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तीज व्रत – क्या है और कैसे रखें सही पूजा?

तीज भारतीय महिलाओं का खास त्यौहार है, जिसमें माँ, पत्नी, बहनें और सासें मिलकर व्रत रखती हैं। यह त्यौहार शरद ऋतु में आता है और मुख्यत: पति की लंबी आयु और सुख-समृद्धि के लिए मनाया जाता है। तीज के दिन महिलाएँ सूनिचे पर बैठकर दही, गुझिया और संत्रा खा कर व्रत तोड़ती हैं। अगर आप पहली बार तीज व्रत रख रहे हैं तो नीचे दिए गए आसान कदम अपनाएँ, ताकि आपका व्रत सही तरीके से हो सके।

तारीख और समय‑निर्धारण

तीज महाकालिका व्रत के रूप में तीन मुख्य संस्करणों में आता है – हरियाली तीज, माघ तीज और ग्रीष्म तीज। इन में सबसे लोकप्रिय ‘हरियाली तीज’ है, जो जयन्ती पूर्णिमा को मनाई जाती है। इस दिन रीति‑रिवाज़ सुबह 4 बजे से लेकर दोपहर 12 बजे तक होते हैं। अगर आप इस दिन व्रत रख रहे हैं तो पूरे दिन पानी पिएँ, हल्का फल और फलों का रस लें, ताकि शरीर हल्का रहे।

व्रत रखने की आसान विधि

1. सफाई और सजावट – अपने घर को पूरी तरह साफ करें, दरवाजे पर तुलसी का पत्ता लटकाएँ और नारियल की राख या चूड़ा रखे।
2. सुनिचे (सिंचन) – सुबह 5‑6 बजे सफ़ेद कपड़े पर बैठें, हाथ में ताजिया या कागज़ रखकर फलों और फूलों से सजाएँ।
3. पानी का सेवन – व्रत में केवल शुद्ध पानी, नारियल पानी या नींबू पानी ही पीना चाहिए।
4. भोजन – शाम को दही, मिश्रित दाल, गाजर का हलुवा और ताज़ा फल खाएँ। यदि आप पूरी दिन का व्रत रखना चाहते हैं तो दही ही मुख्य भोजन हो सकता है।
5. पूजा – माँ का पात्र (प्याल) साफ करके उसमें नारियल, पिचकारी, फूल और आटा रखें। गहरी साँस लेकर माँ के नाम मंत्र जपें – “ॐ मातृ रूपेण सरस्वती” और “ॐ जय श्री हरी”।

तीज व्रत के दौरान बाली में बेल जैसी चीज़ों से बचें, क्योंकि माना जाता है कि इससे व्रत में बाधा आती है। साथ ही, नींद को कम रखें, क्योंकि रात्रि भाग्य को संवारता है।

व्रत के बाद आप हल्का भोजन जैसे खिचड़ी, दही पुरी या उपमा खा सकते हैं। यह शरीर को पोषण देगा और व्रत के बाद आरामदायक महसूस होगा।

तीज पूजन का सबसे बड़ा लाभ है मन की शांति और पति‑पत्नी के बीच का प्रेम बढ़ना। कई महिलाएँ बताती हैं कि इस दिन के बाद उनका घर में सुख‑समृद्धि बढ़ गई। तो आप भी अपने परिवार के साथ इस त्यौहार को मनाकर अपने जीवन में सकारात्मक ऊर्जा लाएँ।

अगर आप तीज के बारे में और जानकारी चाहते हैं, तो हमारे अन्य लेखों में ‘तीज के प्रसाद’, ‘तीज की परम्पराएँ’, और ‘ताजगी से भरपूर तीज के व्यंजन’ पढ़ सकते हैं। इस त्यौहार को सरलता और दिल से मनाएँ, और अपने घर में खुशियों का रंग भरें।

हरीयाली तीज 2024: तिथि, समय, महत्व, रीति-रिवाज, व्रत नियम, और पूजा विधि

हरीयाली तीज 2024: तिथि, समय, महत्व, रीति-रिवाज, व्रत नियम, और पूजा विधि

हरीयाली तीज, जो हिंदू संस्कृति में एक महत्वपूर्ण त्यौहार है, 7 अगस्त 2024 को मनाई जाएगी। यह त्यौहार भगवान शिव और देवी पार्वती के मिलन का प्रतीक है और इसे सावन मास के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को मनाया जाता है। महिलाएं पारंपरिक सोलह श्रृंगार करती हैं और व्रत रखती हैं। यह त्यौहार विशेष रूप से विवाहित महिलाओं द्वारा मनाया जाता है, जो अपने वैवाहिक सुख और समृद्धि के लिए प्रार्थना करती हैं।

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