडर का सातवां महीना, अक्सर अगस्त‑सितंबर में आता है। यह महीना बारिश, हरी‑भरी खेत और भक्ति के रंगों से भरपूर होता है। भारत के कई हिस्सों में सावन को सिर्फ मौसम नहीं, बल्कि एक बड़ा मनोरंजन और आध्यात्मिक उत्सव मानते हैं।

सावन के प्रमुख रीतीरिवाज़

सावन में सबसे लोकप्रिय प्रथा है झूंवरों में भीगना। खासकर गुजरात, राजस्थान और उत्तर प्रदेश में लोग बड़े झूले स्थापित कर बच्चे‑बच्ची को झूला झुलाते हैं, जो भाग्य‑शुभकामनाओं का प्रतीक माना जाता है। इसके साथ ही सावन में फागड़ और गरबा का जमावड़ा होता है। रात को ढोल‑नागाड़े की धुन पर लोग घूमते‑घूमते थिरकते हैं, ये माहौल को और जीवंत बना देता है।

महाराष्ट्र में तिज का उत्सव बहुत धूमधाम से मनाया जाता है। इसमें बेटियां अपनी सास‑ससुर को उपहार देती हैं, माँ‑बेटी के बीच प्यार का बंधन गहरा होता है। बिहार‑झारखंड में सावन के फुहार (फगुआ) में पान और फलों की थालियां सजाकर संग-संग गाने गाए जाते हैं।

सावन में क्या खाते‑पीते हैं?

बारिश के मौसम में ठंडी हवा के साथ दिल को गर्म रखने के लिए कई खास पकवान बनते हैं। गुड़‑पुड़ी, भुना कच्चा आम, दारू‑भरा ठंडा लस्सी और चपाती के साथ सरसों का साग सावन की डिशेज़ में सोने पर लकीर। महाराष्ट्रियों में प्याज के साथ मटकी के लड्डू और गुजरात में काबुली चना की चटनी बहुत पसंद की जाती है।

बाजारों में मीठे‑मीठे साबूदाना वड़ा, आलू के टिक्की और पापड़ की क्यारी लगती है। छोटे‑बड़े सब इसे हाथ में ले कर बारिश की भीनी-भीनी महक के साथ चखा करते हैं।

अगर आप यात्रा के झाँझ में हैं तो सावन के दौर में भारी भीड़ वाले मंदिरों और घाटों पर जाने से बचें। ऊँची भीड़ में कव्वाली और भजन सुनना बेहतर रहता है, क्योंकि धूप‑सरदी के बीच आवाज़ें ठीक से सुनाई देती हैं।

सावन में आने वाले शॉपिंग मेले, स्थानीय कलाकारों के प्रदर्शन और भव्य रंगोली भी देख सकते हैं। इनसे आपका सफर और मज़ेदार बन जाता है।

सावन का मतलब सिर्फ बारिश नहीं, बल्कि ज़िंदगी में नई ऊर्जा भरना है। चाहे आप गीले पुतलों में भीग रहे हों या गरबा की धुन पर नाच रहे हों, इस महीने का हर लम्हा ख़ास है। तो इस बरस के सावन में इन रीतीरिवाज़ों को अपनाएँ और अपने परिवार के साथ खुशियों की बरसात में भीगें।

हरीयाली तीज 2024: तिथि, समय, महत्व, रीति-रिवाज, व्रत नियम, और पूजा विधि

हरीयाली तीज 2024: तिथि, समय, महत्व, रीति-रिवाज, व्रत नियम, और पूजा विधि

हरीयाली तीज, जो हिंदू संस्कृति में एक महत्वपूर्ण त्यौहार है, 7 अगस्त 2024 को मनाई जाएगी। यह त्यौहार भगवान शिव और देवी पार्वती के मिलन का प्रतीक है और इसे सावन मास के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को मनाया जाता है। महिलाएं पारंपरिक सोलह श्रृंगार करती हैं और व्रत रखती हैं। यह त्यौहार विशेष रूप से विवाहित महिलाओं द्वारा मनाया जाता है, जो अपने वैवाहिक सुख और समृद्धि के लिए प्रार्थना करती हैं।

अधिक

© 2025. सर्वाधिकार सुरक्षित|