आजकल खबरों में लगातार नई‑नई बीमारी के अपडेट आते रहते हैं। चाहे कोविड‑19 की नई वैरिएंट हो या इन्फ्लूएंजा का प्रकोप, हर दिन कुछ न कुछ नया सुनने को मिलता है। इस लेख में हम सरल शब्दों में समझेंगे कि वर्तमान में कौन‑कौन सी चुनौतियाँ हैं, विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) क्या सलाह दे रहा है, और आपके लिए सबसे उपयोगी बचाव उपाय क्या हैं।
डब्ल्यूएचओ के आंकड़े दिखाते हैं कि अभी दुनिया में तीन बड़े मुद्दे प्रमुख हैं: कोविड‑19 की नई स्ट्रेन, मौसमी इन्फ्लूएंजा, और एंटी‑बायोटिक‑रेज़िस्टेंट बैक्टीरिया। कॉरोना के मामले धीरे‑धीरे घट रहे हैं, पर कुछ देशों में ओमिक्रॉन की सुभ-लाइनें फिर से बढ़ रही हैं। इन्फ्लूएंजा का मौसम शुरू हो चुका है, इसलिए बहुत से लोग बुखार, खाँसी और धीरे‑धीरे सांस की परेशानी की शिकायत कर रहे हैं। साथ ही, एंटी‑बायोटिक‑रेज़िस्टेंट बैक्टीरिया के कारण सामान्य संक्रमण भी गंभीर हो सकते हैं, इसलिए डॉक्टरों ने पहले से एंटी‑बायोटिक का अनावश्यक प्रयोग रोकने की सलाह दी है।
आप इन बड़े संकटों से बचने के लिए कुछ आसान habits अपना सकते हैं। सबसे पहले, अपने हाथों को साबुून और पानी से कम से कम 20 सेकंड तक धोएँ, खासकर भीड़ वाले स्थानों पर आने‑जाने के बाद। हाथ धोना नहीं हो पाए तो अल्कोहल‑आधारित हैंड सैनिटाइज़र का उपयोग करें। दूसरा, दिन में कम से कम पांच बार फेस मास्क पहनें, विशेषकर अगर आप भीड़ में हों या डॉक्टर के पास जा रहे हों। तीसरा, अपनी खप (इम्युनीटी) को मजबूत रखने के लिए पर्याप्त नींद, पौष्टिक भोजन और नियमित व्यायाम करें। विटामिन‑डि और सी का सेवन बढ़ाने से भी शरीर की रक्षा क्षमता सुधरती है।
टीके के बारे में भी सोचना न भूलें। अगर आपने अभी तक कॉरोना बूस्टर नहीं लिया है, तो जल्द से जल्द निकटतम टीकाकरण केंद्र में अपॉइंटमेंट बुक करें। इन्फ्लूएंजा के मौसम में हर साल का फ्लू वैक्सीन भी काफी मददगार साबित हुआ है। डब्ल्यूएचओ कहता है कि वैक्सीन न केवल आपके खुद के जोखिम को कम करता है, बल्कि सामुदायिक इम्युनिटी को भी बढ़ाता है, जिससे पूरे समाज को फायदा होता है।
यदि आप यात्रा की योजना बना रहे हैं, तो गंतव्य देश की स्वास्थ्य सलाह पर नज़र रखें। कई देशों ने अभी भी कुछ क्षेत्रों के लिए क्वारंटीन या परीक्षण की आवश्यकता रखी है। ऐसे नियमों का पालन करने से आपको अनावश्यक परेशानी से बचा जा सकता है। साथ ही, यात्रा के दौरान पानी की बोतल को साफ रखें, खाने‑पीने की चीज़ें अच्छी तरह पकाकर खाएँ, और भीड़ वाले स्थानों में समय सीमा रखें।
मानसिक स्वास्थ्य भी इस संकट में अक्सर अनदेखा हो जाता है। लगातार खबरों की लहर और सामाजिक दूरी से तनाव बढ़ सकता है। इस दौरान छोटे‑छोटे ब्रेक लें, योग या ध्यान करें, और परिवार व मित्रों से फोन या वीडियो कॉल के ज़रिए जुड़ें। अगर आप अति‑भारी महसूस करते हैं, तो प्रोफेशनल काउंसलर से बात करना भी मददगार हो सकता है।
अंत में, याद रखें कि बड़े स्वास्थ्य संकट से लड़ना सिर्फ सरकार या डॉक्टर का काम नहीं है। व्यक्तिगत सावधानी, उचित जानकारी और समय पर वैक्सीन लगवाना हर भारतीय की ज़िम्मेदारी है। इन आसान कदमों को अपनाकर आप न केवल खुद को, बल्कि अपने आस‑पास के लोगों को भी सुरक्षित रख सकते हैं। आगे भी ऐसी ही उपयोगी जानकारी के लिए ‘स्वादिष्ठ समाचार’ से जुड़े रहें।
सोमवार को स्वास्थ्य मंत्रालय ने भारत में मंकीपॉक्स वायरस के एक मामले की पुष्टि की। यह घोषणा विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) द्वारा मंकीपॉक्स को अंतरराष्ट्रीय सार्वजनिक स्वास्थ्य आपातकाल घोषित करने के बाद आई है। मरीज को पहचान किया और आइसोलेट कर दिया गया है। मंत्रालय ने कहा है कि बड़ी महामारी के फैलने का जोखिम कम है।
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