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विधानसभा चुनाव 2025: क्या बदल रहा है और हमें क्या जानना चाहिए?

विधानसभा चुनाव हर पाँच साल में होते हैं और हमारे जीवन के कई पहलुओं को सीधे प्रभावित करते हैं—शिक्षा, स्वास्थ्य, रोजगार और बुनियादी सुविधाएँ। 2025 का चुनाव कई नई तकनीकों, मतदान विकल्पों और राजनीतिक समीक्षाओं के साथ आया है। इस लेख में हम आसान भाषा में बताते हैं कि कौन‑सी तिथियाँ महत्वपूर्ण हैं, वोट कैसे डालें और चुनाव के बाद परिणाम को कैसे समझें।

मुख्य तिथियां और चरण

विधानसभा चुनाव आमतौर पर तीन चरण में होते हैं। पहले चरण में नामांकन की अंतिम तिथि आती है, फिर दाविधरन (नominations) की अंतिम तिथि, और अंत में मतदान (polling) दिवस। 2025 में ये तिथियां इस प्रकार तय हुई हैं:

  • नामांकन अंतिम तिथि: 15 अप्रैल 2025
  • दाविधरन अंतिम तिथि: 30 अप्रैल 2025
  • पहला मतदान चरण: 20 मई 2025
  • अंतिम मतदान चरण: 5 जून 2025
  • गणतांक (गणना) और परिणाम घोषणा: 10 जून 2025

इन तिथियों को याद रखने से आप चुनाव प्रक्रिया में पीछे नहीं रहेंगे और समय पर अपना वोट डाल पाएंगे।

वोट कैसे डालें? आसान चरण‑दर‑चरण गाइड

वोटिंग के लिए आपको नीचे दिए गये कदमों को फॉलो करना है:

  1. अपना वोटर आईडी चेक करें: ऑनलाइन पोर्टल या स्थानीय निर्वाचन कार्यालय से अपने वोटर आईडी नंबर की पुष्टि करें।
  2. वोटिंग साइट जानें: अपने पारिस्थितिक क्षेत्र (पार्टी) के अनुसार निर्धारित मतदान केंद्र पता करें। अधिकांश जिलों में यह जानकारी ऑनलाइन उपलब्ध है।
  3. पहचान प्रमाण साथ रखें: आधार कार्ड, ड्राइविंग लाइसेंस या पासपोर्ट जैसे कोई एक वैध फ़ोटो आईडी लाएँ।
  4. इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (EVM) का उपयोग: वोटर सूची में अपना नाम देखें, फिर प्रेस करके अपनी पसंदीदा पार्टी या उम्मीदवार को चुनें। ध्यान रखें, एक बार बटन दबाने के बाद बदलाव नहीं कर सकते।
  5. वोटिंग के बाद वैध पर्ची ले लें: कई राज्य अब VVPAT (वोटर वेरिफ़ाइएबल पेपर ट्रेल) उपलब्ध कराते हैं, जिससे आप अपना प्रिंटेड रसीद देख सकते हैं।

इन आसान कदमों को फॉलो करके आप बिना किसी झंझट के अपना वोट डाल पाएंगे।

अब सवाल उठता है—क्यों हर वोट मायने रखता है? एक विधानसभा में केवल 200-300 सीटें होती हैं, लेकिन एक सीट का परिणाम पूरी जिले की विकास दिशा तय कर सकता है। यही कारण है कि छोटे‑छोटे पथ पर भी आपदा, सड़क, पानी या बिजली जैसी बुनियादी समस्याओं के समाधान की संभावना बढ़ती है। इसलिए आपका वोट सिर्फ एक व्यक्तिगत अधिकार नहीं, बल्कि सामाजिक बदलाव का इंजन है।

चुनाव परिणाम आने के बाद कई लोग गिनती को लेकर उलझन में पड़ते हैं। आप भी नहीं रहेंगे—आइए देखें कैसे पढ़ें:

  • पहले संख्या में दिखे कुल वोट (इसे ‘कुल वैध वोट’ कहा जाता है)।
  • ‘सुरक्षित बहुमत’ (सैंप्लिंग) वाले क्षेत्रों में जीतने वाले उम्मीदवार का प्रतिशत देखिए।
  • यदि किसी पार्टी के कई उम्मीदवार जीतते हैं, तो उसके ‘संकलित वोट’ को देखें; यह अक्सर सरकार बनने में मदद करता है।
  • गिनती में ‘अमान्य वोट’ (invalid votes) का प्रतिशत भी देखिए; यह आपके वोटिंग प्रक्रिया में छोटी‑छोटी गलती को दिखाता है।

इन बिंदुओं को समझने से आप न केवल परिणाम जान पाएँगे, बल्कि भविष्य की चुनावी रणनीतियों को भी समझ पाएँगे।

अंत में, एक छोटा टिप: अगर आप पहली बार मतदान कर रहे हैं, तो अपने परिवार के अनुभवी सदस्यों या स्थानीय सांसद से सलाह लें। उनका अनुभव आपको प्रक्रिया को तेज़ और सही बनाता है। याद रखें—एक वोट में शक्ति है, और वही शक्ति आपके प्रदेश को बेहतर भविष्य की ओर ले जा सकती है।

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